पेपर लीक मामले में 8 पूर्व रेलवे कर्मचारियों को 5-5 साल की सजा, पांच-पांच लाख जुर्माना

8 former railway employees sentenced to 5 years imprisonment and fined Rs 5 lakh each in paper leak case
  • सीबीआई अदालत ने परीक्षा पेपर लीक मामले में आठ पूर्व रेलवे कर्मचारियों को पांच-पांच साल की कैद और पांच-पांच लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई।

सूचनाजी न्यूज, अहमदाबाद। सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश अहमदाबाद ने आठ आरोपियों को पांच-पांच साल के साधारण कारावास और पांच-पांच लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है।

आपराधिक षडयंत्र, चोरी, चोरी की संपत्ति को बेईमानी से प्राप्त करने या रखने, अपराध के साक्ष्य को गायब करने, सामान्य आशय को आगे बढ़ाने के लिए अपराध करने और आपराधिक कदाचार के मामले में प्रत्येक पर 5,00,000 (कुल जुर्माना 40,00,000) का जुर्माना लगाया गया है।

जानिए आरोपियों के बारे में

सुनील जसमल गोलानी, तत्कालीन प्रधान लिपिक, ईटी, डीआरएम कार्यालय, पश्चिम रेलवे, वडोदरा

महेंद्र मथुराप्रसाद व्यास, तत्कालीन वरिष्ठ सिफर ऑपरेटर, मंडल कार्यालय, वडोदरा,

राजेशकुमार कालेश्वर गोस्वामी, तत्कालीन विद्युत सिग्नल अनुरक्षक-III, कंजारी बोर्यावी, पश्चिम रेलवे, आणंद,

आनंद सोमाभाई मेरैया, तत्कालीन विद्युत सिग्नल अनुरक्षक-III, बाजवा, वडोदरा,

प्रकाश सीतारामदास करमचंदानी, तत्कालीन वरिष्ठ लिपिक (ईडी), मंडल अधिकारी, वडोदरा,

महबूबअली अब्दुलजब्बार अंसारी, तत्कालीन सहायक। डीजल चालक, कांकरिया, पश्चिम रेलवे, अहमदाबाद

परेशकुमार लालहीभाई पटेल, तत्कालीन डीजल सहायक चालक, कांकरिया, पश्चिम रेलवे, अहमदाबाद

पप्पू बब्बा खान, कांस्टेबल, रेलवे सुरक्षा बल, अजमेर

मुख्य सतर्कता निरीक्षक, पश्चिम रेलवे की शिकायत पर खुला राज

सीबीआई ने तत्कालीन मुख्य सतर्कता निरीक्षक, पश्चिम रेलवे, अहमदाबाद की शिकायत के आधार पर 17.08.2002 को यह मामला दर्ज किया था। शिकायत में राजेश गोस्वामी, ईएसएम-III, कर्जन-बोरियावी, पश्चिम रेलवे, आणंद और रेलवे विभाग के अन्य कर्मचारियों द्वारा प्रश्नपत्र लीक करने का आरोप लगाया गया था।

वाले उम्मीदवारों से 50,000 रुपये से लेकर एक लाख तक वसूली

आरोप का सार यह है कि राजेशकुमार कालेश्वर गोस्वामी और रेलवे के अन्य अज्ञात कर्मचारी तथा निजी व्यक्ति 18.08.2002 को निर्धारित प्रोबेशनरी असिस्टेंट स्टेशन मास्टर के पद के लिए लिखित परीक्षा में बैठने वाले उम्मीदवारों से 50,000 रुपये से लेकर एक लाख रुपये तक की विभिन्न राशि वसूल रहे थे।

जांच के बाद, सीबीआई ने 28.07.2003 को उपर्युक्त 8 दोषियों और एक निजी व्यक्ति (जिसकी सुनवाई के दौरान मृत्यु हो गई) के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल किया। सुनवाई के बाद, न्यायालय ने उपर्युक्त अभियुक्तों को दोषी ठहराया और तदनुसार उन्हें सजा सुनाई।