CBT मीटिंग से पहले देशभर के पेंशनभोगियों ने दिखाया गुस्सा, EPS 95 हायर व न्यूनतम पेंशन पर फंसा है पेंच

Pensioners Across the country Expressed their Anger Ahead of the CBT Meeting, with the issue of EPS 95 Higher and Minimum Pensions
  • 11 और 12 अक्टूबर को Central Board of Trustees की बैठक बेंगलुरु में होने जा रही है।

सूचनाजी न्यूज, रायपुर। ईपीएस 95 न्यूनतम पेंशन और हायर पेंशन को लेकर आंदोलन जारी है। सीबीटी मीटिंग से पहले कर्मचारी भविष्य निधि संठन-ईपीएफओ पर दबाव डालने के लिए देशभर में पेंशनभोगियों ने विरोध-प्रदर्शन किया। ईपीएफओ कार्यालय के सामने नारेबाजी की गई। उच्चाधिकारियों को मांग पत्र सौंपा गया।

ईपीएस 95 केंद्रीय राष्ट्रीय संघर्ष समिति के आह्वान पर छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में ईपीएफओ कार्यालय के सामने सैकड़ों की संख्या में पेंशनरों ने लगभग दो घंटे का जोरदार प्रदर्शन किया। बैलाडीला, जगदलपुर, दुर्ग, Bhilai, धमतरी, कांकेर, Rajnandgaon, छुईखदान, कोटा, सुरेगांव, बिलासपुर इत्यादि जगहों से प्रदर्शनकारी प्रातः 11 बजे तक एलआईसी चौक, पंडरी पहुंच गए।

जहां से जुलूस की शक्ल में वे ईपीएफओ कार्यालय के सामने नारा लगाते हुए पहुंचे। वहां पर विभिन्न विभागों के उनके वरिष्ठ नेताओं ने पहले उन्हें संबोधित किया, जिनमें प्रमुख रूप से नारायण भावसार, राज्य वन विकास निगम, डीके गोरहा, मार्कफेड, एजाज़ुर रहमान, एनएसी कॉर्डिनेटर छत्तीसगढ़, वरदराजन, अध्यक्ष, FCI retired employees welfare association, एसजे कुरैशी, अध्यक्ष एचएससीएल रिटायर्ड एम्पलाइज वेलफेयर एसोसिएशन, राजेंद्र पिल्लै, भिलाई स्टील प्लांट और अंत में एल एम सिद्दीकी-राज्य अध्यक्ष ने सभा को संबोधित किया।

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इस धरना प्रदर्शन और आंदोलन की जरूरत की व्याख्या की। मुख्य मांगों को लेकर राज्य अध्यक्ष एलएम सिद्दीकी ने बताया कि, पिछले महीने ही 3,4 और 5 अगस्त को जंतर मंतर में हजारों की संख्या में पेंशनर्स पूरे देश से आकर इकट्ठे हुए थे और आंदोलन किया था।

26 सांसदों के एक समूह ने मंच पर आकर और पार्लियामेंट के मुख्य द्वार में धरना देकर उनके पक्ष में नारे लगाए थे। 19.8.2025 को श्रम मंत्री ने भी आश्वस्त किया कि उनके पेंशन संबंधी समस्याओं का सर्वमान्य हल जल्द से जल्द निकलेंगे। वित्त मंत्री सीतारमण और श्रम मंत्री ने भी सकारात्मक आश्वासन दिया। लेकिन अभी तक कोई ठोस पहल होती हुई नहीं दिखाई दे रही है।

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बेंगलुरु में दो दिन होगा विशाल धरना और जुलूस

उन्होंने सूचना दी कि 11 और 12 अक्टूबर को Central Board of Trustees की बैठक बेंगलुरु में होने जा रही है। अतः बेंगलुरु में तो इन दो दिनों में विशाल धरना और जुलूस होगा। लेकिन देश के विभिन्न राज्यों में जहां जहां भविष्य निधि संगठन कार्यालय हैं, वहां पर मंत्रियों को CPFC के द्वारा ज्ञापन देकर स्मरण कराया जा रहा है, ताकि सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की बैठक में वे हमारी मांगों पर विचार करें। ध्यान रहे कि सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज ही ईपीएफओ की वह नीति निर्धारक संस्था है, जिसकी सिफारिश पर मंत्रालय द्वारा विचार कर उसके सिफारिशों का कार्यान्वय करती है।

इसलिए यह धरना प्रदर्शन का आयोजन और ज्ञापन दिए जा रहे हैं, ताकि हमारी मांगों पर विचार हो सके। एक प्रश्न के उत्तर में एलएम सिद्दीकी ने स्पष्ट किया कि अभी होने वाली मीटिंग और सैकड़ों आंदोलनों के बाद भी अगर हमारी मांगें पूरी नहीं हुईं तो भी हमारा आंदोलन निरंतर जारी रहेगा क्योंकि पेंशन हमारा अधिकार है और हम इसे लेकर रहेंगे।

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लोकल मुद्दे पर भी अलग से मीटिंग

सभी प्रमुख नेताओं के वक्तव्य के बाद 13 व्यक्तियों का एक प्रतिनिधि मंडल भविष्य निधि आयुक्त से मिला और केंद्रीय श्रम मंत्री और CPFC के नाम से अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा। क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त के साथ दिन प्रतिदिन की समस्याओं पर सौहाद्रपूर्ण वातावरण में बैठक हुई, जिसमें डीके गोरहा, मार्कफेड के प्रतिनिधि आरएल साहू, बचेली शाखा के प्रतिनिधि पटनायक, सचिव एनएसी रायपुर ने अपनी बातें रखीं।

कलेक्टर-सांसदों को दे चुके मांग पत्र

तत्पश्चात एक प्रतिनिधि मंडल कलेक्ट्रेट पहुंचा, जहां पर कलेक्टर की अनुपस्थिति में प्रधानमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन उनके कार्यालय में सौंपा गया। ध्यान रहे कि दंतेवाडा कलेक्टर को सुकराम कश्यप, सचिव, किरंदुल रिटायर्ड एम्पलाइज शाखा के नेतृत्व में, कांकेर कलेक्टर को पीआर वट्टी अध्यक्ष के नेतृत्व में, दुर्ग सांसद विजय बघेल को केएस ठाकुर के नेतृत्व में और राजनांगांव सांसद संतोष पांडे को आरके वर्मा अध्यक्ष के नेतृत्व में ज्ञापन सौंपा जा चुका है।