SRU BHILAI को मिला राजभाषा अग्रदूत पुरस्कार और प्रशस्ति-पत्र

  • सेल रिफ्रेक्ट्री यूनिट भिलाई को राजभाषा नीतियों के अनुपालन में नराकास स्तर पर उल्लेखनीय योगदान के लिए एवं संयंत्र में हिंदी के प्रगामी प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए पुरस्कृत किया गया।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति भिलाई-दुर्ग की 59वीं छमाही बैठक एवं पुरस्कार वितरण समारोह यादगार रहा। भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai Steel Plant) के मानव संसाधन विकास केंद्र (Human Resource Development Centre) में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि “श्री हरीश सिंह चौहान”, सहायक निदेशक (कार्यान्वयन) एवं कार्यालयाध्यक्ष भारत सरकार, गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग, क्षेत्रीय कार्यान्वयन कार्यालय (मध्य), भोपाल (म.प्र.) उपस्थित थे।

ये खबर भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ में पढ़ने वाले बच्चों पर अब सरकार की सीधी नजर, Bhilai IIT बना सहारा

कार्यक्रम की अध्यक्षता निदेशक प्रभारी, भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai Steel Plant) एवं अध्यक्ष, नराकास, भिलाई-दुर्ग अनिर्बान दासगुप्ता ने की तथा मंच संचालन जितेन्द्र दास मानिकपुरी, उप प्रबंधक (संपर्क व प्रशा. एवं राजभाषा) ने किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से पवन कुमार-कार्यकारी निदेशक (मानव संसाधन) एवं सौमिक डे, महाप्रबंधक (संपर्क व प्रशासन, जनसंपर्क एवं प्रभारी राजभाषा) भिलाई इस्पात संयंत्र एवं सचिव, नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, भिलाई-दुर्ग भी उपस्थित थे।

ये खबर भी पढ़ें: भिलाई स्टील प्लांट: कोक ओवन के अधिकारियों-कर्मचारियों को मिला शिरोमणि अवॉर्ड, जानिए नाम

इस कार्यक्रम में सेल रिफ्रेक्ट्री यूनिट, भिलाई (SAIL Refractory Unit, Bhilai) को राजभाषा नीतियों के अनुपालन में नराकास स्तर पर उल्लेखनीय योगदान के लिए एवं संयंत्र में हिंदी के प्रगामी प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए “राजभाषा अग्रदूत पुरस्कार एवं प्रशस्ति-पत्र” से सम्मानित किया गया। सेल रिफ्रेक्ट्री यूनिट, भिलाई (SAIL Refractory Unit, Bhilai) की ओर से महाप्रबंधक प्रभारी (वित्त एवं लेखा) आरसी भोई, एवं सहायक महाप्रबंधक (मानव संसाधन) मधुसुधन राव के. ने मुख्य अतिथि हरीश सिंह चौहान, अनिर्बान दासगुप्ता एवं पवन कुमार के कर-कमलों से पुरस्कार एवं प्रशस्ति-पत्र ग्रहण किया। साथ ही सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम के तौर पर राजभाषा के क्षेत्र में विशेष कार्य करने के लिए मुख्य अतिथि ने एसआरयू, भिलाई प्रबंधन की प्रशंसा की।

ये खबर भी पढ़ें: एनएमडीसी स्टील लिमिटेड का पहला प्रमुख उत्पादन बना मील का पत्थर