- सेल प्रबंधन ने केंद्रीय मुख्य श्रमायुक्त के सामने बोला था कि बोनस का फॉर्मूला बदला जाएगा।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सेल कर्मचारियों के बोनस पर 20 सितंबर को फैसला होने की उम्मीद है। नेशनल ज्वाइंट कमेटी फॉर स्टील इंडस्ट्री-एनजेसीएस सदस्यों और सेल प्रबंधन के साथ मीटिंग होनी है। इस बार बोनस की राशि कितनी होगी, यह तय होगा। लेकिन, इससे पहले सवाल ये उठ रहे हैं कि बोनस का फॉर्मूले का क्या होगा?
सीटू से एनजेसीएस सदस्य व एसडब्ल्यूएफआई के राष्ट्रीय महासचिव ललित मोहन मिश्र से सूचनाजी.कॉम ने बातचीत की। उनका स्पष्ट रूप से कहना है कि सबसे पहले सभी यूनियन को एक मंच पर आना होगा। प्रबंधन बहुमत के आधार पर फैसला लेने का दांव खेलती है। कर्मचारियों को बेहतर बोनस दिलाने के लिए इस दांव को विफल करना ही होगा।
बोनस के तर्ज पर बकाया एरियर का पैसा भी डालिए खाते में
बोनस के साथ ही बकाया 39 माह के एरियर की मांग की को हम कभी छोड़ नहीं सकते। सेल प्रबंधन जिस तरह से पिछले दो साल से बगैर समझौता ही कर्मचारियों के खाते में बोनस की राशि डाल रहा है। उसी तरह से बकाया एरियर का पैसा भी डाल दे।
सेल प्रबंधन बोनस पर ही एकतरफा फैसला लेकर खाते में पैसा डालता रहा है तो इस बार बकाया एरियर का पैसा भी इसी तरीके से डाल दे। कर्मचारियों के हित में कम से कम यह फैसला ले।
श्रमायुक्त के सामने सेल प्रबंधन बोला है बोनस फॉर्मूला बदलेंगे
बोनस फॉर्मूला बदले जाने के सवाल पर ललित मोहन मिश्र ने कहा-सेल प्रबंधन ने केंद्रीय मुख्य श्रमायुक्त के सामने बोला था कि बोनस का फॉर्मूला बदला जाएगा। यह बात तो प्रबंधन भी मान चुकी है। अब अमल करने की जरूरत है। इस बार निश्चित रूप से बोनस फॉर्मूला बदला ही जाएगा। प्रबंधन क्या प्रस्ताव रखता है यह तो मीटिंग में ही खुलेगा।
आखिरी समय में मीटिंग बुलाने का यह मकसद
सीटू के केंद्रीय नेता ने सेल प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए कहा-प्रबंधन की कोई गहरी चाल है। इसलिए बोनस की मीटिंग आखिरी वक्त में बुलाई जाती है, ताकि अधिक समय न दिया जा सके। ऐन वक्त पर जल्दबाजी में फैसला लेने का दबाव यूनियन नेताओं पर डाल दिया जाता है।
बोनस मद में कितना बजट, यह तो बताइए
बोनस फॉर्मूला बदलने आदि को लेकर प्रबंधन तत्काल मीटिंग बुलाकर, बिंदुवार चर्चा करे। कुछ दिन लगातार मीटिंग करनी पड़े तो करें। लेकिन, बहानेबाजी और कम बोनस देने की चाल बिल्कुल न चलें। साथ ही सेल प्रबंधन को यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि बोनस मद में कितना बजट तय किया जाएगा। यह राशि भी स्पष्ट करनी चाहिए।
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प्लांट स्तर पर कर्मचारियों का फीडबैक लेने का अवसर हो
प्रबंधन प्रस्तावित बोनस फॉर्मूले को सार्वजनिक करे, ताकि सभी यूनियनों को खुलकर अपनी बात रखने का मौका मिले। प्लांट स्तर पर कर्मचारियों का फीडबैक लेने के बाद एनजेसीएस सदस्य मीटिंग में बैठकर कोई फैसला ले सकें। ललित मोहन ने दो-टूक बोला कि कर्मचारी संघर्ष के लिए तैयार रहें। सीटू हर आंदोलन के लिए आगे बढ़ने जा रहा है।