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देशभर के जहरीले रसायन का खात्मा करेगा भिलाई स्टील प्लांट, जेनेवा सम्मेलन में दुनिया को पसंद आया मॉडल

देशभर के जहरीले रसायन का खात्मा करेगा भिलाई स्टील प्लांट, जेनेवा सम्मेलन में दुनिया को पसंद आया मॉडल
  • पीसीबी को चरणबद्ध तरीके से हटाने के लिए भारत सरकार द्वारा की गई कार्रवाई पर एक प्रस्तुति दी। प्रस्तुतिकरण में पीसीबी संबंधित कानून एवं सेल-बीएसपी और सीपीआरआई द्वारा पीसीबी कचरे के उपचार से स्थापित संयंत्र शामिल था।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र ने पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफसीसी) और संयुक्त राष्ट्र औद्योगिक विकास संगठन (यूएनआईडीओ) के साथ मिलकर भिलाई इस्पात संयंत्र में पॉली क्लोरो बाय-फिनाइल्स (पीसीबी) और पीसीबी दूषित कचरे के निपटान के लिए प्रतिष्ठित राष्ट्रीय परियोजना लागू की है।

पीसीबी से निकलने वाले कचरे को स्थायी कार्बनिक प्रदूषण (पीओपी) के रूप में घोषित किया गया है और स्टॉकहोम कन्वेंशन के अनुसार अत्यधिक कार्सिनोजेनिक माना जाता है। बीएसपी में स्थापित पीसीबी प्लांट वर्तमान में सेल की विभिन्न इकाइयों में उपलब्ध सभी पीसीबी कचरे के पर्यावरण के अनुकूल निपटान में मदद करेगा। साथ ही पूरे देश में फैले विभिन्न विद्युत प्रतिष्ठानों में संग्रहीत पीसीबी कचरे के निपटान में भी मदद करेगा।

2025 तक उपकरणों में पीसीबी के उपयोग के उन्मूलन से संबंधित आगामी समय सीमा को पूरा करने के लिए कार्रवाई में तेजी लाने के लिए तत्काल जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से जिनेवा में आयोजित एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में भिलाई इस्पात संयंत्र में स्थापित सुविधा का एक प्रोटोटाइप मॉडल की बहुत सराहना की गई।

स्थायी कार्बनिक प्रदूषकों पर स्टॉकहोम कन्वेंशन के तहत पीसीबी युक्त तरल पदार्थों और पीसीबी से दूषित उपकरणों का पर्यावरण के अनुकूल अपशिष्ट प्रबंधन 2028 तक सुनिश्चित करना है। स्टॉकहोम कन्वेंशन के अनुरूप पीसीबीज़ के प्रबंधन की यह परियोजना देश में अपनी तरह की पहली परियोजना है। इस परियोजना के फलस्वरूप सेल और भारतीय उद्योग में पीओपीज़ के बचाव हेतु स्टॉकहोम कन्वेंशन को लागू करने में मदद मिलेगी।

बेसल, रॉटरडैम और स्टॉकहोम कन्वेंशन के सचिवालय ने जिनेवा इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस सेंटर (सीआईसीजी), जिनेवा, स्विटजरलैंड में 3 से 5 मई 2023 के मध्य पार्टियों के 2023 सम्मेलन (सीओपी) के दौरान पॉलीक्लोराइनेटेड बाइफिनाइल्स (पीसीबी) सम्मेलन का आयोजन किया। सीओपी का समग्र विषय “त्वरित कार्रवाईः रसायनों और कचरे के उचित प्रबंधन के लिए लक्ष्य” था, जबकि पीसीबी सम्मेलन वर्ष 2028 तक दुनिया को पीसीबी (पॉली क्लोरीनयुक्त बाइफिनाइल्स) मुक्त बनाने के उद्देश्य से आयोजित किया गया।

सम्मेलन का उद्देश्य पीसीबी को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने से संबंधित आगामी समय सीमा को पूरा करने के लिए कार्रवाई में तेजी लाने की अत्यावश्यकता के बारे में जागरूकता बढ़ाने था।
सम्मेलन में सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र ने यूएनआईडीओ और एमओईएफसीसी के साथ अपनी संयुक्त पहल के तहत बूथ की स्थापना की।

बीएसपी में स्थापित स्टैटिक सुविधा का एक मॉडल, जो पूरे दक्षिण एशिया में ऐसे बड़ी सुविधाओं में से एक है, यूएनआईडीओ द्वारा पीसीबी सम्मेलन में प्रदर्शित किया गया था। बीएसपी के पर्यावरण प्रबंधन विभाग के महाप्रबंधक श्री के प्रवीण, जो बीएसपी में उपरोक्त परियोजना की स्थापना में शामिल थे, ने पर्यवेक्षक श्रेणी में पीसीबी मेले में भाग लिया।

यूएनईपी, यूएनआईडीओ, जीईएफ, चीन, जापान आदि का प्रतिनिधित्व करने वाले कुछ गैर सरकारी संगठनों और उद्योग निकायों जैसे विभिन्न संगठनों द्वारा कुल 14 बूथ स्थापित किए गए थे। बूथों का दौरा करने वाले विभिन्न देशों, गैर सरकारी संगठनों और औद्योगिक संगठनों का प्रतिनिधित्व करने वाले बड़ी संख्या में प्रतिनिधियों ने भिलाई इस्पात संयंत्र के स्टैटिक सुविधा के प्रोटोटाइप मॉडल में गहरी रुचि दिखाई।

बीएसपी की सुविधा ने देश में पीसीबी कचरे से छुटकारा पाने के लिए इस सुविधा को स्थापित करने में भारत सरकार और सेल-बीएसपी के प्रयासों की सराहना करते हुए प्रतिनिधियों ने इसके संचालन की पर्यावरणीय सस्टेनेबिलिटी की प्रशंसा की।

4 मई-2023 को हुई पूर्ण बैठक में एमओईएफसीसी के प्रतिनिधि ने पीसीबी को चरणबद्ध तरीके से हटाने के लिए भारत सरकार द्वारा की गई कार्रवाई पर एक प्रस्तुति दी। प्रस्तुतिकरण में पीसीबी संबंधित कानून एवं सेल-बीएसपी और सीपीआरआई द्वारा पीसीबी कचरे के उपचार से स्थापित संयंत्र शामिल था।

पीसीबी मेले के अंतिम दिन यानी 5 मई 2023 को सेल-बीएसपी, यूएनआईडीओ और एमओईएफसीसी द्वारा स्थापित बूथ को मेले का सर्वश्रेष्ठ बूथ घोषित किया गया। यह निर्णय प्रतिनिधियों की समीक्षाओं, मेहमानों से लिए गए फीडबैक और किसी विशेष बूथ पर जाकर प्रतिनिधियों द्वारा बिताए गए समय पर आधारित था।