-भिलाई स्टील प्लांट के कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर मुख्य महाप्रबंधक (कार्मिक) से मिला सीटू प्रतिनिधिमंडल।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र के कर्मियों की समस्याओं और वेलफेयर के मुद्दों को लेकर हिंदुस्तान स्टील इम्प्लाइज यूनियन (सीटू) का प्रतिनिधिमंडल मुख्य महाप्रबंधक कार्मिक संदीप माथुर से भेंट की। प्रतिनिधि मंडल में विजय कुमार जांगडे, जगन्नाथ प्रसाद त्रिवेदी, डी.व्ही.एस.रेड्डी, संतोष कुमार प्रुष्टि, एस.एस.के. पनिक्कर, टी. जोगा राव, पी. वेंकट, अशोक खातरकर, एस.पी.डे, केवेन्द्र सुन्दर शामिल थे। यह सीजीएम पर्सनल के ज्वाइन करने के बाद उनसे पहली मुलाकात थी।
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कार्मिक विभाग के निराशाजनक असहयोग के कारण फंड वेतन से कटना बंद हो गया था
सीटू नेताओं ने मांग रखी कि पूर्व में पोस्ट आफिस द्वारा संचालित लघु बचत योजना के अंतर्गत आरडी और पब्लिक प्रोविडेंट फंड में भिलाई इस्पात संयंत्र के कर्मी एवं अधिकारी को अपने वेतन से कटौती कर जमा करने की सुविधा थी, जो उनकी छोटी बड़ी जरूरतों को पूरा करने में सहायक होती थी।
परन्तु कार्मिक विभाग के निराशाजनक असहयोग के कारण यह फंड वेतन से कटना बंद हो गया था। जिससे कर्मियों की छोटी छोटी बचत करना सम्भव नहीं हो पा रहा है। जबकि भिलाई के विभिन्न सोसायटी, बैंक, जीवन बीमा निगम आदि की कटौती संयंत्र द्वारा सुचारू रूप से चल रहा है।अतः कर्मियों को बचत हेतु प्रोत्साहन और जरूरतों को पूरा करने हेतु पुनः पोस्ट आफिस की योजनाओं को वेतन से कटौती करने हेतु व्यवस्था करें। इस पर संदीप माथुर अध्ययन कर सकारात्मक भूमिका अदा करने की बात कही।
सभी गेटों से सभी पालियो में ठेका कर्मियों को वाहन ले जाने की मिले अनुमति
सीटू नेता ने कहा कि अब अधिकांश कर्मी विभाग तक जाने हेतु कारों फोर व्हीलर वाहनों का इस्तेमाल करते हैं। इसलिए अलग अलग गेटों पर से आने जाने की पाबंदी समाप्त कर सभी गेटों से कारों फोर व्हीलर वाहनों के आने जाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
वहीं, कुछ ठेका कर्मियों को संयंत्र में प्रवेश के समय अपने वाहन को गेट के बाहर रख कर विभाग तक जाना पड़ता है एवं विभाग तक पहुंचने के लिए लिफ्ट लेना पड़ता है, जो उचित नहीं है क्योंकि,वे टाउनशिप से बहुत दूर निवास करने के कारण अपने निवास स्थान से विभाग तक आने जाने में 1 से 2 घंटे समय लगता है।
गेटों के बाहर दुपहिया वाहनों की भीड़ के साथ चोरी हो जाने जैसे घटनाओं का खतरा रहता है। चुकी संयंत्र की उत्पादन में ठेका श्रमिकों की महत्वपूर्ण भूमिका है अतः ठेका कर्मियों को भी संयंत्र के भीतर अपने दुपहिया वाहनों को ले जाने हेतु उचित कार्यवाही किया जाना चाहिए।
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गेटपास का निकाला जाए उचित समाधान
चर्चा के दौरान सीटू नेताओं ने कहा कि कर्मियों के गेट पास के संदर्भ में आये दिन विभिन्न गेटों पर CISF और BSP कर्मियों के बीच नोक झोंक की स्थिति निर्मित हो रही है। किसी के गेट पास में CISF कमांडेन्ट के हस्ताक्षर धुंधले पड़ गए है, किसी कर्मी के गेट पास में सेल पर्सनल नंबर नहीं है। किसी के नाम पर आपत्ति होती है।
इस सबके साथ बीबीएम, एसएमएस-1, फाउंड्री शाप के बंद हो जाने से हुए स्थानांतरण एवं कुछ विभागीय स्थानांतरण होने पर गेट पास में पुराना विभाग ही दर्ज है, जिससे गेट पर पूछे जाने पर कर्मी वर्तमान विभाग का नाम बताएं जाने पर आपत्ति करते हैं। अतः गेट पास संबंधी समस्याओं का जल्द से जल्द निराकरण किया जाना चाहिए।
वेलफेयर से जुड़े इन मुद्दों का हो जल्द समाधान
इसके अलावा एल-1 पॉलिसी पर पुनर्विचार कर कैंटीन सुविधा के गुणवत्ता को बेहतर बनाने, शौचालयों का उचित रखरखाव, विशेष कर महिला कर्मियों के लिए कार्यस्थल पर शौचालय सुविधा सुनिश्चित करने, झूला घर की क्षमता को बढ़ाने एवं अन्य विभागों में भी झूला घर खोलने, तथा गर्मी शुरू होने से पहले सभी विश्राम कक्षों में कूलर एवं वाटर कूलर की व्यवस्था करने की भी मांग उठाई गई।
ज्ञात हो कि गर्मी ने दस्तक दे दिया है किंतु अभी तक विभागों के वाटर कूलर रिपेयर हेतु नहीं भेजे गए हैं न ही कूलर के पंप एवं खस की व्यवस्था पर कोई पहल होती नजर आ रही है। कैंटीन व्यवस्था शौचालय साफ सफाई व्यवस्था वाटर कूलर रेस्ट रूम एवं रूम कूलर आदि पर वेलफेयर अधिकारी भी विशेष ध्यान नहीं देते हैं इन पूरी बातों पर चर्चा के पश्चात संदीप मधुर ने सभी मांगो पर सकारात्मक पहल करने की सहमति जताई।
मुख्य महाप्रबंधक कार्मिक ने दी महत्वपूर्ण जानकारी
• मुख्य महाप्रबंधक कार्मिक ने बताया कि डॉक्टरों की भर्ती के लिए 1 एवं 2 मार्च को साक्षात्कार हो गया है। शीघ्र ही कार्डियोलॉजी सहित अन्य विभागों में डॉक्टरों की भर्ती होगी, जिससे संयंत्र में कार्यरत कर्मी उनके परिवार एवं सेवानिवृत्त हो चुके साथियों को फायदा मिलेगा।
• मार्च के अंत तक 259 नई भर्ती के लिए चयन परीक्षा होगी जिसमें से 45 अधिकारी, 12 कर्मी (Non-executive) की सेलम के लिए तथा 202 कर्मियों (Non-executive) की नियुक्ति भिलाई इस्पात संयंत्र के लिए होगी।
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