- सुझाव को एनएसी ने स्वीकार किया, अब 78 लाख पेंशनर शीर्ष नेतृत्व के सीधे संवाद कर सकते हैं।
सूचनाजी न्यूज, रायपुर। कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (Employee Pension Scheme 1995) के आंदोलन को लेकर तरह-तरह के भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है। ईपीएस 95 पेंशन राष्ट्रीय संघर्ष समिति रायपुर (EPS 95 Pension National Struggle Committee Raipur) के अध्यक्ष Anil Kumar Namdeo का कहना है कि यू-ट्यूबर अपना टीआरपी बढ़ाने के लिए फर्जी खबरों को परोस रहे हैं। इससे बचने के लिए मेरे सुझाव को एनएसी ने स्वीकार किया, अब 78 लाख पेंशनर शीर्ष नेतृत्व के सीधे संवाद कर सकते हैं। निश्चित रूप से यह EPS 95 पेंशन आंदोलन के लिए स्वागत योग्य कदम है।
ये खबर भी पढ़ें: देश के 700+जिलों में खास इवेंट, फायदा उठाएं कर्मचारी-पेंशनभोगी
अनिल नामदेव ने कहा-मेरा आग्रह था कि इधर-उधर की वीडियो में बेमतलब की अतिरंजित बातें सोशल मीडिया में U tuber में अपने व्यावसायिक लाभ (TRP) पाने viral करते रहते हैं। इससे पेंशनरों के बीच न केवल बड़ी असमझ की अस्थिति पैदा होती है, बल्कि आंदोलनकर्ता संगठन उनके नेतृत्व पर अविश्वास का भाव पैदा होता है।
इसलिए आंदोलनों के अगर्जनों को खुद सामने आ कर वक्तव्य देना चाहिए। मैं शुक्रगुजार हूं कि (NAC) राष्ट्रीय संघर्ष समिति ने मेरे आग्रह का बीते दिनों संज्ञान में लिया और अब EPS 95 के देशभर में फैले 78 लाख पेंशनर अब शीर्ष नेतृत्व के सीधे संवाद से अवगत हो रहे हैं।
ये खबर भी पढ़ें: Pension News: पेंशन विभाग सुनेगा फरियाद, यहां दर्ज कीजिए शिकायत, 24 तक मौका
7500+DA सहित अन्य मांगों को लेकर सड़क पर आंदोलन कर रही पेंशनरों की मांग करने वाली NAC संगठन के मुखिया कमांडर अशोक राउत का धन्यवाद आभार प्रकट करना चाहूंगा कि उन्होंने सर्व सामान्य पेंशनरों से सीधे वीडियो के माध्यम से अपना वक्तव्य जारी करने का निर्णय लिया है,जो स्वागतेय कदम है।
ये खबर भी पढ़ें: BSP RED में विभागीय पर्यावरण जागरूकता माह, 56 कर्मचारी, 14 ठेका मजदूर सम्मानित
लेकिन अभी भी EPS 95 के पेंशनरों के एक घटक जो हायर पेंशन के लिए न्यायालय के माध्यम से संघर्षरत रहे हैं। ऐसी संगठनों के अगर्जन चुप्पी लगा बैठे हैं। कुछ एक संगठन जरूर अभी भी संघर्षरत हैं और अनेक प्रकरण आज भी लंबित हैं,पर ऐसे पेंशनरों का कोई केंद्रीय सर्वमान्य नेतृत्व नहीं हैं।
ये खबर भी पढ़ें: कौन चाहता है ईपीएस 95 पेंशनभोगियों की न बढ़े पेंशन, पढ़िए डिटेल
अतः उनसे सीधे वक्तव्य मिल पाना अव्यवहारिक ही है,पर दूसरी ओर अधिकांश संगठन अपनी हायर पेंशन की मांग को लेकर लुप्तप्रायः हो चुके हैं…। किस न्यायालय में किस प्रकार की दलीलें पेश हुई हैं, प्रकरण की वास्तविक स्थिति क्या है।
इसकी कोई खोज खबर से लोग महरूम ही हैं। साथ ही देखने में आया है कि हायर पेंशन पाने के लिये पेंशनरों की भी कोई रुचि नहीं रह गई है। 70 वर्ष पार कर चुके पेंशनरों का मानना है कि उन्हें न्यूनतम पेंशन ही मिल जाए तो ये उनके हित की बात होगी।