- पेंशन और ईडीएलआई कार्यान्वयन समिति की 54वीं बैठक के कई बिंदुओं पर ध्यान आकृष्ट कराया।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। उच्च वेतन (Higher Salary) पर ईपीएस 95 हायर पेंशन (EPS 95 Higher Pension) के लिए सुप्रीम के आदेश को दरकिनार कर दिया गया है। यह आरोप कर्मचारी भविष्य निधि संगठन-ईपीएफओ (Employees Provident Fund Organization ) पर है। स्टील एग्जीक्यूटिव फेडरेशन ऑफ इंडिया-सेफी (Steel Executives Federation of India-SEFI) ने श्रम रोजगार, युवा मामले व खेल मंत्री मनसुख मांडविया और केंद्रीय पीएफ आयुक्त को पत्र लिखकर पेंशनभोगियों को जल्द से जल्द न्याय करने की मांग की है।
सेफी इस्पात मंत्रालय (Ministry of Steel) के द्वारा अधिकृत राष्ट्रीय संगठन है, जो कि इस्पात मंत्रालय (Ministry of Steel) के अधीन कार्यरत सार्वजनिक उपक्रमों SAIL, RINL, NMDC, MECON एवं NISP के 20000 अधिकारियों का प्रतिनिधित्व करता है।
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सेफी चेयरमैन नरेंद्र कुमार बंछोर ने पत्र में लिखा है कि उच्च वेतन पर पेंशन (पीओएचडब्ल्यू) के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय के 4 नवंबर 2022 के आदेश के कार्यान्वयन में अनुचित देरी से काफी नुकसान हो रहा है।
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30 सितंबर को ईपीएफओ के मुख्यालय (EPFO Headquarters), ईस्ट किदवई नगर, नई दिल्ली में आयोजित पेंशन और ईडीएलआई कार्यान्वयन समिति (Pension and EDLI Implementation Committee) की 54वीं बैठक के कार्यवृत्त का अवलोकन किया है, जिसमें पीओएचडब्ल्यू पर भी चर्चा की गई थी। बैठक के कार्यवृत्त की प्रति संलग्न है। इसके पैरा 4.4 से 4.9 प्रासंगिक हैं, जिनका संलग्नक से अवलोकन किया जा सकता है।
विशाखापट्टनम स्टील प्लांट (Visakhapatnam Steel Plant) से पैसा जमा, लेकिन पीपीओ जारी नहीं
कर्मचारी प्रतिनिधि सुंकरी मल्लेशम ने अन्य बातों के साथ-साथ यह टिप्पणी की थी कि यदि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उचित रूप से कार्यान्वयन नहीं किया जाता है तो यह न्यायालय की अवमानना होगी।
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उन्होंने विशेष रूप से विशाखापट्टनम स्टील प्लांट के कर्मचारियों का मुद्दा उठाया जहां आवेदकों द्वारा मांग राशि जमा कर दी गई है। लेकिन 1 वर्ष के बाद भी पीपीओ जारी नहीं किए गए हैं।
उन्होंने एनटीपीसी (NTPC) के लंबित आवेदनों के बारे में भी चिंता व्यक्त की जहां अभी तक मांग पत्र जारी नहीं किए गए हैं और भविष्य में मुकदमेबाजी से बचने के लिए क्षेत्रीय कार्यालयों को तुरंत पीपीओ जारी करने के निर्देश जारी करने का सुझाव दिया।
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पीपीओ जारी करने के लिए समय-सीमा तय हो
अतुल सोबती-नियोक्ता प्रतिनिधि ने कहा कि यदि पेंशनभोगी (Pensioners) ने मांग राशि जमा कर दी है तो पीपीओ जारी करने के लिए समय-सीमा तय की जानी चाहिए। उन्होंने पीओएचडब्ल्यू मामलों में छूट प्राप्त ट्रस्ट नियमों के मुद्दे का विश्लेषण करने और शीघ्र समाधान करने का भी सुझाव दिया। उन्होंने कर्मचारियों की कमी के मुद्दे को जल्द से जल्द हल करने की सलाह दी।
आर करुमाइलयान-कर्मचारी प्रतिनिधि ने सुझाव दिया था कि छूट प्राप्त प्रतिष्ठानों के कर्मचारियों के पीओएचडब्ल्यू आवेदनों पर गहन अध्ययन के बाद सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाना चाहिए।
सुंकरी मल्लेशम-कर्मचारी प्रतिनिधि ने यह भी सुझाव दिया था कि उच्च वेतन (Higher Salary) पर पेंशन के संबंध में छूट प्राप्त प्रतिष्ठानों के मुद्दे पर इस मामले के विशेषज्ञों के साथ अलग से चर्चा की जानी चाहिए।