- ईपीएफओ के पक्ष में यह भी कहा जा रहा है कि इम्प्लायर जल्दबाजी में पूरी जानकारी दिए बगैर ही प्रक्रिया को पूरा कर दिया होगा
सूचनाजी न्यूज, छत्तीसगढ़। ईपीएस 95 हायर पेंशन (EPS 95 Higher Pension) को लेकर टैक्स कंसल्टिंग फर्म मेनस्टे टैक्स (Tax Consulting Firm Mainstay Tax) और पेंशन आंदोलन के सदस्य ने पेंशनर्स का हौसला बढ़ाया है। नागपुर के पेंशनभोगी कल्याण कुमार सिन्हा ने मीडिया रिपोर्ट का जिक्र करते हुए ईपीएफओ पर कई सवाल उठाया है।
ईपीएफओ (EPFO) ने हायर पेंशन देने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अमल किया। ज्वाइंट आप्शन फॉर्म (Joint Optioon Form) तक भरवाया। उच्च पेंशन देने की प्रक्रिया का पहला चरण अपनाया जा चुका है। कर्मचारियों-अधिकारियों की तरफ से आवेदन जमा हो चुका है। ईपीएफओ आवेदनों पर आगे की कार्रवाई कर रहा है। रफ्तार इतनी सुस्त है कि पेंशनर्स और इम्पलायर की भी धड़कन बढ़ी हुई है।
इम्प्लायर की जल्दबाजी भी हो सकता है कारण
ईपीएफओ (EPFO) के पक्ष में यह भी कहा जा रहा है कि इम्प्लायर जल्दबाजी में पूरी जानकारी दिए बगैर ही प्रक्रिया को पूरा कर दिया होगा, जिसके चलते मामला उलझा हुआ है। वहीं, कई कर्मचारियों ने नौकरी बदली होगी, जिनका संचित पीएफ उनके नए खाते में स्थानांतरित नहीं किया गया, या जहां कर्मचारियों के पास पूर्ण विवरण का अभाव है; अब उन नियोक्ताओं ने अपना व्यवसाय बंद कर दिया है या अन्य कंपनियों ने उनका अधिग्रहण कर लिया है।
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उच्च न्यायालयों में कई याचिकाएं दायर
पेंशनर्स के लिए काम करने वाले परवीन कोहली द्वारा मीडिया को दिए गए बयान में हा गया है कि 1 सितंबर, 2014 के बाद के मामलों के कार्यान्वयन में देरी बहुत लंबी रही है और कई पेंशनभोगी इसके कारण पीड़ित हैं। कुछ लोगों की बिना लाभ प्राप्त किए ही मृत्यु हो गई। इन सेवानिवृत्त लोगों के लिए उच्च पेंशन की गणना की पद्धति के कारण पेंशन की मात्रा काफी कम हो गई है और इस पर उच्च न्यायालयों में कई याचिकाएं दायर की गई हैं।
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