ईपीएस 95 हायर पेंशन: डेढ़ साल तक SAIL BSP में खूब माथापच्ची, पेंशन गणना करते रहे, अब तक मिला कुछ नहीं…

  • सेल ने सबसे पहले अपने स्तर पर ज्वाइंट ऑप्शन फॉर्म भरवाया। इसके बाद ईपीएफओ ने इस प्रक्रिया को खारिज कर दिया। दोबारा फॉर्म भरा गया था।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees Provident Fund Organisation) और केंद्र सरकार (Central Govt) की नीतियों पर लगातार सवाल उठ रहा है। ईपीएस 95 हायर पेंशन (EPS 95 Higher Pension) को लेकर बेचैनी कम नहीं हो रही है। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (Steel Authority of India Limited) के कर्मचारी इतना नाराज हो गए हैं कि अब तिलमिलाते हुए ऐसे शब्दों का प्रयोग करते जा रहे, जिसको लिखा नहीं जा सकता है।

ये खबर भी पढ़ें : Gold-Silver Price: अक्ष्य तृतीया के बाद औंधे मुंह गिरा सोने का भाव, बढ़े चांदी के तेवर, देखें आज का रेट

ईपीएस 95 उच्च पेंशन (EPS 95 Higher Pension) और ईपीएफओ (EPFO) को लेकर कर्मचारी लगातार यूनियन नेताओं से सवाल दाग रहे हैं। सेल की यूनिट भिलाई स्टील प्लांट (Bhilai Steel Plant) की पूर्व मान्तया प्राप्त यूनियन सीटू कार्यालय में पिछले दिनों बंपर तरीके से पेंशन की गणना की गई। पूर्व और वर्तमान कर्मचारियों-अधिकारियों की मदद के लिए फ्री सेवा दी गई। गणित में कमजोर और फॉर्मूले में उलझने वाले कार्मिकों को यहां काफी राहत मिली।

ये खबर भी पढ़ें : EPFO BIG NEWS: शिक्षा, विवाह और आवास के लिए ऑटो क्लेम सॉल्यूशन, 10 नहीं, 3 दिन में लीजिए घर बैठे पैसा

सुबह से शाम तक सीटू के शांत कुमार के नेतृत्व में अभियान चलता रहा। करीब डेढ़ साल तक उच्च पेंशन की प्रक्रिया में भिलाई स्टील प्लांट के वरिष्ठ अधिकारी भी जूझते रहे। सीजीएम स्तर के अधिकारी भी कहीं पीछे नहीं रहे। अब पेंशन को लेकर कर्मचारियों की तरफ से लगातार सवाल यूनियन नेताओं से किए जा रहे हैं।

ये खबर भी पढ़ें : छत्तीसगढ़ न्यूज: राज्य पात्रता परीक्षा के लिए ऑनलाईन आवेदन 9 जून तक

कमबख्तों ने डेढ़ साल तक माथापच्ची कराया

सीटू के उपाध्यक्ष डीवीएस रेड्डी केंद्र सरकार (Central Govt) और ईपीएफओ पर भड़कते हुए कहा-कमबख्तों ने डेढ़ साल तक सबसे खूब माथापच्ची कराया। अब तक मिला कुछ नहीं…। सुबह से शाम तक हर कोई पाई-पाई का हिसाब लगाता रहा। रिजल्ट के रूप में सब शून्य ही नजर आ रहा है। ईपीएफओ की ढिलाई वाकई सवालों का जन्म दे रही है। सेल ने सबसे पहले अपने स्तर पर ज्वाइंट ऑप्शन फॉर्म भरवाया। इसके बाद ईपीएफओ ने इस प्रक्रिया को खारिज कर दिया। दोबारा फॉर्म भरा गया था।

ये खबर भी पढ़ें : Retirement Planning में ये 3 गलतियां न करें, पढ़ें निवेश फॉर्मूला, भत्ते, बोनस और वेतन वृद्धि पर रिपोर्ट

तकलीफ का एहसास ईपीएफओ को क्यों नहीं

वहीं, पेंशन गणना कराने वालों में शामिल सीटू के महासचिव जगन्नाथ प्रसाद त्रिवेदी माथा पकड़े बैठे थे। इन्हें इस बात की चिंता थी कि बीएसपी से रिटायर्ड पूर्व अधिकारी और कर्मचारियों को आखिर राहत कब मिलेगी।

ज्वाइंट ऑप्शन फॉर्म भरवाने, पैसा जमा करने, भिलाई स्टील प्लांट (Bhilai Steel Plant) और ईपीएफओ कार्यालय (EPFO Office) तक चक्कर लगाने वालों की तकलीफ का एहसास ईपीएफओ को क्यों नहीं हो रहा है।

ये खबर भी पढ़ें : Bhilai के प्लेयर्स ने नेशनल चैंपियनशिप में मारी बाजी, स्पोर्ट्स हब के खिलाड़ी ने छत्तीसगढ़ का बढ़ाया मान