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SAIL News: UP गेस्ट हाउस कांड से कम नहीं Bokaro आफिसर्स गेस्ट हाउस कांड, अध्यक्ष के 6 आरोपों पर महासचिव का पलटवार

SAIL News: UP गेस्ट हाउस कांड से कम नहीं  Bokaro आफिसर्स गेस्ट हाउस कांड, अध्यक्ष के 6 आरोपों पर महासचिव का पलटवार
  • अजय पांडेय का कहना है कि अध्यक्ष समस्याओं के जड़ में जाकर इसको खत्म करने के बदले  नव निर्वाचित महासचिव को दोषी साबित करने में लगे हैं।

सूचनाजी न्यूज, बोकारो। सेल बोकारो स्टील प्लांट (SAIL Bokaro Steel Plant) के आफिसर्स एसोसिएशन (Officers Association) में उथल-पुथल जारी है। बोकारो आफिसर्स एसोसिएशन गेस्ट हाउस कांड भी उत्तर प्रदेश गेस्ट हाउस कांड से कम नहीं लग रहा है। विवाद थम ही नहीं रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री मायावती से यूपी गेस्ट हाउस कांड जुड़ा हुआ था।

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इधर-बोकारो गेस्ट हाउस कांड पदाधिकारियों से जुड़ा है। BSOA के गेस्ट हाउस प्रकरण के बाद तरह-तरह के आरोप प्रत्यारोप लगाएं जा रहे है। इस पूरे प्रकरण में जो बात सामने उभर कर आई है वह है पारदर्शिता की कमी।

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BSOA के जनरल सेक्रेटरी अजय पांडेय समेत कई पदाधिकारियों ने अध्यक्ष के पिछले बयान पर पलटवार किया है। 6 बिंदुओं में जवाब दिया है। अजय पांडेय का कहना है कि अध्यक्ष समस्याओं के जड़ में जाकर इसको खत्म करने के बदले  नव निर्वाचित महासचिव को दोषी साबित करने में लगे हैं, जबकि वास्तविकता में नव निर्वाचित महासचिव को अभी तक कार्यभार नहीं दिया गया है।

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अजय पांडेय ने यहां तक बोल दिया कि आरोप-प्रत्यारोप के क्रम में अध्यक्ष और कोषाध्यक्ष ने 6 सवालों के माध्यम से नवनिर्वाचित महासचिव को टारगेट करने की कोशिश की है। इसके विरोध में अब नवनिर्वाचित महासचिव के साथ नवनिर्वाचित उपाध्यक्ष और नवनिर्वाचित उपमहासचिव भी आगे आए हैं। इन तीनों ने मिलकर अध्यक्ष और कोषाध्यक्ष के दावों पर अपनी प्रतिक्रिया दी  है।

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Point-1

-गेस्ट हाउस के बुकिंग, संचालन एवं रख रखाव  इत्यादि के बारे में BSOA संविधान में कहीं भी किसी प्रकार की चर्चा नहीं है।

-यदि गेस्ट हाउस की बुकिंग अध्यक्ष, महासचिव एवं कोषाध्यक्ष के माध्यम से पुष्टि करके की जाती है, तो इससे संबंधित नियमावली सार्वजनिक की जाए।

-पुरानी कमेटी को यह बताना चाहिए कि पूर्व में गेस्ट हाउस के बुकिंग हेतु किसी प्रकार का SOP या नियमावली है भी या नहीं?

-यदि है तो उपलब्ध कराया जाए और यह भी बताएं की नियमावली जनरल बॉडी मीटिंग से पारित है या नहीं?

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Point-2

-27 मार्च 2024 की बुकिंग, जिसका  गलत इस्तेमाल का आरोप लगाया जा रहा है, वह बुकिंग गेस्ट हाउस के केयर टेकर को चेक देकर किया गया था, वह बुकिंग बिना नव निर्वाचित महासचिव के पुष्टी के हुआ था।  नव निर्वाचित महासचिव को बुकिंग करने वाले पुर्व अधिकारी ने फोन करके, केयर टेकर को यह निर्देश दिलवाने की कोशिश किए कि उन्हे नकद भुगतान करने की अनुमति दी जाए, जिसे नवनिर्वाचित महासचिव ने विनम्रता पूर्वक अस्वीकार कर दिया था।  जिसके उपरांत पूर्व अधिकारी चेक देकर भुगतान की।  अगर नव निर्वाचित महासचिव के पुष्टी के उपरांत बुकिंग की गई है तो उसका प्रमाण देना चाहिये था।

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-21 मार्च 2024 को हुई जिस गेस्ट हाउस बुकिंग की चर्चा की गई है, उस बुकिंग में नवनिर्वाचित महासचिव का कोई रोल नहीं है। बुकिंग करने वाले नव निर्वाचित महासचिव के विभाग के अधिकारी हैं।

इसलिए उन्होने पेमेंट रिसिप्ट नवनिर्वाचित महासचिव को शेयर किया था, उसके पश्चात उस पेमेंट रिसिप्ट को नवनिर्वाचित महासचिव के द्वारा नव निर्वाचित कोषाध्यक्ष, जो पिछली कमेटी में भी कोषाध्यक्ष  थे, को भेजा गया। अपने विभागीय सहकर्मी का पेमेंट  रिसिप्ट को कोषाध्यक्ष  को भेजना, बुकिंग का अप्रुवल नहीं होता है।

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अप्रुवल की प्रक्रिया अध्यक्ष को छोडकर किसी को नहीं पता है, क्योकि यह आज तक सार्वजनिक नहीं किया गया है। अगर पेमेंट रिसिप्ट को फॉरवर्ड करना बुकिंग का अप्रूवल है तो अध्यक्ष महोदय अन्य बुकिंग पर इस तरह का अप्रूवल अधिकारियों के समक्ष रखे।

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Point-3

-अजय पांडेय गुट ने कहा-हमारे अनुभवी अध्यक्ष  महोदय को उनके चंद लोगों ने BSOA के संविधान के बारे में दिग्भ्रमित कर रखा है। BSOA CONSTITUTION के आर्टिकल 11 (टर्म ऑफ़ ऑफिसर) के पॉइंट B और C में हैंड ओवर टेकओवर की बात कही गई है।

-BSOA CONSTITUTION के आर्टिकल 11 (टर्म ऑफ़ ऑफिसर) के पॉइंट F में प्रत्येक वर्ष 31 मार्च को ऑडिटेड अकाउंट प्रस्तुत करने की भी बात कही गई है, जबकि अध्यक्ष ने संविधान के अनुसार कभी अकाउंट को सार्वजनिक नहीं किया है।

-निर्वाचित कोषाध्यक्ष  के अनुसार ऑडिटेड अकाउंट की जो बात कही जा रही है, उन्हे यह भी बताना चाहिए कि, क्या ऑडिटर कि नियुक्ति  संवैधानिक तरीके से की गई थी?

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Point-4

-हैंड ओवर टेक ओवर की प्रक्रिया काफी महत्वपूर्ण होती है, इसलिए इस प्रक्रिया को GBM के माध्यम से ही अभी तक किया जाता रहा है।

-उसी क्रम में अध्यक्ष ने भी नवनिर्वाचित महासचिव को GBM बुलाने का आदेश दिया था। चूंकि GBM के माध्यम से हैंड ओवर टेकओवर की प्रक्रिया होनी थी, फिर अचानक GBM से ठीक 1 दिन पहले अध्यक्ष ने मीटिंग को असंवैधानिक बताकर स्थगित करने का आदेश दिया और उन्होंने कहा कि यदि इसके बावजूद भी GBM होती है तो मैं उपस्थित नहीं रहूंगा। यदि GBM का कॉल असंवैधानिक था, तो उन्होंने अपनी सहमति पहले क्यों दी थी?

-उनके इस कृत्य के बाद पूरा नवनिर्वाचित काउंसिल और अधिकारीगण ठगे महसूस कर रहे हैं और BSOA की सारी गतिविधियां ठप हो गई है।

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Point-5

-BSOA परिषद  की बैठक आयोजित करने के लिए BSOA परिषद  का होना जरूरी है। आर्टिकल 11 में वर्णित तथ्य के अनुसार नवनिर्वाचित समिति को पुरानी कमिटी के द्वारा हैंड ओवर करना है उसके बाद ही BSOA परिषद का गठन हो पाएगा। अत: BSOA  के संविधान के अनुसार गतिविधियों की शुरुआत करने के लिये हैंड ओवर  टेक ओवर  होना जरुरी है।

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Point-6

-अध्यक्ष महोदय के इस बात से सहमत है कि बाहरी संस्थाओं को  गलत जानकारी नहीं दी जानी चाहिए।

-अध्यक्ष महोदय से निवेदन करते है कि वह अपने अनुभव और सम्पर्क का इस्तेमाल करके वैसे लोगों एवं संस्थाओं को प्रमाण सहित सबके समक्ष लाएं। इसमें हम लोगों का भी सहयोग रहेगा।

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