बोकारो स्टील प्लांट: कल हड़ताल, आज DLC धनबाद, BSL मैनेजमेंट, BAKS आमने-सामने

  • स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल में बोनस और बकाया एरियर आदि विषयों को लेकर 19 अक्टूबर को हड़ताल है।

सूचनाजी न्यूज, बोकारो। सेल बोनस और बकाया एरियर (SAIL Bonus and Outstanding Arrears) आदि विषयों को लेकर 19 अक्टूबर को बोकारो स्टील प्लांट (Bokaro Steel Plant) में पहली हड़ताल है। हड़ताल वापस लेने और प्रबंधन के साथ समझौता कराने के लिए DLC (C) धनबाद के यहां त्रिपक्षीय वार्ता होने वाली है।

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बोकारो अनाधिशासी कर्मचारी संघ (Bokaro Non-Official Employees Union) की ओर से अध्यक्ष हरिओम आदि पदाधिकारी पहुंच चुके हैं। बैठक शुरू होने का इंतजार किया जा रहा है। दोपहर 12 बजे तक बैठक शुरू नहीं हो सकी थी। दूसरी हड़ताल एनजेसीएस यूनियनों की ओर से 28 अक्टूबर को है।

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इधर-बीएसएल अनाधिशासी कर्मचारी संघ (BSL Non-Official Employees Union) के आह्वान पर होने वाली हड़ताल के लिए तैयारियां की गई है। बीएसएल कर्मचारी संकल्प ले रहे हैं। यूनियन का कहना है कि बीएसएल प्रबंधन हड़ताल को विफल करने के लिए सभी दाँव खेल रहा है। पर्सनल विभाग तथा विभिन्न विभागों के अधिकारी, कर्मचारियों को अलग-अलग तरीके से समझाने में लगे हैं। लेकिन कर्मचारियों के पलटवार वाले प्रश्नों का उनके पास कोई जवाब नहीं है।

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बीएसएल कर्मचारी स्वतः आगे आकर हड़ताल का समर्थन कर रहे हैं, उससे बाकि यूनियन नेताओ के लिए एक चुनौती पेश आ रही है। गौरतलब है कि 94 माह से वेज रीविजन का एमओए नहीं होने, एकतरफा कम बोनस भेजने, एनजेसीएस संविधान का उल्लंघन होने, कर्मचारियों का ट्रांसफर करने तथा बोकारो इस्पात संयंत्र में यूनियन चुनाव नही होने से बीएसएल कर्मचारी काफी आक्रोशित हैं।

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मीटिंग, सीटिंग, इटिंग के बाद शुरू हुए चीटिंग…

अध्यक्ष हरिओम का कहना है कि अपने कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार करने की नीति प्रबंधन को अब छोड़नी होगी। वहीं, मीटिंग, सीटिंग, इटिंग के बाद शुरू हुए चीटिंग की नीति को भी यूनियन नेताओं को छोड़ना होगा। महारत्ना स्टेटस का लाभ सिर्फ अधिकारी वर्ग को देने से कर्मचारियों का गुस्सा चरम पर है, जिसके कारण 19 अक्टूबर को ऐतिहासिक हड़ताल होने वाली हैं।

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एक कंपनी में अब अलग-अलग नीति नहीं चलेगी…

महासचिव दिलीप कुमार ने कहा-जिस तरह कर्मचारी स्वतः संकल्प ले रहे हैं, उससे प्रबंधन को समझ में आ जाना चाहिए कि 19 अक्टूबर को क्या होने वाला है। कर्मचारी प्रबंधन तथा नेताओं का वास्तविक चेहरा देख चुके हैं। एक कंपनी में अब अलग-अलग नीति नहीं चलेगी।

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