- काठमांडू के अलावा अन्य शहरों में भी युवा सड़क पर उतर चुके हैं।
- फेसबुक, ट्यूब, वाट्सएप आदि 26 सोशल मीडिया एप्प को बैन कर दिया गया।
सूचनाजी न्यूज, काठमांडू। नेपाल के हालात इस वक्त बांग्लादेश, श्रीलंका जैसे हो गए हैं। युवाओं ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। संसद में घुस गए। सेना को मोर्चा संभालना पड़ा। फायरिंग में 22 प्रदर्शनकारी की मौत हो गई,जबकि 500 से ज्यादा युवा जख्मी हो गए हैं। काठमांडू से शुरू हुए प्रदर्शन की आंच नेपाल के कई शहरों तक पहुंच चुकी है।
जगह-जगह आगजनी और प्रदर्शन हो रहे हैं। हालात बेकाबू को देखते हुए भारत-नेपाल सीमा पर भी चौकसी बढ़ा दी गई है। वहीं, सरकार ने हिंसा करने वालों को देखते ही गोली माने का आदेश दे दिया है। प्रदर्शनकारियों की मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है।
नेपाल सरकार ने सोशल मीडिया को बैन कर दिया है। सोशल मीडिया पर युवा बेरोजगारी, रोजगार को लेकर लगातार सरकार को घेर रहे थे। इसको देखते हुए सरकार ने सोशल मीडिया पर बैन लगा दिया। इससे आक्रोशित युवाओं ने संसद भवन को घेर लिया। पथराव किया गया। युवाओं का कुछ जत्था संसद भवन में प्रवेश कर गई।
इस बीच पुलिस ने फायरिंग करके भीड़ को हटाने की कोशिश की। लेकिन, आग और भड़क गई। उग्र प्रदर्शन करते हुए जगह-जगह पथराव किया जा रहा है। सड़क से संसद तक आक्रोश बढ़ता जा रहा है। पुलिस ने आंसू गैस के गोले और वाटर कैनन से भीड़ को हटाने की कोशिश कर रही है।
चीनी सोशल मीडिया साइट को छूट
बताया जा रहा है कि प्रदर्शनकारी पहले से अधिक आक्रोशित हो गए हैं। लगातार आंदोलन का आगे भी जारी रखने का दावा कर दिया है। वहीं, सरकार ने आपात बैठक करके मौजूदा हालात से निपटने के लिए ठोस रणनीति बनाई है। चीनी एप्प को बैन नहीं किया गया है। जबकि फेसबुक, ट्यूब, वाट्सएप आदि 26 सोशल मीडिया एप्प को बैन कर दिया गया है।
प्रधानमंत्री KP Sharma Oli का आया बयान
दूसरी ओर प्रधानमंत्री खड्ग प्रसाद शर्मा ओली (KP Sharma Oli) की तरफ से बयान आया कि सोशल मीडिया साइट को नियंत्रित करने के लिए कुछ दिशा-निर्देश जारी किए गए थे। कंपनियों ने सरकार के आदेश को मानने से इन्कार कर दिया था, जिसके चलते बैन लगाया गया है।
प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश का मॉडल अपनाया
प्रदर्शनकारियों ने आंदोलन का मॉडल बांग्लादेश से लिया। पिछले साल बांग्लादेश के युवाओं ने एकजुटता दिखाते हुए संसद भवन को घेर लिया था। प्रधानमंत्री को देश छोड़कर भागना पड़ा था। प्रधानमंत्री ने भारत में शरण लिया। इसी मॉडल को नेपाल के युवाओं ने अपनाया। पहले सड़क पर जुटे। नारेबाजी करते हुए संसद भवन की तरफ कूच कर गए। पुलिस ने रोकने की कोशिश की। फायरिंग की गई।