मनपसंद बोनस न मिलने के खिलाफ भिलाई स्टील प्लांट के कर्मचारी उतरे सड़क पर, दिखा गुस्सा, बारिश में जमकर नारेबाजी

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  • बोनस पर प्रबंधन की मनमानी के खिलाफ सीटू ने किया प्रदर्शन।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सेल कर्मचारियों के खाते में बोनस की राशि आ चुकी है। लेकिन, विरोध का स्वर थम नहीं रहा है। बगैर एनजेसीएस समझौता सेल प्रबंधन ने कर्मचारियों के खाते में पैसा डाल दिया है। इससे आक्रोशित कर्मचारी यूनियन सीटू ने बोरिया गेट पर विरोध-प्रदर्शन किया। बारिश के बावजूद बीएसपी के कर्मचारी डटे रहे। सेल प्रबंधन विरोधी नारेबाजी जमकर करते रहे। सेल चेयरमैन को संबोधित मांग पत्र आइआर विभाग को सौंपा जाएगा।

यूनियन का कहना है कि 20 सितंबर को हुई बोनस मीटिंग में प्रबंधन ने फार्मूले का हवाला देते हुए 29500 रूपए का प्रस्ताव रखा, जिसे यूनियनों ने संयुक्त रूप से खारिज करते हुए कह दिया कि पहले फॉर्मूले को खारिज कीजिए एवं 40500 पर बात कीजिए।

प्रबंधन फार्मूला ख़ारिज करने की बात को मान गया था, जिसके कारण बैठक चलती रही एवं प्रबंधन ने अंत में 31000 का प्रस्ताव रखा तथा फार्मूला ख़ारिज करने की बात को अपने प्रस्ताव से हटा दिया। वहीं, यूनियनों के तरफ से 32500 का फार्मूला ख़ारिज करने की बात को अपने प्रस्ताव में रखा गया।

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लंबी बहस के बाद भी प्रबंधन 32500 के लिए राजी नहीं हुआ और बिना निष्कर्ष में पहुंचे ही बैठक को एकतरफा समाप्त कर दिया। ऐसे में प्रबंधन के द्वारा कर्मियों के खाते में 29500 रुपए डालने के मनमानी के खिलाफ सेल के सभी इकाइयों में सीटू द्वारा प्रदर्शन कर प्रबंधन को पत्र दिया गया।

प्रबंधन भाग खड़ा हुआ बोनस समझौता से

प्रदर्शनकारियों ने कहा-प्रबंधन क्रमशः 29500 से 30000 का प्रस्ताव देते समय लिखित में पेश किए गए समझौता नोट में इस बात को लिख रहा था कि मौजूदा बोनस फॉर्मूला में सुधार करने, खारिज करने अथवा विचार करेंगे। किंतु प्रबंधन द्वारा दिए गए 31000 के प्रस्ताव में बोनस फार्मूले पर सुधार करने, खारिज करने अथवा विचार करने संबंधी बातों को हटा लिया गया।

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इस पर सीटू ने आपत्ति करते हुए कहा कि जिन बातों पर बैठक के शुरू में ही सहमति बन चुकी है उन बातों को समझौता पत्र से हटाना गलत है। उन बातों को शामिल किया जाए। इस पर प्रबंधन गोलमोल जवाब देते हुए बैठक को ही समाप्त कर दिया। यह कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगा कि प्रबंधन बोनस समझौता की बैठक से भाग खड़ा हुआ।

क्या प्रबंधन के पास नहीं था, कर्मियों को देने के लिए 6 करोड रुपए?

सीटू के महासचिव जेपी त्रिवेदी ने कहा-प्रबंधन द्वारा दिए गए 31000 के प्रस्ताव पर सीटू ने कहा कि जब सभी यूनियन संयुक्त रूप से 32500 की मांग कर रहे है तो प्रबंधन को 32500 पर सहमत होने में क्या समस्या है। इस पर प्रबंधन ने कह दिया कि प्रबंधन के पास पैसे की कमी है। इसीलिए प्रबंधन डेढ़ हजार रुपए नहीं बढ़ा सकता है।

प्रबंधन के तर्क पर सीटू ने कहा कि यदि अभी डेढ़ हजार रुपए देने की स्थिति नहीं है तो आप 31000 रुपए दे दीजिए, बाकी डेढ़ हजार रुपए इस वित्त वर्ष में जब भी प्रबंधन के पास कैश आ जाएगा कर्मचारियों के खाते में डाल दीजिएगा।

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इस पर प्रबंधन ना केवल हड़बड़ाया बल्कि उसी हड़बड़ाहट में बैठक समाप्ति की घोषणा कर चलते बने। इससे स्पष्ट होता है कि प्रबंधन के पास कर्मियों को देने के लिए 6 करोड रुपए भी नहीं है, जबकि वही कर्मी हर दिन कम से कम 10 करोड़ रुपए प्रतिदिन के दर से मुनाफा कमा कर प्रबंधन को दे रहा है।

अपने ही वादे से मुकरे सेल के अधिकारी

सीटू के अध्यक्ष विजय कुमार जांगड़े ने कहा-प्रबंधन मुख्य श्रम आयुक्त केंद्रीय के सामने यह वादा किया था कि 2025 के बोनस के पहले पिछले बोनस फार्मूले को खारिज करेंगे। किंतु दुर्गा पूजा से दो दिन पहले बैठक बुलाकर प्रबंधन ने अपनी मंशा को सबके सामने स्पष्ट कर दिया है कि मुख्य श्रम आयुक्त केंद्रीय के सामने बोनस फार्मूले को खारिज करने का जो वादा किया था। वह केवल ऐसे ही कह दिया था। इसीलिए बोनस बैठक के दिन भी प्रबंधन बोनस फार्मूला को खारिज करने की बात कह कर अपने ही वादे से फिर से मुकर गया।

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संघर्षो को तेज करेगा सीटू

ज्ञात होगी प्रबंधन लगातार पिछले दो बोनस बैठकों में भी इसी तरह की मनमानी कर चुका है। बैठक में राशि तय नहीं होने देता है एवं अपनी मर्जी से बैठक के बाद कर्मियों के खाते में कुछ रकम डाल देता है। प्रबंधन अपने आप को सेल का मालिक समझने की भूल कर रहा है।

आने वाले दिनों में कर्मियों को साथ लेकर संघर्ष को तेज करते हुए सीटू प्रबंधन को समझा देगा कि प्रबंधन में बैठे हुए अधिकारी केवल और केवल उच्च वेतन पाने वाले कामगार मात्र हैं, सेल के मालिक नहीं। इन संघर्षों के लिए स्टील वर्कर्स फेडरेशन ऑफ़ इंडिया से लेकर संयंत्र के स्तर की यूनियन तक चरणबद्ध तरीके से किए जाने वाले आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जा रही है जो विभिन्न संयंत्र में दिखना शुरू हो जाएगा।

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सीटू ने कहा हमारा संघर्ष प्रबंधन से है कार्मिक यूनियनों से नहीं

सीटू नेता ने कहा कि कर्मियों के खिलाफ जो भी साजिश हो रहा है, उसके केंद्र में प्रबंधन है, क्योंकि केंद्र सरकार एवं इस्पात मंत्रालय की तरफ से जितने भी हमले हो रहे हैं वो प्रबंधन के माध्यम से हो रहे हैं।

चाहे वो ग्रेच्युटी सीलिंग हो, अफॉर्डेबिलिटी क्लॉज हो या फिर बोनस एवं वेतन समझौते का खेल हो। इसीलिए हमारी लड़ाई प्रबंधन से हैं। किंतु मजदूर विरोधी नीति बनाने वाला यह प्रबंधन यूनियन के बीच आपस में फूट डालने एवं अपना मतलब साधने का लगातार कोशिश कर रहा है, जिसे सीटू कामयाब नहीं होने देगा।