- 51 प्रतिशत से कम वोट हासिल करने पर प्रबंधन पर किसी तरह का मान्यता प्राप्त यूनियन जैसा दबाव नहीं रह जाएगा।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। नए लेबर कोड में स्पष्ट रूप से प्रावधान है कि 51 प्रतिशत वोट हासिल करने पर ही मान्यता प्राप्त यूनियन का दर्जा दिया जाएगा। अब किसी भी यूनियन को 51 प्रतिशत से कम वोट मिलने पर मान्यता नहीं मिलेगी।
15 प्रतिशत से अधिक वोट पाने वाली यूनियनों के सदस्यों को लेकर एक कमेटी बना दी जाएगी। प्रबंधन पर किसी तरह का मान्यता प्राप्त यूनियन जैसा दबाव नहीं रह जाएगा। पहले सबसे अधिक वोट हासिल करने वाली यूनियन को मान्यता प्राप्त यूनियन का दर्जा प्रबंधन से मिल जाता था।
सेल के भिलाई स्टील प्लांट में पिछली मान्यता प्राप्त यूनियन बीएमएस का कार्यकाल नवंबर 2024 में समाप्त हो चुका है। यूनियन चुनाव का अब तक इंतजार ही किया जा रहा है। सीटू और बीएकेएस को छोड़कर अन्य किसी यूनियनों ने सहमति पत्र भी नहीं सौंपा है।
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बीएसपी प्रबंधन नए लेबर कोड को लेकर एक्टिव होती दिख रही है। नए प्रावधान के तहत चुनाव कराना ही है। इसलिए अब चुनावी सरगर्मी बढ़नी तय है। लेकिन, देखने वाली बात यह है कि चुनाव का रूप क्या होगा।
ज्यादातर यूनियनें चुनाव के बजाय ज्वाइंट कमेटी बनाकर कर्मचारी हित में कार्य करने के पक्ष में हैं। वहीं सीटू कर्मचारियों के अधिकार के रूप में चुनाव को देखती है। इसलिए बार-बार चुनाव कराने की मांग की जा रही है।
बदलते हालात में आगे क्या फैसला होगा, यह देखने वाली बात होगी। फिलहाल, नए लेबर कोड का अध्ययन किया जा रहा है। एक-एक बिंदुओं पर विस्तार से मंथन चल रहा है। केंद्र सरकार की गाइडलाइन के तहत ही कार्य किया जाना है। केंद्रीय इकाई भिलाई स्टील प्लांट है, इसलिए सरकार के आदेश को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है।
















