- इस्पात सचिव को संबोधित मांग पत्र बीएसपी प्रबंधन को सौंपा जाएगा।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल के भिलाई स्टील प्लांट प्रबंधन के खिलाफ महिलाओं ने भी मोर्चा खोल दिया है। परिवार पर आफत आते ही पूर्व कार्मिकों के परिवार की महिलाएं भी सड़क पर उतर गई हैं। निजीकरण के खतरों को लेकर भी चिंता जाहिर की जा रही है। मुर्गा चौक पर विरोध प्रदर्शन करके मनमाने रिटेंशन किराए को वापस लेने की मांग की गई।
लोक सृजन समिति और हाउस लीज संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले विरोध प्रदर्शन किया जा जा रहा है। अध्यक्ष राजेंद्र परगनिहा के संयोजन में वक्ता अपनी बात रख रहे हैं। विधायक देवेंद्र यादव भी शामिल होंगे। आंदोलनकारियों का समर्थन करेंगे।
इस्पात सचिव को संबोधित मांग पत्र बीएसपी प्रबंधन को सौंपा जाएगा। रिटेंशन आवासों के प्रस्तावित मनमाने किराया वृद्धि (24 रुपये प्रतिवर्ग फीट) अर पीपी एक्ट के दुरूपयोग पर रोक लगाने की मांग जा रही है।
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1) सेल आवास लीज योजना के आधार पर भिलाई इस्पात संयंत्र के आवासों को वर्ष 2001-03 के मध्य तीस वर्षीय पट्टे पर संयंत्र कार्मिकों को दी गई थी। जिसमें 4352 आवास लीज योजना में आबंटित की गई।
2) इसी योजना को विस्तारित कर लाइसेंस पद्धति के तहत अवैध कब्जाधारियों सहित गैर कार्मिकों को भी आवास आवंटित की गई। जिसकी संख्या 3000 से भी अधिक है।
3) 9 फरवरी 2008 को सेल के स्वर्ण जयंती समारोह के अवसर पर तत्कालीन इस्पात मंत्री स्व. रामबिलास पासवान ने हाउस लीज योजना के तत्काल लागू करने की घोषणा भिलाई में की थी।
4) इस घोषणा पश्चात 25 जुलाई 2008 को सेल बोर्ड की 340वीं बैठक में लीज आवासों के अतिरिक्त निर्माण के विनियमितीकरण पश्चात लीज योजना लागू करना तय किया गया था भिलाई में इसे तत्काल 599 वर्गफुट तक के आवासों को तुरंत ही चालू करने का निर्देश भी दिया गया।
5) सन 2008 में ही सेवा निवृत्त हो रहे कई कर्मियों के ग्रेज्युटी की राशि से दो लाख रुपए अग्रिम रूप से प्रबंधन ने हाउस लीज रिकवरी के रूप में रख ली थी।
6) इन्हीं में से अधिकांश पूर्व कार्मिकों को कुछ शर्तों के साथ 2 साल संयंत्र आवासों में रहने की अनुमति दी गई तथा हाऊस लीज रिकवरी की राशि को सुरक्षा निधि के रूप में परिभाषित किया गया। इन पूर्व कार्मिकों को मौखिक रूप से यह प्रबंधन ने आश्वस्त किया कि भविष्य में लीज योजना के लागू होने पर रिटेंशन स्कीम में रह रहे पूर्व कार्मिकों को समाहित कर लिया जाएगा।
7) 20 मार्च 2015 को तत्कालीन इस्पात राज्य मंत्री व वर्तमान मुख्यमंत्री छ.ग. शासन के नेतृत्व में सेल के शीर्ष अधिकारियों की बैठक उद्योग भवन दिल्ली में हुई थी,जिसमें इस बात पर सहमति बनी भी कि इस योजना को पुनः नियमितीकरण पश्चात् लागू किया जाएगा।
8) सन 2019 में कुछ कार्मिकों को जो रिटेंशन स्कीम में रह रहे थे लाइसेंस योजना के तहत पाँच लाख सुरक्षा निधी राशि लेकर वैधता प्रदान की गई।
9) आज भी हजारों पूर्व कार्मिक तथा वर्तमान कार्मिक सहित उनका परिवार इस लीज/ लायसेंस योजना को क्रियान्वयन का इंतजार कर रहे है।
10) राज्य शासन तथा भिलाई नगर निगम के अधिकारियों ने नियमितीकरण पर लगातार पत्र व्यवहार प्रबंधन से किया। परन्तु सेल प्रबंधन ने इस पर हमेशा टाल मटोल का रवैय्या रखा। बल्कि इस संस्था से जुड़े सदस्यों को पी.पी.एक्ट से प्रताड़ित करना प्रारंभ कर दिया जो आज भी जारी है।
















