बीएसएल आवास संकट: सेक्टर 12 के जर्जर क्वार्टरों पर BAKS का सवाल, कर्मचारियों ने मांगा वैकल्पिक आवास

BSL housing crisis Questions raised on dilapidated quarters of Sector 12 employees sought alternative accommodation

बीएसएल अनाधिशासी कर्मचारी संघ की मांग सेक्टर-12 को पायलट प्रोजेक्ट बनाकर सहकारी आवास योजना की शुरुआत की जाए।

सूचनाजी न्यूज, बोकारो। बोकारो स्टील प्लांट (BSL) के सेक्टर-12 सहित कई पुराने आवासों की गंभीर स्थिति पर बीएसएल अनाधिशासी कर्मचारी संघ ने चिंता जताई है। संघ ने एक आधिकारिक पत्र के माध्यम से प्रबंधन को चेताया है कि यदि जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो यह न सिर्फ कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए जोखिम भरा होगा, बल्कि संस्थान की छवि और संसाधनों की बर्बादी भी होगी।

कर्मचारियों द्वारा सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि अधिकांश आवास कई दशक पूर्व बने थे और वर्षों से इनका समुचित रखरखाव नहीं हुआ है। परिणामस्वरूप आज ये आवास जर्जर अवस्था में पहुंच चुके हैं। कई आवासों को मरम्मत के बावजूद सीपेज, प्लास्टर गिरना, और ढांचागत क्षति जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

सबसे चिंताजनक बात यह है कि सेक्टर-12 के क्वार्टरों को NBCC द्वारा “डैमेज” घोषित किया जा चुका है, यहां कर्मचारी और पूर्व कर्मचारी लगभग चालीस वर्षों से रह रहे हैं। सभी के वोटर कार्ड आधार कार्ड आदि आवश्यक दस्तावेज भी इसी पते पर बने हुए हैं। मैनेजमेंट के तरफ से जब कोई अनुरक्षण कार्य नहीं किया गया, तब इनमें से कई लोगों ने अपनी जमा पूंजी लगाकर इन मकानों की मरम्मत करवाई है। ऐसे में उन्हें जबरन खाली करवाना “अन्यायपूर्ण और अमानवीय” कदम माना जा रहा है।

संघ की मुख्य मांगें:

सभी कर्मचारियों को सुरक्षित, टिकाऊ और सम्मानजनक आवास उपलब्ध कराए जाएं।

वैकल्पिक रूप से आधुनिक निजी कॉलोनियों की तर्ज पर योजनाएं लाई जाएं।

पूर्व की को-ऑपरेटिव कॉलोनी मॉडल को पुनः लागू किया जाए।

सेक्टर-12 को पायलट प्रोजेक्ट बनाकर सहकारी आवास योजना की शुरुआत की जाए।

सड़कों, सीवरेज और जलापूर्ति जैसी मूलभूत सुविधाओं की समुचित व्यवस्था की जाए।

बीएसएल अनाधिशासी कर्मचारी संघ के महासचिव दिलीप कुमार ने कहा:

हम वर्षों से इन आवासों में रह रहे कर्मचारियों की पीड़ा को देख रहे हैं। प्रबंधन ने समय पर मरम्मत नहीं करवाई, और अब जब स्थिति बदतर हो गई है, तो उनसे आवास खाली करवाने की बात की जा रही है।

यह पूरी तरह अन्यायपूर्ण है। हम चाहते हैं कि बीएसएल प्रबंधन इस मसले को मानवीय दृष्टिकोण से देखे और जल्द से जल्द एक दीर्घकालिक और स्थायी समाधान की दिशा में कदम उठाए।

संघ ने आशा व्यक्त की है कि बीएसएल प्रबंधन इस गंभीर विषय पर शीघ्र निर्णय लेगा और कर्मचारियों को एक सुरक्षित एवं व्यवस्थित जीवन जीने का अधिकार देगा।