भिलाई स्टील प्लांट, हुडको और राजहरा की यादों में शंकर गुहा नियोगी, जिस समय चली गोली, उसी पल जलेगी मशाल

  • 28 सितंबर को शहादत दिवस को “मजदूर-किसान एकता संकल्प दिवस” के रूप में दल्ली राजहरा में मनाया जाएगा।

सूचनाजी न्यूज, राजहरा। शंकर गुहा नियोगी को एक बार फिर याद किया जा रहा है। 28 सितंबर को शहादत दिवस मनाया जाएगा। छत्तीसगढ़ माइंस श्रमिक संघ (Chhattisgarh Mines Shramik Sangh), छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा (Chhattisgarh Mukti Morcha) और शहीद अस्पताल के संस्थापक शंकर गुहा नियोगी का 33वां शहादत दिवस मजदूर-किसान एकता संकल्प दिवस के रूप में मनाया जाएगा।

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बताया जा रहा है कि 18 सितंबर 1942 को पश्चिम बंगाल के दिनाजपुर जिला के छोटे से अंजान गांव बालूवाड़ी में जन्में व छत्तीसगढ़ के भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai Steel Plant) में एक कर्मचारी के रूप में भर्ती होकर कर्मचारियों के जायज मांगों के लिए संघर्ष करते रहे। संयंत्र की नौकरी से बर्खास्त किए जाने के बाद, भारत के नक्शे में स्थित छत्तीसगढ़ जैसे अति पिछड़े क्षेत्र के छोटे से नगर दल्ली राजहरा के लौह अयस्क खदानो में ठेकादारी प्रथा के भयंकर गरीबी, शोषण, पूंजीवाद, अत्याचार से पीड़ित बेआवाज खदान मजदूरो की आवाज बनकर अपने क्रांतिकारी राजनीतिक जीवन का सफर आरंभ किया।

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शंकर गुहा नियोगी की 28 सितंबर 1991 को भिलाई स्थित हुडको में उनके निवास पर सोते समय भोर में 3 बजकर 45 मिनट बजे गोली मरवाकर हत्या कर दी गई थी।

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छत्तीसगढ़ माइंस श्रमिक संघ अध्यक्ष सोमनाथ उईके, पूर्व विधायक डौण्डीलोहारा जनक लाल ठाकुर का कहना है कि हत्यारों ने सोचा था कि नियोगी की हत्या के बाद उनके क्रांतिकारी विचार, राजनीतिक दर्शन और उनके कार्य और ‘नये भारत के लिए सुंदर और शोषण मुक्त छत्तीसगढ़’ का उनका सपना भी समाप्त हो जाएगा, पर वे भूल गए थे कि एक व्यक्ति को तो मारा जा सकता है, पर उसके विचार को नहीं। हत्या के 33 वर्ष बाद भी नियोगी के विचार जिंदा है।

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शहीद शंकर गुहा नियोगी को उनके समाधी स्थल पर 28 सितंबर को भोर में 3 बजकर 45 मिनट पर मशाल प्रज्वलित कर श्रद्धांजलि दी जाएगी। दोपहर 1 बजे यूनियन कार्यालय से रैली के माध्यम से दल्ली राजहरा के प्रमुख मार्गों से होते हुए माइंस आफिस चौक पर आमसभा के रूप में परिवर्तित होगी।

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