सेक्टर 9 हॉस्पिटल निजीकरण…! CITU की हॉस्पिटल टीम ने नेहरू जी की प्रतिमा के सामने ली संघर्ष तेज करने की शपथ, ये प्लानिंग

Sector 9 Hospital Privatization CITU Hospital Team Pledges to Intensify Struggle in Front of Nehrus Statue
  • सीटू ने अस्पताल की खूबियों को गिनाते हुए कहा कि इस अस्पताल का इंफ्रास्ट्रक्चर वर्ल्ड क्लास है।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सार्वजनिक उद्योगों को आधुनिक भारत का तीर्थ कहने वाले पंडित जवाहरलाल नेहरू की प्रतिमा के सामने एकत्रित होकर सीटू की सेक्टर 9 अस्पताल टीम ने शपथ लिया कि इसे निजी हाथों में देने की हर संभावनाओं को समाप्त करने के लिए संघर्ष को तेज करेंगे।

संयंत्र में सक्रिय सभी ट्रेड यूनियनों, ऑफिसर एसोसिएशन, जनप्रतिनिधियों एवं आम जन को एक मंच पर लाकर ना केवल इस अस्पताल को निजी हाथों में जाने से रोकेंगे, बल्कि अस्पताल को और बेहतर बनाने के लिए हर संभव सुझाव पेश करेंगे। अस्पताल की पूरी व्यवस्था को मजबूत करने में अपनी भूमिका अदा करेंगे।

सीटू की अस्पताल विभागीय समिति जवाहर लाल नेहरू के स्टैच्यू के पास शपथ लिया। यूनियन नेताओ ने कहा-नहीं जाने देंगे सेक्टर 9 अस्पताल को निजी कारपोरेट समूह के पास।

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वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर है सेक्टर 9 अस्पताल का

सीटू नेता से चर्चा करते हुए अस्पताल की टीम ने अस्पताल की खूबियों को गिनाते हुए कहा कि इस अस्पताल का इंफ्रास्ट्रक्चर वर्ल्ड क्लास है। इस अस्पताल में सभी सुविधाएं उपलब्ध है। केवल डॉक्टरों की कमी एवं मेडिकल स्टाफ की पर्याप्त व्यवस्था कर दिया जाए तो बड़े-बड़े कॉरपोरेट हॉस्पिटल भी सेक्टर 9 अस्पताल के सामने टिक नहीं पाएंगे। किंतु ऐसा लगता है कि सेल प्रबंधन इस पर ध्यान नहीं दे रहा है।

सीटू ने गिनाई अस्पताल की खूबियां

  • सेक्टर 9 अस्पताल में सबसे बेहतरीन बर्न यूनिट है, जहां बर्न केस में बेहतर इलाज किया जाता है।
  • स्किन ग्राफ्टिंग की जाती है। यहां पर स्किन बैंक भी उपलब्ध है।
  • बच्चों का बेहतरीन न्यू निटिल यूनिट है जहां पर 9 माह से पहले पैदा होने वाले बच्चों को रखकर बेहतर इलाज जाता है।
  • बच्चों का अलग से आईसीयू मौजूद है।
  • इस अस्पताल में टेस्ला एमआरआई मशीन उपलब्ध है, जो कई बड़े अस्पतालों में भी नहीं रहता है। जहां हर तरह का बॉडी स्कैनिंग किया जा सकता है।
  • छत्तीसगढ़ राज्य का पहला एनएबीएच एक्रीडिटेशन और एक मात्र नाट टेस्टेड ब्ल्ड बैंक।

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अत्यधिक उपकरणों से सुसज्जित ब्लड बैंक

सेक्टर 9 हॉस्पिटल में अत्यधिक उपकरणों से सुसज्जित ब्लड बैंक मौजूद है, जो पूरे छत्तीसगढ़ में पहला और सेल के अस्पताल में एनएबीएच एक्रीडिटेशन का एक मात्र है। सेक्टर 9 अस्पताल ब्लड बैंक में छत्तीसगढ़ का पहला एकमात्र नाट मशीन है, जिसकी लागत करोड़ों में है। नाट टेस्टेड ब्लड मरीज को चढ़ाया जाता है।

न्यूक्लिक एसिड टेस्ट (NAT) एक अत्यधिक संवेदनशील रक्त परीक्षण है, जो एचआईवी, हेपेटाइटिस बी और हेपेटाइटिस सी जैसे वायरस के आनुवंशिक पदार्थ (आरएनए या डीएनए) का सीधे पता लगाता है। कुछ साल पहले साजिश की गई थी किंतु भिलाई के अधिकारियों एवं कर्मचारी के संगठनों ने संयुक्त प्रयास करके उस साजिश को नाकाम कर दिया था।

860 बेड तक सीधे ऑक्सीजन पहुंच

860 बेड के इस अस्पताल में हर बेड तक सीधे ऑक्सीजन पहुंचाने की सुविधा उपलब्ध है एवं ऑक्सीजन पहुंचाने का यूनिट भी इस अस्पताल में स्थापित किया गया है। अस्पताल में सुसज्जित 12 बिस्तरों का आईसीयू एवं चार बिस्तरों का स्टेप डाउन आईसीयू मौजूद है, जिसमें समय-समय पर फुमिगेशन किया जाता है, जिसके तहत आईसीयू के अंदर 24 घंटे के लिए फ्यूम भर दिया जाता है, जिससे आईसीयू में सभी किस्म के बैक्टीरिया एवं वायरस को समूल नष्ट किया जा सके। यह व्यवस्था सेक्टर 9 को अपने आप में अलग पहचान देती है।

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जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय में ये सुविधा भी

• हॉस्पिटल इनफॉरमेशन मैनेजमेंट सिस्टम से सुसज्जित फार्मेसी में ऑनलाइन एवं ऑफलाइन दवाई वितरण करने की सुविधा उपलब्ध है, जो मरीज को लगातार राहत दे रहा है।

• इस अस्पताल में अलग से टीबी, मनोचिकित्सा एवं कैंसर के इलाज के लिए वार्ड एवं पूरी व्यवस्था है।

• इस अस्पताल में डायबिटिक, नॉन डायबीटिक, हाई प्रोटीन लिक्विड डाइट सहित अलग-अलग मरीजों के लिए 50 से ज्यादा प्रकार के भोजन बनाकर मरीज तक सप्लाई किए जाते हैं।

• कोरोना कल में इस अस्पताल ने हजारों हजार मरीज का जांच किया। हजारों मरीजों का इलाज किया एवं उनकी जान बचाई।

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समझ से परे है कि ऐसे अस्पताल को कैसे मन करता है निजीकरण करने का

सीटू नेताओं ने कहा कि आमजन को बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए ऐसे सुसज्जित अस्पतालों का ज्यादा से ज्यादा निर्माण करनें एवं संचालित करनें के बारे में सरकार को प्रयास करना चाहिए। किंतु मौजूदा केंद्र सरकार एवं उसके मंत्रालय उल्टा सार्वजनिक उद्योग के अस्पताल को अपने कॉर्पोरेट मित्रों को देने का रास्ता बना रही है। यह बात समझ से परे है कि ऐसे अस्पताल को निजी हाथों में देने का कैसे मन करता है।

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