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EPS 95 पर बड़ा अपडेट: ये जानकारी बहुत जरूरी,पेंशन में लाखों का फायदा या नुकसान, सबको देना ही पड़ेगा ब्याज

EPS 95 पर बड़ा अपडेट: ये जानकारी बहुत जरूरी,पेंशन में लाखों का फायदा या नुकसान, सबको देना ही पड़ेगा ब्याज
  • जमा कराई जाने वाली अंतर की राशि में ब्याज लिया जाएगा, लेकिन पेंशन की राशि के एरियर्स पर कोई ब्याज दिया जाना अस्पष्ट है।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। ईपीएस 95 (EPS 95) को लेकर लोगों की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही है। ईपीएफओ का चक्कर लगाने वालों को राहत पहुंचाने के लिए इंद्रावती भवन, नवा रायपुर में ईपीएफओ (EPFO) द्वारा आयोजित “निधि आपके निकट” कार्यक्रम हुआ। राष्ट्रीय संघर्ष समिति फार ईपीएस 95 पेंशनर्स छत्तीसगढ़ राज्य अध्यक्ष एलएम सिद्दीकी समेत कई पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया। एनएस राजू-लेखा अधिकारी और अजय दीवान-वरिष्ठ सहायक ईपीएफओ की तरफ से कई आवश्यक जानकारी साझा की।

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जानिए किन-किन बिंदुओं पर चर्चा हुई…

  1. संयुक्त विकल्प प्रस्तुत कर देने के बाद, ईपीएफओ द्वारा चाही गई अंतर की राशि जमा करने अथवा जमा नहीं करने का विकल्प खुला है। अगर आप जमा नहीं करते तो यह माना जाएगा कि आप उच्च पेंशन के इच्छुक नहीं हैं।
  2. आपका पूर्व पेंशन आपको यथावत मिलता रहेगा।
  3. एसएन राजू के अनुसार, आज की तारीख में पेंशन फार्मूले में बदलाव का कोई प्रस्ताव नहीं है।
  4. जमा कराई जाने वाली अंतर की राशि में ब्याज लिया जाएगा, लेकिन पेंशन की राशि के एरियर्स पर कोई ब्याज दिया जाना अस्पष्ट है।
  5. हालांकि उच्च पेंशन के आवेदन प्रस्तुत करने की अंतिम तारीख 3 मई है और इस समय सीमा को बढ़ाने के लिए विभिन्न संगठनों द्वारा कोशिशें की जा रही हैं। लेकिन अभी तक इस विषय में ईपीएफओ रायपुर को कोई सूचना नहीं है।
  6. राजू ने बताया कि 1 सितंबर 2014 के पूर्व रिटायर होने वाले कर्मचारियों की पात्रता के विषय में उन्हें कोई जानकारी नहीं है।
  7. जिन सदस्यों के नाम वगैरह में कोई समस्या है, वे शीघ्र से शीघ्र अपने नियोक्ता से सुधार करवा कर आवेदन प्रस्तुत करें।
  8. जमा करने वाली “अंतर की राशि” और वर्तमान फार्मूले के अनुसार निर्धारित होने वाले पेंशन के विषय में बताया गया कि 3 मई के बाद अर्थात समस्त आवेदनों/संयुक्त विकल्पों के आ जाने के बाद, नियोक्ताओं द्वारा भेजे गए कर्मचारियों/पेंशनर्स के डाटा के आधार पर गणना की जाएगी और तभी, सदस्यों को सूचना देना संभव होगा।

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