Employee News: लू से बचाने के लिए सरकार का आदेश, ध्यान दें कारखाने

Employee News Governments order to protect from heat wave factories should pay attention
ओआरएस की पर्याप्त व्यवस्था, आइस पैक, गर्मी से बीमार पड़ने की स्थिति से बचाव के उपाय सुनिश्चित करें। राज्य सरकार को आदेश।

केंद्र सरकार ने श्रमिकों और मजदूरों को अत्यधिक गर्म लहर के प्रतिकूल प्रभावों से बचाने के प्रभावी प्रबंधन और शमन उपायों पर सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों/प्रशासकों को पत्र लिखा।

सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। कर्मचारियों को भीषण गर्मी से बचाने के लिए सरकार ने कारखानों को सख्त निर्देश दिए हैं। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत श्रमिकों और मजदूरों को प्रचंड गर्मी से बचाने के लिए प्रभावी उपाय सुनिश्चित करने की सलाह दी है।

श्रम एवं रोजगार मंत्रालय सचिव ने सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों/प्रशासकों को लिखे पत्र में, कामगारों/श्रमिकों को गर्मी की प्रचंड लहर से बचाने और बढ़े तापमान के प्रतिकूल प्रभावों के शमन उपायों के लिए व्यवसायियों/नियोक्ताओं/निर्माण कंपनियों/उद्योगों को निर्देश जारी करने की आवश्यकता पर बल दिया है।

पत्र में समन्वित, बहु-क्षेत्रीय दृष्टिकोण अपनाने की सिफारिश की गई है, जिसमें कार्य समय के पुनर्निर्धारण, पर्याप्त पेयजल सुविधाएं सुनिश्चित करना, कार्य स्थलों, विश्राम स्थलों में वायु-संचार और शीतलन सुविधा, श्रमिकों की नियमित स्वास्थ्य जांच तथा निर्माण श्रमिकों को आपातकालीन आइस पैक (बर्फ के पैकेट) और गर्मी से होने वाली बीमारियों की बचाव सामग्री उपलब्ध कराना शामिल है।

पत्र में खदान और फैक्ट्री प्रबंधन को काम धीमी गति से कराने, अनुकूल कार्य निर्धारण, अत्यधिक गर्मी में दो-व्यक्ति दल, भूमिगत खदानों में उचित वायु संचार व्यवस्था के निर्देश की भी सलाह दी गई है। कारखानों और खदानों के अलावा निर्माण और ईंट भट्टों के श्रमिकों पर विशेष ध्यान देने और जागरूकता शिविरों, श्रमिक चौकों आदि पर पोस्टर और बैनर माध्यम से अति गर्मी से बचाव के तरीकों के बारे में श्रमिकों को व्यापक जानकारी देने की आवश्यकता पर जोर दिया है।

मंत्रालय ने अपने संगठनों- श्रम कल्याण महानिदेशालय (डीजीएलडब्ल्यू), मुख्य श्रम आयुक्त (सीएलसी), दत्तोपंत ठेंगड़ी राष्ट्रीय श्रमिक शिक्षा एवं विकास बोर्ड (डीटीएनबीडब्ल्यूईडी), वी.वी. गिरि राष्ट्रीय श्रम संस्थान (वीवीजीएनएलआई), महानिदेशालय, फैक्टरी सलाह सेवा और श्रम संस्थान (डीजीएफएएसएलआई), खान सुरक्षा महानिदेशालय (डीजीएमएस) और कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) को जागरूकता सत्र आयोजित करने और अपने प्रशिक्षण कार्यक्रमों में विशिष्ट मॉड्यूल शामिल करने के निर्देश भी जारी किए हैं, जिसमें श्रमिकों को अंशुघात (हीटवेव) के कारणों और प्रभावों की जानकारी देने, गर्मी से शारीरिक-मानसिक तनाव (हीट स्ट्रेस) की पहचान, निवारक रणनीतियों और हीटवेव के प्रतिकूल प्रभावों और उनसे बचाव उपायों पर ध्यान केंद्रित किया जाए।

श्रम कल्याण महानिदेशालय और कर्मचारी राज्य बीमा निगम के अंतर्गत अस्पतालों और डिस्पेंसरियों को भी लू लगने के मामले में समर्पित चिकित्सा सेवा व्यवस्था करने और शरीर में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी पूरा करने में मदद करने वाले ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन (ओआरएस) की पर्याप्त व्यवस्था, आइस पैक और गर्मी से बीमार पड़ने की स्थिति से बचाव के अन्य उपाय सुनिश्चित करने को कहा गया है।