- गरीब पेंशनरों को लंबे वर्षों से केवल 1000 रुपये से कम की राशि प्राप्त करने पर पेंशनर भड़के हैं।
सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। कर्मचारी पेंशन योजना 1995: ईपीएस 95 पेंशन (EPS 95) पर एक और बात सामने आ रही है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन-ईपीएफओ (Employees Provident Fund Pension – EPFO) और केंद्र सरकार पर एक के बाद एक तीर चलाए जा रहे हैं। अब ईपीएस 95 अधिनियम से जुड़ा सवाल उठाया गया है।
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पेंशनभोगी Munukutla Nagendra Babu का कहना है कि क्या ईपीएस 95 अधिनियम मूल्य इंडेक्सिंग पैटर्न पर निर्णय लेने वाले निजी औद्योगिक श्रमिकों के योगदानवादी पेंशनरों को वित्तीय सहायता द्वारा सामाजिक सुरक्षा प्रदान करता है। यदि ऐसा है, तो आप कानूनी आधार पर जा सकते हैं कि, सामाजिक सुरक्षा का मतलब यह नहीं है कि पेंशनभोगी के सेवानिवृत्त होने के बाद, योगदानकर्ता पेंशनभोगी को जीवन स्तर की बढ़ती लागत, घरेलू उपभोग्य वस्तुओं की उच्च दर, लागत के अनुसार बाद में वृद्धि किए बिना अपर्याप्त पेंशन राशि का प्रावधान है।
मांग और आपूर्ति के अनुसार समय-समय पर दवाओं, किराया बदला जा रहा है। इस प्रकार, संसद सत्र यानी 5 अप्रैल, 2025 के पूरा होने के बाद गरीब पेंशनरों को लंबे वर्षों से केवल 1000 रुपये से कम की राशि प्राप्त करने के लिए उनके अवैध और गैर कानूनी उपायों के लिए भारत सरकार के खिलाफ एक जनहित याचिका दायर की जानी चाहिए। यह कुछ हद तक हमारे लिए काम आएगा।
Mukund Pingale ने कहा-10 साल से मोदी सरकार ने ये मसला लटका कर रखा है। दूसरी बात इतने सालों से पेंशनर आंदोलन कर रहे, लेकिन सरकार ध्यान नहीं देती। कमांडर अशोक राउत अगर कह दे कि सब पेंशनर्स उनके फैमिली,रिश्तेदार सबने मोदी के विरोध में वोट करे तो एक भी पेंशनर्स पीछे नहीं हटेगा। ये ध्यान में रखें। क्योंकि उनके लिए लड़ने वाला एक ही आदमी है,जो अशोक राउत जी हैं। तो ये वक्त न आए ऐसी हम आशा रखते है।