SAIL Bonus: बोकारो स्टील प्लांट के कर्मचारियों ने मांगा PRP, बोनस फॉर्मूला रद्द कराने उतरे सड़क पर, Watch Video

SAIL Bonus Employees of Bokaro Steel Plant also came on the Road, Demand to Change the Bonus Formula, Pressure on Management

सूचनाजी न्यूज, बोकारो। सेल बोकारो स्टील प्लांट के कर्मचारी बोनस को लेकर सड़क पर उतर गए हैं। बोनस फॉर्मूला बदलने की मांग की जा रही है। आक्रोश रैली के माध्यम से सेल प्रबंधन तक मैसेज दिया जा रहा है कि अगर, बोनस फॉर्मूला नहीं बदला गया तो प्लांट का माहौल और खराब हो जाएगा। इसलिए कर्मचारियों के हित में फैसला लिया जाए। कर्मचारी प्रबंधन विरोधी नारे लिखी तख्तियां हाथों लिए चल रहे थे। अवैध बोनस फॉर्मूल रद्द करने और पीआरपी की मांग की गई।

ड्यूटी करके गेट से बाहर आए कर्मचारियों का जमावड़ा सवा 5 बजे से ही मजदूर मैदान सेक्टर 4 में होना शुरू हो गया था। इससे पहले बोकारो अनाधिशासी कर्मचारी संघ के पदाधिकारी तैयारियों में जुट गए थे।

Vansh Bahadur

सोशल मीडिया पर अपील की जा रही थी। जैसे-जैसे कर्मचारियों की भीड़ जुटने लगी, वैसे-वैसे यूनियन पदाधिकारियों का हौसला भी बढ़ता गया। आक्रोश रैली टैंक गार्डेन तक निकाली जा रही है।

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स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल के कर्मचारी सम्मानजनक बोनस की मांग को लेकर विरोध-प्रदर्शन के अभियान को बढ़ा रहे हैं। शुक्रवार को दुर्गापुर स्टील प्लांट के कर्मचारियों ने इंटक के बैनर तले कामकाज ठप किया था।

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शनिवार को बोकारो स्टील प्लांट के कर्मचारियों ने बोकारो अनाधिशासी कर्मचारी संघ के नेतृत्व में आक्रोश रैली निकालकर अपना गुस्सा जाहिर कर दिया है।

बीएसएल अनाधिशासी कर्मचारी संघ के बैनर तले शनिवार को कर्मचारियों ने अपने आक्रोश का प्रदर्शन किया। गांधी चौक होते हुए टू टैंक धरना स्थल पर रैली  जाकर सभा के परिवर्तित हो गई। सभा में सभी वक्ताओं ने सेल प्रबंधन के वेज रीविजन, एमओयू, बोनस समझौता, एरियर, इंसेंटीव रिवार्ड पर रुख की तीव्र निंदा किया साथ ही एनजेसीएस यूनियनों तथा उसके नेताओं के प्रबंधन परस्त नीतियों की भी तीव्र निंदा की।  सभी वक्ताओं ने प्रति मिलियन टन उत्पादन के हिसाब से बोनस राशि तय करने की मांग की।

बीएकेएस बोकारो अध्यक्ष हरिओम व महासचिव दिलीप कुमार का कहना है कि यह आक्रोश रैली नहीं, बल्कि सेल प्रबंधन की गलत नीतियों का सबूत है कि कर्मचारी काम करने के बाद अपने हक के लिए सड़क पर उतर रहे हैं। इस्पात मंत्रालय की मौन सहमति कर्मियों के आक्रोश को और बढ़ा रहा है। हम हर हालत में प्रोडक्शन रिलेटेड पे लेकर रहेंगे।

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उन्होंने कहा-कर्मचारियों के दम पर प्लांट चल रहा है, जिसका उदाहरण रविवार तथा राष्ट्रीय छुट्टियों के दिन का उत्पादन है। उस दिन सेल चेयरमैन से लेकर सभी अधिकारी छुट्टी में रहते हैं। हम 19.2 मिलियन टन उत्पादन करने वाले फौलादी सेल कर्मी हैं। हमें हमारा हक चाहिए। बोनस फॉर्मूला बदलना होना। कर्मचारियों को अपना हक चाहिए।

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आक्रोश रैली मे शामिल कर्मियों ने प्रोडक्शन डेटा, लाभ तथा अन्य आँक आंकड़ों का बैनर, पोस्टर हाथ में लिया था। सेल प्रबंधन द्वारा जबरदस्ती सभी समझौता लागू करने तथा पिछले तीन सालों से बोनस राशि सेल कर्मियों के खाते मे भेजने के कारण सभी सेल कर्मी बहुत आक्रोशित हैं।