- आरोपी मुख्य अभियंता, उत्तर रेलवे, लखनऊ को दी गई 80,000 रुपये की रिश्वत राशि उसके कब्जे से बरामद कर ली गई।
सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। भ्रष्टाचार के खिलाफ सीबीआई (CBI) ने बड़ी कार्रवाई की है। उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के अधिकारी लपेटे में आ गए हैं। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने रिश्वतखोरी के एक मामले में उत्तर रेलवे, लखनऊ की गति शक्ति इकाई के उप मुख्य अभियंता; वरिष्ठ अभियंता (ड्राइंग); मुख्य अभियंता, उत्तर रेलवे, लखनऊ और एक निजी कंपनी के दो कर्मचारियों सहित पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
ये खबर भी पढ़ें: भिलाई टाउनशिप के कब्जेदारों पर पुलिस संग टूट पड़ा भिलाई स्टील प्लांट, पढ़ें डिटेल
यह मामला सीबीआई ने 14.07.2025 को आरोपी उप मुख्य अभियंता, गति शक्ति इकाई, उत्तर रेलवे; वरिष्ठ अभियंता (समन्वय), उत्तर रेलवे, वाराणसी; कार्यालय अधीक्षक, मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय, उत्तर रेलवे, वाराणसी, वरिष्ठ अभियंता (निर्माण), उत्तर रेलवे, वाराणसी, लेखा अनुभाग अधिकारी, उत्तर रेलवे, वाराणसी, वरिष्ठ लिपिक, सहायक अभियंता कार्यालय, उत्तर रेलवे, वाराणसी, एक निजी कंपनी, निजी कंपनी के दो कर्मचारियों और अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज किया था।
जांच के दौरान, यह पता चला कि निजी कंपनी एक रेलवे ठेकेदार है जिसे भदोई, वाराणसी में गति शक्ति परियोजना के तहत एक कार्य/निविदा दी गई है। यह कार्य आरोपी उप अभियंता की देखरेख में होता है।
मुख्य अभियंता, गति शक्ति उत्तर रेलवे, लखनऊ आरोपी निजी व्यक्ति, आरोपी निजी कंपनी के कर्मचारी को गिरफ्तार कर लिया गया और उसके कब्जे से आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई, जिससे यह सिद्ध हुआ कि 14.07.2025 को उसने निजी कंपनी की ओर से आरोपी उप मुख्य अभियंता, उत्तर रेलवे, लखनऊ, मुख्य अभियंता, उत्तर रेलवे, लखनऊ, वरिष्ठ अभियंता (ड्राइंग) और सहायक कार्यकारी अभियंता, उत्तर रेलवे को अनुचित लाभ पहुँचाया।
इसके बाद, आरोपी उप मुख्य अभियंता को उसके कार्यालय से गिरफ्तार कर लिया गया और आरोपी निजी व्यक्ति से लिए गए 2.50 लाख रुपये का अनुचित लाभ उसके कब्जे से बरामद कर लिया गया। आरोपी निजी व्यक्ति द्वारा आरोपी मुख्य अभियंता, उत्तर रेलवे, लखनऊ को दी गई 80,000 रुपये की रिश्वत राशि उसके कब्जे से बरामद कर ली गई। इस राशि में आरोपी मुख्य अभियंता, उत्तर रेलवे, लखनऊ के माध्यम से आरोपी वरिष्ठ अभियंता (ड्राइंग) द्वारा प्राप्त की गई रिश्वत भी शामिल है।
लखनऊ में 4 स्थानों, वाराणसी में 6 स्थानों और गाजियाबाद में 1 स्थान पर तलाशी ली गई। इन तलाशियों के दौरान आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए।
आरोपी उप मुख्य अभियंता, गति शक्ति इकाई, उत्तर रेलवे; एसएसई (ड्राइंग); ओ.एस., एनआर, लखनऊ और आरोपी निजी कंपनी के दो निजी व्यक्तियों-कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
एक अन्य आरोपी सहायक एक्सईएन, एनआर, जिसने कथित तौर पर आरोपी निजी व्यक्ति से 2.75 लाख रुपये प्राप्त किए हैं, फरार है। उसकी तलाश के प्रयास किए जा रहे हैं।
गिरफ्तार किए गए 05 आरोपियों को 15.07.2025 को विशेष न्यायाधीश (पश्चिम), सीबीआई, लखनऊ की अदालत में पेश किया गया और सभी को 28.07.2025 तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।