- कोयला कर्मचारी को एडवांस के रूप में एक-एक लाख रुपए देने की मांग, ताकि कोयला मजदूर दशहरा त्योहार हर्षउल्लास से मना सकें।
सूचनाजी न्यूज, बिलासपुर। कोल इंडिया के कर्मचारियों का बोनस तय न होने का ठीकरा बीएमएस और केंद्र की मोदी सरकार पर फोड़ दिया गया है। दिल्ली में बैठक न होने से नाराजगी बढ़ गई है। साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड् लिमिटेड-एसईसीएल के सीटू नेता वीएम मनोहर का कहना है कि केंद्र सरकार एवं बीएमएस के दबाव के चलते 2.20 लाख कोयला कर्मचारी एवं लाखों ठेका श्रमिकों का सालाना बोनस का फैसला अधर में है।
सिंगल बेंच कोलकाता हाईकोर्ट के फैसले के मुताबिक इंटक को मानकीकरण समिति में शामिल करना था। लेकिन सरकार एवं बीएमएस के दबाव में प्रबंधन डबल बेंच में चली गई। डबल बेंच कोलकाता हाईकोर्ट ने सिंगल बेंच के फैसलों को बरकरार रखा और मानकीकरण समिति के बैठक को कोर्ट ने अगले फैसले तक स्थगित कर दिया।
इसके चलते 2.20 स्थाई श्रमिक एवं लाखों ठेका श्रमिक दशहरा जैसे त्योहार के अवसर बोनस से वंचित रह गए। जिसका हमें काफी दुख है। हम कोशिश कर रहे हैं कि किसी न किसी रूप में त्योहार के पूर्व मजदूरों का बोनस का पैसा उसे खाता में पहुंचे।
वीएम मनोहर बोले-प्रबंधन से हम मांग करते हैं कि पूजा के पूर्व सभी कोयला कर्मचारी को एडवांस के रूप में एक-एक लाख रुपया दिया जाए, ताकि कोयला मजदूर दशहरा त्योहार हर्षउल्लास से मना सकें।