चुनाव पूर्व बीएसपी कर्मचारियों के मुद्दों को हल कराने का वादा किया गया था।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। आज से ठीक 2 वर्ष पूर्व अर्थात 2 अगस्त 2022 को भिलाई स्टील प्लांट में चौथी बार मान्यता चुनाव हुआ था। बीएमएस पहले स्थान पर रहा। मान्यता चुनाव जीता था। इस पल को 2 वर्ष तो पूर्ण हो गए, किंतु मान्यता चुनाव जीतने के लिए जो वादे कर्मियों के सामने किए गए, उनमें से कुछ भी पूरा नहीं हो सका है। यह बात पिछली मान्यता चुनाव होने के 2 वर्ष पूर्ण होने पर सीटू ने कही है।
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50 ग्राम सोने के लिए लालटेन लेकर खोज रहे हैं कर्मी
चुनाव जीतने के लिए सरपंच चुनाव से लेकर नगरी निकाय, विधानसभा एवं लोकसभा चुनाव में पैसा बांटना, दारू बांटना, सोने एवं चांदी के आभूषण बांटना आम बात है। चुनाव जीतने के बाद जनता के लिए नए-नए काम करने के लोक लुभावन वादे करना भी आम बात है।
किंतु संयंत्र के मान्यता चुनाव में चुनाव जीतने के बाद सभी कर्मियों को 50-50 ग्राम सोना दिलाने की बात सारी हदों को पार कर गया। अब चुनाव हो जाने के 2 वर्ष बाद संयंत्र के कर्मी लालटेन लेकर तलाश रहे हैं कि सोना दिलाने के वादे करने वाले कहां हैं और कहां गया उनका वह वादा जिसके भरोसे कर्मियों ने वोट दिया था।
मान्यता चुनावों को बनाया गया था राजनीतिक चुनाव का अखाड़ा
सीटू नेता ने कहा कि मान्यता चुनाव दरअसल सरकार द्वारा सदस्यता जांच करने के लिए करवाया जाता है, जिन यूनियनों को 15% से अधिक वोट मिलता है, उन सभी यूनियनों को प्रतिनिधि यूनियन का दर्जा मिलता है।
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15% से ऊपर वोट पाने वाले यूनियन में से जिस यूनियन को सबसे अधिक वोट प्राप्त होते हैं, उस यूनियन को कर्मियों का प्रतिनिधित्व करने के लिए 2 साल का मान्यता प्रदान किया जाता है, जिनका कार्य मजदूरों की बातों को प्रबंधन के सामने रखने से लेकर मजदूरों के पक्ष में बेहतर से बेहतर फैसला करवाने की दिशा में कार्य करना होता है।
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किंतु मान्यता प्राप्त यूनियन को कानून बनाने का अधिकार नहीं होता। अर्थात कानून बनाने का अधिकार केवल और केवल राजनीतिक चुनाव के माध्यम से सत्ता हासिल किया व्यवस्था को होता है।
किंतु पिछले मान्यता चुनाव में जिन बातों को उछाला गया एवं जिस तरह की मांगों को कर्मियों के सामने पेश किया गया, उससे यह बात सामने आई की कहीं ना कहीं चुनाव में भाग ले रहे कुछ यूनियनों ने मान्यता चुनाव को राजनीतिक चुनाव का अखाड़ा के रूप में तब्दील कर दिया था, जो किसी भी उद्योग एवं उस उद्योग में होने वाले मान्यता चुनाव के लिए ठीक नहीं है।
कर्मचारियों की मांग अब भी अधूरी
1. 39 महीने का एरियर पर्क्स के साथ दिलाना
2. ओपन एंडेड पे स्केल करवाना
3. ग्रेच्युटी सिलिंग हटवाना
4. डिग्रेडेशन की मार झेल रहे कर्मियों को S-3 तथा S-6 में भर्ती
5. फेस्टिवल एडवांस 50000 करवाना
6. डिप्लोमा इंजीनियर की S-6 से जूनियर इंजीनियर पदनाम दिलवाना
7. ट्रेनिंग पीरियड से ही MTTअधिकारियों की तरह कर्मचारियों को बेसिक प्लस DA दिलवाना
8. अधिकारियों की तरह EL तथा CL दिलवाना
9. सभी S-11 कर्मचारियों को प्रत्येक 3 वर्ष में इंक्रीमेंट तथा 5 वर्ष पूर्ण होने पर E-1ग्रेड का बेसिक दिलवाना
10. E-0 परीक्षा में वरिष्ठता के आधार पर प्रमोशन तथा लिखित परीक्षा समाप्त करवाना
11. 2003 से ज्वाइन किए कर्मियों को प्रशिक्षण अवधि को सेवा काल में जुड़वाना
12. वाहन लोन की बहाली करवाना
13. अधिकारियों की तरह कर्मचारियों को भी फर्नीचर एडवांस दिलवाना
14. रात्रि पाली भतता ₹500 बढ़वाना
15. इस वर्ष 1 लाख करोड़ से ज्यादा के टर्नओवर लक्ष्य को प्राप्त करने की एवज में प्रोत्साहन स्वरूप 50 ग्राम सोने का सिक्का मिले।
सबसे महत्वपूर्ण हैं कि रात्रि पाली भत्ता के रूप में प्रति रात्रि 500/- भत्ता दिलाने का वादा करके प्रति रात्रि पाली 180/- रूपए बायोमेट्रिक आधारित उपस्थिति दर्ज करने की शर्त पर हस्ताक्षर भी किए।
ये हैं ट्रिपल इंजन की सरकार
सीटू उपाध्यक्ष डीवीएस रेड्डी ने कहा-केंद्र में इनकी सरकार, राज्य में इनकी सरकार, सांसद महोदय भी इन्हीं के। सांसद महोदय तो चुनाव पूर्व बायोमेट्रिक आधारित उपस्थिति दर्ज करने की व्यवस्था नहीं लागू करने के लिए भिलाई प्रबंधन से चर्चा भी कर चुके थे।