Suchnaji

SAIL Strike 2024: Bhilai Steel Plant से बस्ती और घर तक पहुंच रहा BSP संयुक्त यूनियन, प्रबंधन पर भड़के हैं मजदूर

SAIL Strike 2024: Bhilai Steel Plant से बस्ती और घर तक पहुंच रहा BSP संयुक्त यूनियन, प्रबंधन पर भड़के हैं मजदूर

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। 29 व 30 जनवरी 2024 को होने जा रहे औद्योगिक हड़ताल का प्रचार, संयंत्र से निकलकर अब श्रमिकों की बस्ती में भी पहुंचने लगा है। इसके तहत रविवार को संयुक्त यूनियन के पदाधिकारी जोरातराई पहुंच कर वहां के निवासरत ठेका श्रमिकों एवं स्थाई श्रमिकों के बीच नुक्कड़ सभाएं की।

AD DESCRIPTION R.O. No.12945/84

ज्ञात हो कि संयंत्र में लगभग 7000 से ज्यादा ठेका श्रमिक एवं सैकड़ों स्थाई श्रमिक जोरा तराई गेट से संयंत्र के अंदर आते हैं। छोटी-छोटी नुक्कड़ सभाओं को सुन रहे स्थाई एवं ठेका श्रमिक अपनी मांगों को लेकर हो रहे संघर्षों में भागीदारी करते हुए 29 एवं 30 जनवरी के प्रस्तावित हड़ताल में भाग लेने की बात कह रहे हैं।

स्थाई-ठेका श्रमिक मिलकर करते हैं संयंत्र में उत्पादन

वर्तमान समय में स्थाई एवं ठेका श्रमिक मिलकर संयंत्र का उत्पादन कर रहे हैं। कभी संयंत्र में 60000 से ज्यादा स्थाई श्रमिक काम किया करते थे। किंतु सरकार की नई आर्थिक एवं औद्योगिक नीतियों पर अमल करते हुए प्रबंधन लगातार स्थाई श्रमिकों को घटाते हुए उनके स्थान पर ठेका श्रमिकों को लेना शुरू किया है, जिसके परिणाम स्वरूप वर्तमान में संयंत्र में जहां 12000 स्थाई कर्मी हैं। वहीं, लगभग 28000 से 30000 ठेका कर्मी कार्य कर रहे हैं।

समान काम का सामान वेतन नहीं मिलता है ठेका श्रमिकों को

संयुक्त यूनियन के नेताओं ने कहा कि समान काम के लिए समान वेतन का कानून बना हुआ है। किंतु प्रबंधन समान काम के लिए समान वेतन देना तो दूर, राज्य सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम वेतन भी ठेका श्रमिकों को नहीं दिलवा पाता है, जबकि राज्य सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम वेतन सभी विभागों में निर्धारित स्थान पर डिस्प्ले किया जाता है।

किंतु प्रबंधन यह डिस्प्ले किया हुआ न्यूनतम वेतन भी ठेका श्रमिकों के खाते में पहुंचाने को सुनिश्चित नहीं कर पाता है, जबकि ऑपरेटिंग अथॉरिटी कि यह जिम्मेदारी है कि वह इस बात को सुनिश्चित करें कि सभी ठेका श्रमिकों को राज्य सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम वेतन मिल रहा है।

सभी को स्वेच्छा से उतरना होगा हड़ताल में

संयुक्त यूनियन के नेताओं ने कहा कि प्रबंधन एवं सरकार वेतन समझौता को लेकर स्थाई एवं ठेका श्रमिकों के सामने जिन समस्याओं को खड़ा किया है, उसे सभी कर्मी अच्छी तरह से जानते हैं। इसीलिए इन समस्याओं के समाधान के लिए 29 एवं 30 जनवरी को संयुक्त ट्रेड यूनियन के आह्वान पर होने जा रहे हड़ताल में सभी स्थाई एवं ठेका सभी को स्वेच्छा से भाग लेना होगा।

जान जोखिम में डालकर काम कर रहे हैं ठेका श्रमिक

संयुक्त यूनियन के नेताओं ने कहा कि वेज कास्ट कम करने के नाम पर प्रबंधन लगातार घट रहे स्थाई कर्मियों की संख्या के बदले ठेका श्रमिको की संख्या को संयंत्र के अंदर बढ़ा रहा है। सही सुपरविजन एवं उचित मार्गदर्शन के अभाव में संयंत्र के अंदर दुर्घटनाएं तेजी से बढ़ी है, जिसके शिकार लगातार ठेका श्रमिक हो रहे हैं।

एक तरफ तो ठेका श्रमिकों को केंद्र सरकार अथवा राज्य सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम वेतन तक नहीं दिया जाता है, तो वहीं दूसरी तरफ ठेका श्रमिकों को मिलने वाले अन्य सुविधाएं जैसे भविष्य निधि में ठेकेदार का अंशदान, सालाना उचित बोनस सहित अन्य दूसरे न्यूनतम सुविधाओं से वंछित रखा जाता है, जिसके लिए संघर्ष ही एकमात्र समाधान है।

AD DESCRIPTION RO: 12822/ 117