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Coal India News: कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने SECL मुख्यालय पर किया हंगामा, प्रबंधन की आई सफाई

Coal India News: कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने SECL मुख्यालय पर किया हंगामा, प्रबंधन की आई सफाई
  • वित्तीय वर्ष 2022 में देश में 200 मिलियन टन से अधिक कोयला आयात किया गया है

सूचनाजी न्यूज, बिलासपुर। साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड-एसईसीएल (SECL) मुख्यालय गेट पर जिला कांग्रेस टीम (District Congress Team) द्वारा प्रदर्शन किया गया। प्रबंधन को ज्ञापन प्रदान किया गया, जिसमें एसईसीएल (SECL) के रायगढ़ क्षेत्र में अवस्थित पेलमा ओपनकास्ट माईन को माईन डेवलपर व आपपरेटर माडल पर एक निजी कम्पनी को संचालन हेतु प्रदाय किए जाने पर संज्ञान लिए जाने का अनुरोध किया गया है।

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एसईसीएल प्रबंधन ने कहा-वस्तुस्थिति ये है

-वित्तीय वर्ष 2022 में देश में 200 मिलियन टन से अधिक कोयला (COAL) आयात किया गया है, जिसकी कुल लागत 2.28 लाख करोड़ रुपए रही है। इसी वर्ष घरेलू कोयले का प्रति टन दर 2362  रुपए था। वहीं आयातित कोयले की कीमत लैंडिंग प्राईस (Landing Price) प्रति टन 19,324 रुपए आंकी गयी।

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-भारत में दुनिया का पाँचवा सबसे बड़ा कोयला रिजर्व (Coal Reserve) मौजूद है तथापि देश को कोयला आयात (Import) करना पड़ता है। प्रति वर्ष देश में 75 मिलियन टन से अधिक नान-कोकिंग कोयला (Non-Coking Coal ) आयातित किया जाता है जिसके भण्डार छत्तीसगढ़ एवं उड़ीसा जैसे राज्यों में मौजूद हैं अर्थात यदि इन क्षेत्रों से घरेलू कोयला उत्पादन बढ़ाया जाए तो निश्चित रूप से कोल इम्पोर्ट बिल को कम करने में मदद मिलेगी।

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भारत सरकार (Indian Govt) की नीति अनुरूप, घरेलू कोयला उत्पादन (Coal Production) बढ़ाने के उद्धेश्य से सरकार द्वारा आक्शन माध्यम से कोल ब्लाक का आबंटन किया जा रहा है। वहीं वैसी खदानों (Mines) को जहां संचालन में भूगर्भीय या स्थानीय कारकों की वजह से विलम्ब/समस्या आ रही है, उन्हें प्राइवेट प्लेयर्स के जरिए संचालन के लिए माइन डेवलपर व आपरेटर माडल (एमडीओ) पर निविदाएँ आमंत्रित की जा रहीं हैं।

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-एमडीओ मोड पर खदानों का आवंटन ग्लोबल टेण्डर(Global Tender) के जरिए किया जाता है, जिसमें दुनियाभर की कम्पनियां भाग ले सकती हैं। यह प्रक्रिया आनलाइन पोर्टल (Online Portal) के जरिए पारदर्शी तरीके से होती है।

-एमडीओ मोड में कोयला खनन से जुड़े टेण्डर जैसे ओबी निकालना, कोयला निकालना, कोयला परिवहन आदि अलग-अलग न करके एक साथ किया जाता है। संबंधित कम्पनी आधुनिक तकनीक व भारी मशीनों में निवेश के लिए भी तैयार रहती है। इस प्रकार खदान से उत्पादन जल्दी शुरू किया जा सकता है।

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एमडीओ मोड (MDO Mode) की खदानें एसईसीएल (SECL) की ही खदानें हैं तथा इन्हें किसी को बेचा नहीं जाता। संबंधित कम्पनी को खुले मार्केट (Open Market) में कोयला बेचकर मुनाफा कमाने की अनुमति नहीं होती, इस प्रकार से संबंधित कम्पनी मूल कम्पनी को ही उत्पादन में सहयोग करती है।

-पूरे देश में 15 से अधिक खदानें एमडीओ मोड पर संचालित हो रही हैं। एसईसीएल में इस प्रकार की 3  खदानें ग्लोबल टेण्डरिंग (Global Tendering) के जरिए दी गयी हैं तथा तीनों ही 3 अलग-अलग निजी कम्पनियों को मिले हैं।

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-इस प्रकार एमडीओ मोड (MDO Mode) पर खदानों के संचालन से घरेलू कोयला उत्पादन (Coal Production) में बढ़ोत्तरी होगी, जिसका प्रत्यक्ष लाभ देश के उद्योगों को कम दर पर कोयला उपलब्धता के रूप में मिल सकेगा, साथ ही साथ कोल इम्पोर्ट बिल (Coal Import Bill) के भार को भी कम किया जा सकेगा।

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