RSP DIC आलोक वर्मा ने नई खेल नीति की दी सौगात, खोली जिंदगी की किताब, कहा-मेरी मां थीं पहली शिक्षिका

RSP DIC Alok Verma opened the Book of Life Said- My Mother was My First Teacher
  • आईईएमएस और इस्पात विद्या मंदिर विद्यालयों के शिक्षकों और कर्मचारी सम्मानित।
  • आरएसपी की नई खेल नीति का उद्घाटन किया गया।
  • राउरकेला के शीर्ष रैंकिंग वाले छात्रों को 29 सर्वश्रेष्ठ शैक्षणिक प्रदर्शन पुरस्कार प्रदान किया।

सूचनाजी न्यूज, राउरकेला। राउरकेला इस्पात संयंत्र (आरएसपी) सह बोकारो इस्पात संयंत्र के निदेशक प्रभारी आलोक वर्मा शिक्षकों को सम्मानित किया। सिविक सेंटर में एसएसआरवीएम ट्रस्ट एवं आरएसपी की नगर सेवा-शिक्षा इकाई द्वारा आयोजित रंगारंग शिक्षक दिवस कार्यक्रम को संबोधित किया।

डीआईसी आलोक वर्मा ने कहा-“जब आप गिरते हैं, तो शिक्षक आपके अंदर फिर से खड़े होने का साहस पैदा करते हैं।” यह समारोह भारत के दूसरे राष्ट्रपति, महान शिक्षक एवं दूरदर्शी नेता, भारत रत्न, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित किया गया था।

आलोक वर्मा मुख्य अतिथि थे, जबकि कार्यपालक निदेशक (मानव संसाधन) तरुण मिश्र ने सम्मानित अतिथि के तौर पर अध्यक्षता की। मंचासीन विशिष्ट अथितियों में मुख्य वक्ता मुंबई विश्वविद्यालय के भौतिकी विभाग की सर्वोच्च श्रेणी की प्रोफेसर, प्रो. डॉ. वैशाली बांबोले, मुख्य महाप्रबंधक (नगर सेवा एवं सीएसआर), टीजी कानेकर और एसएसआरवीएम इस्पात स्कूल्स के निदेशक कैप्टन आलोकेश सेन शामिल थे। समारोह में आरएसपी, एसएसआरवीएम ट्रस्ट के कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी और राउरकेला के बड़ी संख्या में शिक्षक एवं छात्र उपस्थित थे।

ये खबर भी पढ़ें: SAIL अधिकारियों को अबकी बार 2% बढ़कर मिलेगा PRP, 1 लाख से ऊपर से पाएंगे GM

मुख्य अतिथि ने अन्य अतिथियों के साथ दीप प्रज्वलित करते हुए भारत रत्न डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित कर समारोह का उद्घाटन किया।

जीवन को गढ़ने में शिक्षकों की अनमोल भूमिका

अपने संबोधन में, निदेशक प्रभारी ने इस अवसर पर एकत्रित शिक्षकों और छात्रों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया और जीवन को गढ़ने में शिक्षकों की अनमोल भूमिका पर बल दिया। कुछ व्यक्तिगत किस्से साझा करते हुए, उन्होंने कहा, “मेरी माँ मेरी पहली शिक्षिका थीं।

बचपन में हम अपने माता-पिता और शिक्षकों से जो सीख लेते हैं, वह हमेशा हमारे साथ रहती है।” उन्होंने अपने स्कूल के दिनों की घटनाओं का ज़िक्र किया और और बताया कि कैसे एक प्रोफ़ेसर के प्रोत्साहन भरे एक शब्द ने उनकी शैक्षणिक यात्रा की दिशा बदल दी।

ये खबर भी पढ़ें: Steel Workers Federation of India का राउरकेला में 6-7 को सम्मेलन, तपन सेन, ललित की होगी वापस या कोई नया चेहरा

डॉ. बम्बोले ने समाज को आकार देने में शिक्षकों की गहन भूमिका को रेखांकित किया और उनकी तुलना ऐसे शिल्पकारों से की जो समर्पण और दूरदर्शिता के साथ भविष्य को सावधानीपूर्वक गढ़ने हैं।” इस बात पर ज़ोर देते हुए कि “नवाचार कोई रॉकेट साइंस नहीं है,” उन्होंने छात्रों को याद दिलाया कि विज्ञान हर जगह मौजूद है, गहन अवलोकन के माध्यम से खोजे जाने का इंतज़ार कर रहा है।

उन्होंने अपने कुछ पेटेंट कार्यों और मानव शरीर के अंगों को प्रिंट करने में सक्षम 6D प्रिंटर पर अपने चल रहे शोध के बारे में भी बताया। युवा मन को सलाह देते हुए उन्होंने कहा, “प्रश्न पूछते रहो, क्योंकि यहीं से खोज शुरू होती है,” और दृढ़ता से कहा, “कोशिश करने जैसा कुछ नहीं होता… कोशिश मत करो, काम करो।”

ये खबर भी पढ़ें: SAIL Bonus: एनजेसीएस बैठक 20 सितंबर को, उपराष्ट्रपति चुनाव के चलते 9 सितंबर को श्रमायुक्त की बैठक स्थगित

निदेशक प्रभारी ने डॉ. बम्बोले को सम्मानित किया

समारोह के दौरान निदेशक प्रभारी ने डॉ. बम्बोले को सम्मानित किया। उन्होंने आईईएमएस और इस्पात विद्या मंदिर विद्यालयों के शिक्षकों और कर्मचारियों को भी सम्मानित किया। कार्यक्रम के दौरान आरएसपी की नई खेल नीति का उद्घाटन किया गया। श्री वर्मा ने राउरकेला के शीर्ष रैंकिंग वाले छात्रों को 29 सर्वश्रेष्ठ शैक्षणिक प्रदर्शन पुरस्कार प्रदान किया।

इस्पात अँग्रेजी माध्यम विद्यालय, सेक्टर-20

कार्यक्रम की शुरुआत इस्पात अँग्रेजी माध्यम विद्यालय, सेक्टर-20 के छात्रों द्वारा स्वागत गीत ‘गुरु वंदना’ के साथ हुई जिसने कार्यक्रम का सार प्रस्तुत किया। कैप्टन आलोकेश सेन ने सभा का स्वागत किया, जबकि एसएसआरवीएम इस्पात इंग्लिश मीडियम, सेक्टर-20 के हेड बॉय मास्टर प्रज्ञान रंजन बारिक ने अतिथियों का परिचय कराया।

इस्पात विद्या मंदिर की नैना तांडी ने धन्यवाद ज्ञापित किया। एसएसआरवीएम इस्पात विद्या मंदिर की सृष्टि पंडित ने कार्यक्रम का मंच संचालन किया। कार्यक्रम का समापन एसएसआरवीएम इस्पात अंग्रेजी माध्यम विद्यालय और एसएसआरवीएम इस्पात विद्या मंदिर के छात्रों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ हुआ।