- बीएसपी प्रबंधन की ओर से Old Retention Policy को वापस ले लिया गया है। नई रिटेंशन स्कीम के लिए गाइडलाइन जारी कर दी गई है।
- रिटेंशन पीरियड से अधिक समय तक क्वार्टर रखने वाले व्यक्तियों पर भी पीपी अधिनियम 1971 के अनुसार दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल के भिलाई स्टील प्लांट से रिटायर होने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए रिटेंशन स्कीम को नए अंदाज में लागू कर दिया गया है। योजना को बंद नहीं किया गया है। अब सख्त पैमाने पर कस दिया गया है।
बीएसपी प्रबंधन की ओर से Old Retention Policy को वापस ले लिया गया है। नई रिटेंशन स्कीम के लिए गाइडलाइन जारी कर दी गई है। रिटायरमेंट के बाद बीएसपी कर्मचारियों द्वारा कंपनी क्वार्टरों को बनाए रखने” की नीति जारी की गई।
एचएमएस के महासचिव प्रमोद कुमार मिश्र का कहना है कि डिपॉजिट एमाउंट को लेकर कुछ भी सर्कुलर में क्लियर नहीं है। इसको लेकर नगर सेवाएं विभाग के जीएम अतुल नौटियाल से संपर्क करने पर पता चला कि अंतिम भुगतान ही रोका जाएगा। किराया के अलावा बिजली बिल अलग से है।
जीएम ने स्पष्ट रूप से जवाब दिया है कि फाइनल पेमेंट तभी मिलेगा, जब मकान सरेंडर करेंगे। वर्तमान में किसी 800 स्कवायर फीट के मकान का किराया 100 रुपए है तो नई दर से 2 माह बाद 6400 रुपए हो जाएगा।
फाइनल पेमेंट किसी कार्मिक का 40 लाख रुपए है तो उसका ब्याज कम से कम 25 हजार रुपए प्रति माह होगा। ऐसी सूरत में 25 हजार के ब्याज के नुकसान के साथ किराया के रूप में 6400 रुपए अतिरिक्त का नुकसान हो रहा है। प्रमोद कुमार मिश्र ने कहा-कुल मिलाकर रिटेंशन स्कीम एक छलावा है। रिटेंशन से मकान खाली होगा और राज्य सरकार और केंद्र सरकार के अधिकारियों-कर्मचारियों को बाट देंगे या कब्जे में रहेगा।
पहले 9 लाख रुपए जमा रहता था। बिल्डिंग और किराया नहीं देने पर इसी 9 लाख से रिकवरी की बात थी। लेकिन, इस बार इसका फाइनल पेमेंट रोकने की व्यवस्था है। वहीं, एनजेसीएस सदस्य व इंटक महासचिव वंश बहादुर सिंह का कहना है कि रिटेंशन पॉलिसी को लेकर काफी तनाव पैदा कर दिया गया है। प्रबंधन के सर्कुलर से कार्मिक परेशान हो गए हैं। भार बढ़ा दिया गया है।
सेवानिवृत्ति के बाद बीएसपी आवास को बनाए रखने के संबंध में ये गाइडलाइन
1. अलग होने के बाद क्वार्टर रखने के लिए ग्रेस पीरियड की सुविधा 2 महीने की होगी। पूर्व कर्मचारी इस ग्रेस पीरियड के दौरान मौजूदा कर्मचारी के लिए लागू किराए का भुगतान करेगा।
3 महीने से 6 महीने की अवधि के लिए, किराया प्लिंथ क्षेत्र के अनुसार 8 रुपए प्रति वर्ग फुट प्रति माह होगा, जैसा कि तृतीय पक्ष के लिए लागू है। 6 महीने से अधिक का किराया प्लिंथ क्षेत्र के अनुसार 24 रुपए प्रति वर्ग फुट प्रति माह होगा।
2. मौजूदा योजना के तहत क्वार्टरों को बनाए रखने के मामले में, जहां रिटेंशन अवधि समाप्त नहीं हुई है, क्वार्टरों का किराया योजना के अनुसार होगा और रिटेंशन अवधि अर्थात 6 महीने से अधिक के लिए, प्लिंथ क्षेत्र के अनुसार 24 रुपये प्रति वर्ग फुट प्रति माह होगा।
3. बढ़ी हुई दरें 01-12-2025 से लागू होंगी।
4. रिटेंशन पीरियड से अधिक समय तक क्वार्टर रखने वाले व्यक्तियों पर भी पीपी अधिनियम 1971 के अनुसार दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।












