- कर्मचारी पेंशन योजना 1995 को लेकर विवाद अब भी बरकरार।
सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन-ईपीएफओ (Employees Provident Fund Organization (EPFO)) पर एक बार फिर तीखा जुबानी हमला किया गया है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले को नजर अंदाज करने का आरोप है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड भी 10 नवंबर को रिटायर हो गए। बावजूद, ईपीएस 95 पेंशनभोगियों (EPS 95 Pensioners) का मामला हल नहीं हो सका। इससे आक्रोशित पेंशनर्स केंद्र सरकार पर गुस्सा उतार रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी पर भी खासा नाराज हैं।
पेंशनभोगी सी उन्नीकृष्णन कहते हैं कि हम सोशल मीडिया (Social Media) पर ऐसी चीजें पोस्ट कर रहे हैं। लेकिन कोई नहीं जानता कि मामला संबंधित अधिकारियों तक पहुंच रहा है या नहीं। सुप्रीम कोर्ट से फैसला आए 2 साल हो गए। अब सीजेआई जो फैसले का हिस्सा थे, वह भी रिटायर होने जा रहे हैं।
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एनएसी आंदोलन करीब 10 साल से चल रहा है। इस पर कोई मीडिया कवरेज नहीं है और न ही मीडिया हमारा समर्थन कर रहा है। इसलिए मेरा विनम्र अनुरोध है कि वर्तमान सीजेआई की सेवानिवृत्ति से ठीक पहले एक वकील के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट से संपर्क करना चाहिए था।
साथ ही सभी पेंशनभोगियों (Pensioners) से कानूनी खर्चों के लिए योगदान देने का अनुरोध करें। इसके लिए एक नया बैंक खाता खोलें और सभी पेंशनभोगियों (Pensioners) को खाता संख्या बताएं ताकि वे योगदान दे सकें और नए खाते में राशि जमा कर सकें। उम्मीद है कि एनएसी समय बर्बाद किए बिना तुरंत आवश्यक कार्रवाई करेगी।