- पहले हर तिमाही 5% ठेका श्रमिकों को कम करने का आदेश आया था।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल में मैनपॉवर को लेकर इस्पात मंत्रालय काफी सख्त है। लगातार नजर रखी जा रही है। लागत को कम करने के लिए मैनपॉवर कास्ट भी कम करने की दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है। इसलिए हर प्लांट में मजदूरों की संख्या में कटौती की जा रही है।
इस्पात सचिव की अध्यक्षता में उद्योग भवन, नई दिल्ली में इसी हफ्ते एक समीक्षा बैठक हुई। भारतीय इस्पात प्राधिकरण (SAIL) के प्रदर्शन की समीक्षा हेतु बैठक आयोजित की गई। अमरेंदु प्रकाश, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक (CMD), तथा SAIL संयंत्रों के निदेशकों ने SAIL से संबंधित विषयों पर विस्तृत प्रस्तुति दी।
SAIL के जनशक्ति (Manpower) की समीक्षा
SAIL ने संयंत्र-वार लक्ष्य प्रस्तुत किया गया। मार्च 2026 तक कुल 10% मैनपॉवर में कमी का अनुमान रखा गया है, जिसमें नियमित एवं ठेका (contractual) दोनों प्रकार के कर्मचारी शामिल हैं। SAIL ने यह भी जानकारी दी कि ठेका श्रमिकों की भर्ती स्टाफिंग एजेंसियों के माध्यम से की जाने की योजना है।
कार्य बिंदु (Action Points)
सेल कारपोरेट आफिस के अधिकारियों के मुताबिक यह देखा गया कि कुछ संयंत्रों में मैनपॉवर असमान रूप से अधिक है। अतः SAIL को संयंत्र-वार/इकाई-वार (unit-wise/plant-wise) जनशक्ति (नियमित एवं ठेका दोनों) का विश्लेषण करना चाहिए तथा इसे श्रेष्ठ औद्योगिक मानकों (best industry standards) के अनुरूप अनुकूलित (optimize) करना चाहिए।
समीक्षा बैठक में SAIL से ये अधिकारीगण थे
अमरेंदु प्रकाश, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक (CMD), केके सिंह, निदेशक (कार्मिक), एमआर गुप्ता, निदेशक (तकनीकी, परियोजनाएँ एवं कच्चा माल), ए के पंडा, निदेशक (वित्त), तिरुमल राव, मुख्य महाप्रबंधक (परियोजनाएँ), कॉर्पोरेट कार्यालय, ए. दासगुप्ता, कार्यकारी निदेशक, अध्यक्ष का सचिवालय, राजीव रंजन, कार्यकारी निदेशक (व्यवसाय योजना), पंकज पुरी, मुख्य महाप्रबंधक (संचालन), राजीव कुमार, सहायक महाप्रबंधक (DML) आदि।
अब बात, भिलाई स्टील प्लांट की
ट्रेड यूनियन नेताओं का कहना है कि बीएसपी के नियमित कर्मी वैसे ही सेवानिवृत्त हो रहे हैं और मैनपावर की कमी लगातार बनी हुई है। बावजूद स्टील सचिव और प्रबंधन मैनपावर घटाने की योजना को मूर्त रूप दे रहे हैं। अब समय आ गया है कि जनप्रतिनिधियों को हस्तक्षेप करना चाहिए, क्योंकि युनियन की तो स्थानीय प्रबंधन ही नहीं सुनता है तो फिर सचिव स्तर पर युनियन की दाल गलने वाली नहीं है।
इसके पूर्व हर तिमाही 5% ठेका श्रमिकों को कम करने का आदेश आया था, जिसका तामील करते हुए बीएसपी प्रबंधन ने आंकड़ा दिया था कि इस तिमाही 8.6% की कमी की गई है, जो आगे भी जारी रहेगी।
ठेका श्रमिकों की कटौती का प्रभाव शाप फ्लोर पर अब पड़ता दिखाई दे रहा है। काम कराने वाले विभागीय अधिकारियों को पहले कार्य के लिए ठेका श्रमिक मिल जाया करते थे। अब वह भी नसीब नहीं हो रहें हैं। अधिकांश विभागों में मैनपावर को लेकर हाहाकार मचा हुआ है।












