Bokaro Steel Plant: रसूखदार अधिकारी मलाइदार विभाग में वर्षों से जमे, करप्शन पर नहीं कोई एक्शन

  • ईमानदार अधिकारियों का दूसरे यूनिट में ट्रांसफर कर दिया जाता है।

सूचनाजी न्यूज, बोकारो। सेल बोकारो स्टील प्लांट (SAIL – Bokaro Steel Plant) के कई विभागों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगता रहा है। लेकिन, कोई कार्रवाई न होने से अब उच्च प्रबंधन पर भी अंगुली उठनी शुरू हो गई है। कर्मचारियों ने सीधा मोर्चा खोलते हुए प्रबंधन को ही लपेटे में ले लिया है।

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बीएकेएस के अध्यक्ष हरिओम का कहना है कि बीएसएल अपने अधिकारियों पर कोई विशेष कार्यवाई नहीं करती है। चाहे आप कितना भी बड़ा क्राइम कर लें। चोरी कर लें…। भ्रष्टाचार कर लें…।

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घोटाला कर लें, घूस ले लें, घूस देकर नौकरी लेने-देने में संलिप्त हों, ई जीरो परीक्षा में घूसखोरी का विषय हो, एक्सपांशन प्रोजेक्ट में देरी, ग्रुप इंश्योरेंस के नाम पर किए गए भ्रष्टाचार, खेल मैदान के नाम पर किए गए टेंडर प्रक्रिया या अन्य भी बहुत सारी समस्यायों पर कोई एक्शन नहीं होता है।

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आरोपितों की संलिप्तता यदि बहुत होगी तो स्थानांतरण होगा। वो भी एक मलाईदार विभाग से दूसरे मलाईदार विभाग। बस उससे ज्यादा कुछ नहीं। सभी रसूख वाले अधिकारी मलाइदार विभाग में वर्षों से जमे हैं। वहीं, ईमानदार अधिकारियों का दूसरे यूनिट में ट्रांसफर कर दिया जाता है। दूसरी तरह कोई कर्मचारी इनकी गलत नीतियों का संवैधानिक तरीके से आलोचना करता है तो उसे प्रतिशोधात्मक कार्यवाई करते हुए अवैध रूप से 2500 km दूर स्थानांतरण किया जाता है। वहीं, तीन वर्ष बीतने पर भी उनकी प्रतिशोध की ज्वाला शांत नहीं होती है। साथ खदानों में भी स्थानांतरण कर दिया जाता है और यह संवेदनहीन प्रबंधन अपने श्रमिकों के साथ द्वेषपूर्ण व्यवहार करती हो।

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एक कर्नल जो भारतीय सेना से सेवानित्त हैं, जिनके प्रति पूरा देश सम्मान का भाव रखता है। उन्होंने कार्यभार ग्रहण करते ही नगर में व्याप्त अतिक्रमण को काफी कम कर कंपनी को आर्थिक लाभ दिलवाया, उनके साथ भी आर्थिक शोषण किया जाना। किस प्रकार की मानसिकता को प्रदर्शित करता है। यह विचार करने का समय है। हम सभी के लिए की एक महारत्न स्टेटस प्राप्त प्रबंधन का यह व्यवहार क्या देश हित में हैं?

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