Breaking News: ईपीएस 95 हायर पेंशन के लिए EPFO के खिलाफ बिलासपुर हाईकोर्ट पहुंचा BSP PF Trust

Breaking News Case filed in Bilaspur High Court against EPFO for EPS 95 higher pension
  • ईपीएस-95 हायर पेंशन हेतु सेफी का प्रयास, न्यायालय से है अंतिम आस, ईपीएफओ से टूटा विश्वास। बीएसपी पीएफ ट्रस्ट न्यायालय की शरण में
  • बीएसपी पीएफ ट्रस्ट ने हायर पेंशन हेतु उच्च न्यायालय बिलासपुर में परिवाद दायर कर दिया है।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। कर्मचारी पेंशन योजना 1995 के तहत ईपीएस 95 हायर पेंशन का मामला एक बार फिर कोर्ट में पहुंच गया है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन-ईपीएफओ से विश्वास टूटने के बाद बीएसपी पीएफ ट्रस्ट न्यायालय की शरण में चला गया है।

4 नवम्बर 2022 को सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुरूप सेल की विभिन्न इकाइयों में कार्यरत तथा सेवानिवृत्त कार्मिकों एवं अधिकारियों को ईपीएस-95 के तहत मिलने वाले हायर पेंशन की पात्रता हासिल करने हेतु आज भी ईपीएफओ के विभिन्न राज्यों के कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं।

उनकी इसी समस्या को लेकर स्टील एग्जीक्यूटिव फेडरेशन ऑफ इंडिया-सेफी चेयरमैन तथा बीएसपी आफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेंद्र कुमार बंछोर के नेतृत्व में नई दिल्ली स्थित ईपीएफओ मुख्यालय को निरंतर पत्र लिखकर इसके समाधान हेतु प्रयास किए गए।

ईपीएफओ मुख्यालय में 8 मई 2025 को नई दिल्ली स्थित ईपीएफओ भवन में सेफी टीम के साथ एक बैठक आयोजित की थी। जिसमें ईपीएफओ मुख्यालय की ओर से एडिशनल कमिश्नर प्रोविडेंट फंड अपराजिता जग्गी उपस्थित थीं तथा इस बैठक में सेफी की ओर से सेफी-चेयरमेन तथा ओए के अध्यक्ष नरेंद्र कुमार बंछोर, सेफी के वाइस चेयरमेन द्वय नरेंद्र सिंह तथा अजय पांडे एवं महासचिव संजय आर्या विशेष रूप से उपस्थित थे।

इस बैठक में श्री बंछोर ने सेल की विभिन्न इकाइयों में हायर पेंशन को लेकर उत्पन्न विसंगतियों को विस्तार से बताया था। ईपीएफओ मुख्यालय द्वारा इंडिपेंडेंट पीएफ ट्रस्ट के नीति नियमों को हायर पेंशन की पात्रता के अनुरूप नहीं मानते हुए सेल की कुछ इकाईयों में हायर पेंशन देने में अपनी असमर्थता जाहिर की थी।

ईपीएफओ का अड़ियल रवैया

सेफी चेयरमेन ने जानकारी दी कि कार्मिकों को हायर पेंशन दिलाने हेतु प्रत्येक स्तर पर प्रयास किया गया, जिसमें संबंधित मंत्री, ईपीएफओ के केन्द्रीय अधिकारी, ईपीएफओ के क्षेत्रीय अधिकारी तथा सेल व बीएसपी प्रबंधन से निरंतर पत्र व्यवहार व संवाद किया गया।

पंरतु ईपीएफओ के अड़ियल रवैये ने हायर पेंशन के इस मुद्दे को जटिल बना दिया है। एक्सेम्टेड पीएफ ट्रस्ट के हायर पेंशन से संबंधित नियमों की जानकारी आम कार्मिकों को नहीं होती। अतः इस हेतु आवश्यक नियम अनुपालन की जिम्मेदारी उस इकाई के पीएफ ट्रस्ट की ही होती है।

कार्मिकों को हायर पेंशन की पात्रता से वंचित रखा

इसको ध्यान में रखते हुए सेफी चेयरमेन एनके बंछोर ने सेल व बीएसपी प्रबंधन से ईपीएस-95 हायर पेंशन हेतु ईपीएफओ के विरूद्ध न्यायालय की शरण में जाने की मांग की थी। सेफी का मानना है कि व्यक्तिगत रूप से प्रत्येक कार्मिक का हायर पेंशन हेतु न्यायालय में जाना और उसके खर्चे को वहन करना संभव नहीं है। अतः इसके तहत सेल के जिन इकाइयों के कार्मिकों को हायर पेंशन की पात्रता से वंचित रखा गया है उन इकाइयों के पीएफ ट्रस्ट को ईपीएफओ के विरुद्ध न्यायालय में चुनौती देने का निर्णय लिया गया।

उच्च न्यायालय बिलासपुर में परिवाद दायर

इसी तारतम्य में बीएसपी पीएफ ट्रस्ट ने हायर पेंशन हेतु उच्च न्यायालय बिलासपुर में परिवाद दायर कर दिया है। सेफी चेयरमेन एनके बंछोर ने यह उम्मीद जताई है कि सेल के सभी इकाईयों के पीएफ ट्रस्ट जहां ईपीएस-95 हायर पेंशन हेतु सदस्यों को पात्र नहीं माना गया है। वहां भी अपने सदस्यों को न्याय दिलाने हेतु शीघ्रातिशीघ्र न्यायालय के शरण में जाएंगे।

जानिए सेफी के बारे में

विदित हो कि ईपीएस-95 हायर पेंशन हेतु सेफी 2017 से ही संघर्षरत रहा है। मई 2017 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने एक्सेम्टेड पीएफ ट्रस्टों को हायर पेंशन के दायरे से बाहर रखा था। सेफी ने अपने अपेक्स संगठन, एनसीओए (नेशनल कांर्फडरेशन ऑफ आफिसर्स एसोसिएशन) के बैनर तले सुप्रीम कोर्ट में ईपीएस-95 हायर पेंशन हेतु कानूनी लड़ाई लड़ी थी। जिसके फलस्वरूप 4 नवम्बर 2022 को माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक्सेम्टेड पीएफ ट्रस्टों को हायर पेंशन हेतु पात्रता प्रदान की गयी।