- बीएसएल के एससी-एसटी अधिकारियों को प्रबंधन के द्वारा जानबूझकर इधर से उधर तबादला किया जाता है।
सूचनाजी न्यूज, बोकारो। अनुसूचित जाति आयोग भारत सरकार के सदस्य लवकुश कुमार के साथ बीएसएल में कार्यरत अनुसूचित जाति के समस्याओं पर विस्तार पूर्वक चर्चा की गई। प्रतिनिधि मंडल के रूप में फेडरेशन के अध्यक्ष एमके अभिमन्यु ने बोकारो इस्पात संयंत्र के अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति के समस्याओं को विस्तार पूर्वक रखा।
भारत सरकार के द्वारा एमएसएमई के माध्यम से एससी एसटी को ठेकेदारी में पांच प्रतिशत प्रतिनिधित्व देना है। लेकिन बीएसएल प्रबंधन के द्वारा नियम का पालन नहीं किया जाता है। एससी एसटी कर्मचारीयों एवं अधिकारियों को प्रमोशन के समय जानबूझकर अनदेखी की जाती है।
खासकर अधिकारियों को ग्रेड देते समय भेदभाव किया जाता है। कुछ ऐसे अधिकारी हैं, जिनको एक ही ग्रेड में 8 से 10 वर्ष तक रखा गया। इस पर अविलंब रोक लगाया जाए और एक समय सीमा के अंदर प्रमोशन दिया जाए।
एसोसिएशन ने आरोप लगाया कि सीएसआर के द्वारा काम करते समय अनुसूचित जाति बहुत क्षेत्र पर ध्यान नहीं दिया जाता है। इसमें आधिकारिक रूप से फेडरेशन के प्रतिनिधि को शामिल किया जाए। बीएसएल के जमीन पर बने सभी विद्यालयों में नामांकन एवं मासिक शुल्क में बीएसएल के इम्पलाईज के बच्चों को छूट दिया जाए।
डॉक्टर अंबेडकर अवार्ड आयोग के निर्देश पर चालू किया गया। लेकिन इसमें सुधार की जरूरत है। नेहरू अवॉर्ड के तर्ज पर दिया जाए। बीएसएल में एससी एसटी कर्मचारी एवं अधिकारी को विदेश ट्रेनिंग में भेजा जाए। साथ हीं बीएसएल के द्वारा कुछ भी सेफ्टी से संबंधित मीटिंग या ट्रेनिंग बोकारो या बोकारो से बाहर होता है, तो जिस तरह यूनियन के प्रतिनिधि को भेजा जाता है, उस तरह फेडरेशन के प्रतिनिधि को भी शामिल किया जाए।
सभी विभागों में निजीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है, ज्यादातर ठेका में काम करने वाले अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति के लोग होते हैं, उनके सुपरवाइजर भी अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति के होना चाहिए। अनुसूचित जाति के लिए बीएसएल में प्रबंधन के द्वारा निशुल्क कोचिंग की व्यवस्था की जाए।
डॉ अंबेडकर कम्युनिटी हॉल वर्षों से लंबित है। इसके करण फेडरेशन के द्वारा संचालित किए जाने वाले कार्यक्रम सांस्कृतिक, शैक्षणिक या सामाजिक कार्यक्रम में बाधा उत्पन्न होती है। इसलिए फेडरेशन को अंबेडकर कम्युनिटी हॉल के लिए बंद पड़े चिकित्सालय या विद्यालय अपना बाजार को आवंटित किया जाए।
बीएसएल के एससी-एसटी अधिकारियों को प्रबंधन के द्वारा जानबूझकर इधर से उधर तबादला किया जाता है। तबादला और प्रमोशन का पिछले 10 वर्ष का प्रमोशन एवं तबादला की सूची मांगी जाए। बीएसएल में आश्रित को नियोजन में एससी-एसटी को उम्र सीमा में छूट दिया जाए। सभी समस्याओं को ध्यानपूर्वक करने के बाद लव कुश कुमार ने समाधान करने के लिए प्रबंधन को निर्देशित किया।
कहा कि इस तरह का भेदभाव नहीं होना चहिए। रिव्यू मीटिंग में धर्मेंद्र कुमार अनुसूचित जाति आयोग भारत सरकार नई दिल्ली, प्रबंधन की ओर से राजश्री बनर्जी-अधिशासी निदेशक एचआर, अंजनी शरण मुख्य महाप्रबंधक एचआर, सुष्मिता सोरेन वरीय प्रबंधक सह सेल बीएसएल एससी एसटी संपर्क पदाधिकारी, फेडरेशन की ओर से कोषाध्यक्ष शंभू प्रसाद, संयुक्त महासचिव इंदल पासवान, सचिव शशिकांत कुमार उर्फ नीरज, एससी एसटी ओबीसी काउंसिल की ओर से मनोज पासवान, सरोज कुमार, संजय कुमार, राजेश पासवान, बोकारो से शंभू कुमार, आनंद कुमार आदि शामिल हुए।