हर एक विभाग में यह मशीन लगी होगी, जहां कर्मचारियों, अधिकारियों और ठेका मजदूरों की हाजिरी होगी।
अज़मत अली, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (Steel Authority of India Limited) ने बायोमेट्रिक पर फोकस किया हुआ है। दुर्गापुर स्टील प्लांट में बायोमेट्रिक (Biometric Machine) लगाया जा रहा है। इधर, भिलाई स्टील प्लांट (Bhilai Steel Plant) में भी तैयारी शुरू हो गई है। कर्मचारी, अधिकारी और ठेका मजदूरों की हाजिरी बायोमेट्रिक फेस रिकग्निशन मशीन (Biometric Face Recognition Machine) से होगी।
बीएसपी (BSP) प्रबंधन ने 500 मशीनों की खरीदी का ऑर्डर दे दिया है। सितंबर तक सभी मशीनों को इंस्टॉल करने का लक्ष्य रखा गया है। अक्टूबर से इसको अनिवार्य कर दिया जाएगा। यानी हर एक विभाग में यह मशीन लगी होगी, जहां कर्मचारियों, अधिकारियों और ठेका मजदूरों की हाजिरी होगी।
बताया जा रहा है कि जो कर्मचारी-अधिकारी ईमानदारी से पूरे समय तक नौकरी करते हैं, उनकी सेहत पर कोई असर नहीं पड़ेगा। वहीं, बीएसपी की नौकरी के साथ ट्रैवेल एजेंसी, प्रॉपर्टी, दुकान, शो-रूम आदि चलाने वालों को खासा दिक्कत होनी तय है, क्योंकि 8 घंटे ड्यूटी करनी होगी। इन और आउट का समय प्रबंधन को अब पता चल जाएगा।
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खास बात यह है कि इसमें अंगुठा लगाने की जरूरत नहीं होगी। मशीन के सामने खड़े होते ही खुद-ब-खुद चेहरे को स्कैन कर लेगी। और आपकी हाजिरी स्वीकार हो जाएगी। सेल (SAIL) के भिलाई स्टील प्लांट में अब तक इस्पात भवन और मेडिकल में ही बायोमेट्रिक लगा हुआ है।
यह पहली बार होगा कि प्लांट को भी बायोमेट्रिक के दायरे में लाया जा रहा है। लंबे समय से चल रही कवायद अब मूर्तरूप लेने जा रही है। बीएसपी प्रबंधन ने एक एजेंसी को मशीन खरीदी का ऑर्डर देकर सभी चर्चाओं पर विराम लगा दिया है। प्रबंधन ने अपनी मंशा स्पष्ट कर दी है कि चाहे कुछ भी हो, मशीन लगाई जाएगी।
ठेका मजदूरों को होगा सीधा फायदा
Biometric Face Recognition Machine से बीएसपी के करीब 22 हजार ठेका मजदूरों को सीधा फायदा होगा। प्लांट के अलग-अलग विभागों में काम करने वालों की हाजिरी को लेकर अक्सर सवाल उठते हैं। कम हाजिरी देने का आरोप लगता है। ड्यूटी प्लांट में होती है, लेकिन मजदूर साहब के बंगले आदि पर काम करते हुए पाए जाते हैं।
ठेकेदारों की मनमानी पर भी लगाम लग जाएगा। एक-एक मजदूरों की हाजिरी से उनको पूरी मजदूरी का हक मिल पाएगा। यही वजह है कि 500 मशीनों का ऑर्डर दिया गया है, ताकि ठेका मजदूरों को भी इसके दायरे में लाया जा सके।
बायोमेट्रिक और गेट को लेकर हो चुका है हंगामा
बीएसपी ने सबसे पहले इस्पात भवन में बायोमेट्रिक लगाया था। इसका विरोध करते हुए कार्मिक सड़क पर उतर आए थे। काफी हंगामा किया गया था। इसके आरोप में कई कार्मिकों को सस्पेंड किया गया था। मामला काफी तूल पकड़ा था। इसी तरह बीएसपी के गेट को समय पर बंद करने और खोलने को लेकर भी विवाद हो चुका है। बोरिया गेट पर काफी बवाल हुआ था, जिसके बाद प्रबंधन को अपना फैसला वापस लेना पड़ा था। सभी यूनियनों ने मिलकर विरोध किया था।