- महासचिव जगन्नाथ प्रसाद द्विवेदी ने कहा-सीटू पहले भी उठा चुका है इस अस्पताल को मेडिकल कॉलेज बनाने की मांग।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सेल भिलाई स्टील प्लांट के सेक्टर 9 अस्पताल के निजीकरण की कोशिश के खिलाफ सीटू के द्वारा चलाए जा रहे जन जागरण अभियान के तहत गुरुवार को मेन गेट में नुक्कड़ सभा आयोजित की गई, जिसमें सीटू नेताओं ने कहा कि इस्पात मंत्रालय एवं सेल प्रबंधन तरह-तरह के तर्क देकर अस्पताल को निजी हाथों में देने की तैयारी कर रहे है।
इस पर सीटू का दो टूक कहना है कि इस्पात मंत्रालय एवं सेल प्रबंधन हमारा वेतन समझौता तो पूर्ण नहीं करवा पाया है। वही अब हमारे मूलभूत सुविधाओं को निजी हाथों में देने की कोशिश कर रहे है, जिसे भिलाई के लोग कभी होने नहीं देंगे।
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मध्य भारत का सबसे बड़ा रेफरल सेंटर हुआ करता था सेक्टर 9 अस्पताल
सीटू के अस्पताल समिति के संयोजक अजय कुमार आर्य ने कहा कि भिलाई इस्पात सयंत्र के सेक्टर 9 अस्पताल मे विश्व स्तरीय उपकरण एवं सुविधाएं उपलब्ध हैं। यह अस्पताल पहले मध्य भारत का सबसे बड़ा रेफरल सेंटर हुआ करता था, जहां पर सेल के अन्य अस्पतालों सहित अन्य दूसरे अस्पतालों से मरीज रेफर होकर भिलाई आते थे। जहां पर उनका उच्च गुणवत्ता के साथ इलाज होता था।
किंतु अब इस अस्पताल में नई भर्ती पर पाबंदी लगाने के कारण स्टाफ की कमी होने लगी है। आज भी इस अस्पताल में पर्याप्त स्टाफ को उपलब्ध करवा कर नंबर वन पोजीशन पर लाया जा सकता है। किंतु इस दिशा में प्रयास करने की बजाय उच्च प्रबंधन इसे अपने नियंत्रण से ही निकाल देने का प्रयास कर रही है। इसके खिलाफ संघर्ष को तेज करना होगा।
सीटू पहले भी उठा चुका है इस अस्पताल को मेडिकल कॉलेज बनाने की मांग
महासचिव जगन्नाथ प्रसाद द्विवेदी ने कहा-अस्पताल की बेहतरी के लिए सीटू हमेशा से ही अस्पताल प्रबंधन के समक्ष सुझाव देता आया है। इसी क्रम में सेक्टर 9 अस्पताल में ग्रेजुएट अथवा पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल कॉलेज खोलने की दिशा में अस्पताल प्रबंधन से बात कर चुका है।
प्रबंधन जहां एक तरफ डीएनबी कोर्स करवाने के लिए एमबीबीएस डॉक्टर को एडमिशन देता रहा है। किंतु मेडिकल कॉलेज खोलने की दिशा में कोई प्रयास नहीं किया। अन्यथा सीटू के द्वारा रखे गए प्रस्ताव के अनुसार सरकार के साथ बात करके इस अस्पताल में मेडिकल कॉलेज खोल सकता था जिससे इस अस्पताल में कभी भी स्टाफ की कमी नहीं रहती।












