मोदी सरकार, SIR, चुनाव आयोग, संविधान और अमेरिकी टैरिफ का पोस्टमार्टम किया वामपंथी पार्टियों, CITU, AITUC, एक्टू ने

Left Parties CITU AITUC AICTU Conducted Post-Mortem of Modi Government Election Commission Constitution and American Tariff
  • 26 अगस्त को सिविक सेंटर के सेल परिवार चौक में शाम 6:00 बजे से 7:00 बजे तक प्रदर्शन एवं सभा किया जाएगा।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। वामपंथी पार्टियों सीपीआई, सीपीआई (एम), सीपीआई (एम एल) लिबरेशन तथा विभिन्न जन संगठनों सीटू, एटक, ऐक्टू के पदाधिकारियों ने एसआईआर के नाम पर वोट काटे जाने, संसद में पेश किए गए 130वें संविधान संशोधन विधेयक एवं अमेरिका की भारत विरोधी टैरिफ नीति पर चर्चा करने के लिए आयोजित परिचर्चा में भाग लिए।

बिहार में एसआईआर के नाम पर हो रहा है बड़ा खेल

वाम नेताओं ने कहा कि 24 जून को अचानक चुनाव आयोग ने घोषणा किया कि बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण किया जाएगा एवं 25 जून से काम शुरू कर दिया। 11 दस्तावेजों की सूची जारी किया गया जो गरीबों के पास मिलना मुश्किल है।

वही, संपन्न लोगों के पास भी नहीं मिल रहा है। विशेष गहन पुनरीक्षण के लिए 25 जुलाई तक आवेदन करना था बिहार से बाहर रह रहे लोगों को ऑनलाइन आवेदन करने की सुविधा भी शुरू की गई, जिसे भी कर पाना संभव नहीं था।

विशेष गहन पुनरीक्षण में 22 लाख लोगों को मृत बताकर, 36 लाख लोगों को बिहार से बाहर होना बताकर एवं 7 लाख लोगों को दो जगह वोट होने की बात कहकर नाम काट दिया गया एवं कटे हुए नाम को सार्वजनिक करने तक को तैयार नहीं था। सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद लिस्ट जारी किया गया।

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नेताओं ने कहा-बेंगलुरु लोकसभा के एक विधानसभा क्षेत्र में वोट चोरी के मामले से लेकर बिहार के अंदर हो रहे विशेष गहन पुनरीक्षण के मामले तक चुनाव आयोग पहले तो मुंह खोलने को तैयार नहीं था और जब प्रेस कॉन्फ्रेंस किया तो जिन बातों को चुनाव आयुक्त ने कहा वह सब गोलमोल और लफ़्फ़ाजी के सिवा कुछ भी नहीं है, जिसे पूरा देश समझ चुका है।

विपक्ष पर हमला है 130 वां संविधान संशोधन विधेयक

वाम नेताओं ने कहा कि मानसून सत्र के समापन से ठीक पहले गृहमंत्री ने जिस 130 वें संविधान संशोधन विधेयक को पेश किया। वह संशोधन संविधान एवं देश के संघवाद पर खुला हमला है, जिसके द्वारा सरकार से सवाल करने वाले एवं सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वाले विपक्षी दलों को खत्म करने की साजिश है। जिसे दो तिहाई बहुमत के बिना पारित नहीं किया जा सकता है। किंतु बैसाखी पर टिकी हुई मौजूदा केंद्र सरकार जानबूझकर देश को उलझाने के लिए यह साजिश रच रही है।

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अमेरिका की भारत विरोधी टैरिफ नीति पर जवाब दे केंद्र सरकार

वाम नेताओं ने चर्चा के दौरान कहा कि एक तरफ देश की अर्थव्यवस्था लगातार संकट में गिरती जा रही है जिसे संभालना अब मौजूदा केंद्र सरकार के बस में नहीं है ऐसे में अमेरिका द्वारा लागू की गई टैरिफ नीति देश के अर्थव्यवस्था को और चौपट कर देगा इस टैरिफ नीति से देश के सकल घरेलू उत्पाद पर प्रतिकूल असर तो पड़ेगा ही, साथ ही साथ रुपए के कमजोर होने की आशंका है जो देश के लिए ठीक नहीं है।

देश की विदेश नीति पूरी तरह से असफल हो गई है। अमेरिका की टैरिफ नीति के चलते केंद्र सरकार चीन की तरफ रुख करने लगी है। रूस से सस्ते में तेल खरीद कर देश के आम जनता को राहत देने के बजाय बड़े पूंजीपतियों को अकूत मुनाफा कमाने की खुली छूट दिया है। किंतु अमेरिका की इस नीति पर अमेरिका को यह सरकार माकूल जवाब देने के लिए तैयार नहीं है।

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26 अगस्त सेल परिवार चौक सिविक सेंटर में होगा प्रदर्शन

संयुक्त वाम मोर्चा ने कहा-मौजूदा सरकार द्वारा लगातार अपनाई जा रही जन विरोधी नीतियों के खिलाफ 130 वें संविधान संशोधन विधेयक को वापस लेने, विशेष गहन पुनरीक्षण के नाम पर वोट काटने को बंद करने तथा अमेरिका द्वारा देश पर अनैतिक टैरिफ थोपे जाने के खिलाफ एवं केंद्र सरकार द्वारा अमेरिका को मुँह तोड़ जवाब देने की मांग को लेकर 26 अगस्त को सिविक सेंटर के सेल परिवार चौक में शाम 6:00 बजे से 7:00 बजे तक प्रदर्शन एवं सभा किया जाएगा।