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भिलाई रिसाली के सड़क नंबर-14, 4-ए, 14-बी के मुख्य मार्ग, शासकीय रोड पर बलपूर्वक कब्जा कर लिया गया।
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सड़क पर जबरदस्ती कब्जा कर निर्माण करने की वजह से एम्बुलेंस, अग्निशमन गाड़ियां व नगर निगम के वाहनों का आना बंद हो गया।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। छत्तीसगढ़ सरकार सुशासन का नारा बुलंद किए हुए है। लेकिन, दुर्ग जिले में प्रशासन की एक भी नहीं चल पा रही है। कब्जेदारों का मनोबल इतना बढ़ चुका है कि भिलाई स्टील प्लांट के अधिकारी-कर्मचारियों के अलावा शहर के डॉक्टर, इंजीनियर, प्रिंसिपल, शिक्षक, वकील और उद्यमी त्रस्त हो चुके हैं।
कलेक्टर, पुलिस प्रशासन समेत छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री तक शिकायत की गई, लेकिन कब्जेदार पर कोई कार्रवाई न हो सकी। गुस्साए रहवासी अब बोलना शुरू कर चुके हें कि शायद दुर्ग प्रशासन को किसी हत्या का इंतजार है। कब्जेदार पहले ही जान से मारने की धमकी दे चूका है।
कलेक्टर जनदर्शन में कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी से दर्जनों रहवासी महिलाओं ने शिकायत दर्ज कराई थी। इस पर तत्काल एक्शन लिया गया। लेकिन, रिसाली नगर निगम के पाले में जैसे ही गेंद आई, सब ढिलाई की भेंट चढ़ गया।
मामला प्रगति नगर रिसाली का है। भिलाई रिसाली के सड़क नंबर-14, 4-ए, 14-बी के मुख्य मार्ग, शासकीय रोड पर बलपूर्वक कब्जा कर लिया गया। रोड को क्षति पहुँचाने, तोड़फोड़ करने, अवैध निर्माण करने, रहवासियों के साथ वाद-विवाद, गाली-गलौच व मारपीट करने की धमकी दिए जाने की शिकायत कलेक्टर से की गई थी। समय बीत रहा और कब्जेदार का मनोबल बढ़ता जा रहा है।
करीब 300 लोग प्रगति नगर रिसाली के एरिया में रहते हैं, जो इस वक्त परेशान हो चुके हैं। मानसिक तनाव से जूझ रहे हैं। इतना ही नहीं सांसद, दुर्ग ग्रामीण विधायक, महापौर से भी शिकायत की गई थी। लेकिन कुछ नहीं हुआ। आयुक्त मोनिका वर्मा ने रहवासियों सामने ही उनको दो दिन में कब्ज़ा तोड़ने और फाइन की नोटिस भिजवाई। इस पर भी कोई कार्रवाई अभी तक नहीं हुई। अब लगातार बिना परमिशन के अवैध निर्माण बढ़ता जा रहा है।
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गुस्साए क्षेत्रीय नागरिकों का कहना है कि 300 लोगों को सड़क देने की जिम्मेदारी निगम की है या नहीं, हम सिर्फ इतना जानना चाहते हैं। छोटी सी भी सरकारी मदद नहीं मिल पा रही है। रहवासी जिस सड़क का वह टैक्स देते हैं, वही उनके पास नहीं है।
कलेक्टर दुर्ग को रहवासी बता चुके सबकुछ
रहवासियों का कहना है कि खसरा नंबर-297, प्रगति नगर, रिसाली, भिलाई में लगभग 50 मकान निर्मित है। सड़क नंबर-14, 14-ए, 14-बी के लिए एक ही मार्ग है। इस पर 35 वर्षों से लोगों का आना जाना है। इसके अतिरिक्त आने-जाने के लिए किसी प्रकार का कोई मार्ग नहीं है।
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उक्त मार्ग 20 फीट का है, जो पटवारी अभिलेख व नगर निगम के दस्तावेजों में दर्ज है। उक्त मार्ग को नगर निगम रिसाली, भिलाई द्वारा सीमेंटीकरण कर निर्मित कराया था। अनावेदकगणों द्वारा उक्त शासन द्वारा बनाये गये रोड को तोड़कर क्षतिग्रस्त कर उस पर निर्माण कार्य किया जा रहा है।
रहवासियों को जान से मारने की धमकी
इसका विरोध करने पर अनावेदकगणों द्वारा मोहल्ले वालों के साथ मारपीट, लड़ाई-झगडा, गाली-गलौच व जान से मारने की धमकी दी जा रही है।
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इसके कारण सभी मोहल्लेवासियों के मन में डर का माहौल बना हुआ है। अनावेदकगणों द्वारा कभी भी किसी भी अप्रिय घटना को अंजाम दिया जा सकता है। उक्त सड़क पर जबरदस्ती कब्जा कर निर्माण करने के वजह से एम्बुलेंस, अग्निशमन गाड़ियां व नगर निगम के वाहनों का आना बंद हो गया है, जिसके कारण कोई अप्रिय घटना घट सकती है।
जबरन कब्जा आपराधिक कृत्य की श्रेणी में
कब्जेदार द्वारा शासकीय सड़क को तोड़फोड़ कर जबरन कब्जा कर लिया है, जो कि आपराधिक कृत्य की श्रेणी में आता है। अनावेदकगण के विरुद्ध दण्डात्मक कार्यवाही किया जावे व उक्त कब्जे को हटाया जाए, ताकि मोहल्ले वाले आना-जाना कर सकें। अनावेदकगण प्रभावशील व्यक्ति हैं, उनकी राजनैतिक पकड़ है।
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जानिए रहवासी कहां-कहां भेज चुके पत्र
1. पुलिस अधीक्षक-जिला-दुर्ग (छ.ग.)।
2. आयुक्त, नगर पालिका निगम, रिसाली, भिलाई (छ.ग.)।
3. गृह मंत्री, छ.ग. शासन, रायपुर (छ.ग.)।












