- इस्पात मंत्रालय एवं सेल प्रबंधन ने अस्पताल निजी हाथों में दिया तो सेवानिवृत्त कामगार, उनके परिजनों की जिंदगी पर विपरीत असर पड़ेगा।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सेक्टर 9 अस्पताल को लेकर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा चलाए जा रहे जन जागरण अभियान के तहत सेक्टर 7 मार्केट में नुक्कड़ सभा किया गया। बीती शाम सेल प्रबंधन और इस्पात मंत्रालय पर जमकर आरोप लगाए गए।
माकपा नेता ने कहा कि केंद्र सरकार आम जनता से कई प्रकार के कर वसूल करती है जिसके एवज में सरकार द्वारा आम जनता को कुछ बुनियादी सुविधा उपलब्ध कराना होता है। स्वास्थ्य, शिक्षा, पानी, सड़क, बिजली देना सरकार की जिम्मेदारी है। किंतु आम आदमी को अब सब कुछ पैसा देकर खरीदना पड़ रहा है।
इसी नियम के तहत भिलाई इस्पात संयंत्र जैसे सार्वजनिक उद्योग के अस्पताल को घाटा एवं मुनाफा से जोड़कर कंसल्टेंसी कंपनी को हायर करके उनसे परामर्श लेकर निजी हाथों में देने की तैयारी शुरू किया है, जिसका हर स्तर पर विरोध किया जाएगा।
बुनियादी जरूरत को पूरा करने से पीछे हट रही है सरकार
नेताओं ने कहा-आम जनता बुनियादी जरूरत से वंचित होते जा रहे हैं। सरकारी स्कूलों को कमजोर एवं बंद किया जा रहा है, जिसके कारण आम आदमी निजी स्कूल में बच्चों को मोटी फीस देकर पढ़ाने को मजबूर है।
पानी के लिए मीटर लगाया जा रहा है, जिसे हर माह पैसा पटाना पड़ता है। सड़कों का निर्माण करने का दावा करने वाली सरकार सड़कों को टोल वसूली से पूरा कर रही है। बिजली में तरह-तरह की योजनाएं लॉन्च की जा रही है घर के साथ-साथ सड़कों पर जलने वाली बिजली का पैसा भी किसी न किसी रूप से आम आदमी से ही वसूला जा रहा है। अब स्मार्ट मीटर लोगों के जेब पर डाका डालने को तैयार हो चुका है।
अस्पताल के कारण सेवानिवृत्त कर्मी रहते हैं भिलाई एवं आसपास में
माकपा नेता ने कहा कि सेक्टर 9 अस्पताल पर लगभग 80000 से ज्यादा लोग इलाज के लिए निर्भर हैं। इनमें से जहां 30000 से 35000 स्थाई कामगार एवं उसके परिवार सेक्टर 9 अस्पताल में अपना इलाज करते हैं। वहीं, 40000 से 50000 सेवानिवृत्त कर्मी एवं उनके परिजन सेक्टर 9 अस्पताल का लाभ ले रहे हैं और इस लाभ को लेने के लिए ही भिलाई एवं उसके आसपास के कॉलोनी में निवासरत है।
इस्पात मंत्रालय एवं सेल प्रबंधन के द्वारा यदि इस अस्पताल को डेलाइट के अनुशंसा पर निजी हाथों में दिया गया तो सेवानिवृत्त कामगार एवं उनके परिजनों के जिंदगी पर इसका विपरीत असर पड़ेगा, जो कि भिलाई एवं सार्वजनिक उद्योग के सोच एवं समझदारी के लिए अच्छा नहीं है।












