भिलाई स्टील प्लांट से टाउनशिप तक कर्मचारियों-अधिकारियों की जान खतरे में, सेफ्टी पर दीजिए ध्यान

From Bhilai Steel Plant to the Township the Lives of Employees and Officers are in Danger Pay Attention to Safety
  • मरोदा गेट पर सीआईएसएफ जवानों की कमी से गेट लेट खोलने की शिकायत। इस पर ध्यान दिये जाने की आवश्यकता है।
  • समय पर अटेंडेंस की हड़बड़ी को ध्यान रखते हुए ड्यूटी आते समय गलती होने पंर पहली बार बुलाकर समझाइश दी जाए।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भिलाई कर्मचारी यूनियन ने संयंत्र के अंदर और बाहर सुरक्षा से जुड़े ज्वलंत मुद्दों की ओर प्रबंधन का ध्यान आकर्षित करवाने हेतु एक ज्ञापन ईडी एचआर के नाम आई आर विभाग के जीएम विकास चन्द्रा को सौंपा, जिसमें सेफ्टी में हो रही चूक, कर्मचारियों को हो रही परेशानी और मानसिक तनाव प्रमुख था।

कर्मचारी जब घर से ड्यूटी आने और वापस जाने तक प्रबंधन की जिम्मेदारी है तो टाउनशिप क्षेत्र में ड्यूटी आने जाने के समय अनियंत्रित ट्रैफिक की जिम्मेदारी से बच नहीं सकते।

1. संयंत्र के भीतर बढ़ती जानवरों की संख्या जैसे कुत्ते,सुअर,गाय जो इधर उधर भटकते रहते हैं इनके कारण सड़क दुर्घटनाएं बढ़ रही है और भविष्य में दुर्घटनाओं में बढ़ोतरी की संभावना बनी हुई है इन पर लगाम लगाई जाए।

2. वर्तमान में सेफ्टी के नाम पर संयंत्र के भीतर ओवर स्पीड के लिए कर्मियों को वार्निंग लेटर दिए जा रहे हैं पर ड्यूटी आते समय हो रही देरी के लिए सड़क पर खड़े बेतरतीब वाहन,गेट पर कम संख्या में सुरक्षा कर्मियों की ड्यूटी, जल्दी पहुंचने की आपाधापी के लिए कौन जिम्मेदार है इस पर ध्यान दिया जाना आवश्यक है। इसलिए यूनियन मांग है कि समय पर अटेंडेंस की हड़बड़ी को ध्यान रखते हुए ड्यूटी आते समय गलती होने पंर पहली बार बुलाकर समझाइश दी जाए।

3. संयंत्र के बाहर ओवर स्पीड एवं नो एंट्री टाइम की भारी वाहन सरेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं। क्या संयंत्र के बाहर कर्मचारियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी प्रबंधन की नहीं है। संयंत्र के परिसर में इतने कड़े नियम और बाहर सुरक्षा की कोई जिम्मेदारी नहीं।

4. संयंत्र के भीतर संयंत्र भवन से लेकर एसपी-2,3 कोक ओवन, आक्सीजन प्लांट 2 एस एम एस 2 की ओर जाने वाली सड़कों पर धूल का बवंडर बना रहता है। इस कारण वहां से गुजरने एवं काम करने वाले कर्मचारियों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है, जो निश्चित ही सुरक्षा एवं स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ मामला है। इस पर प्रबंधन को गंभीरता से विचार करना चाहिए और वहां होने वाली भारी धूल से कैसे बचाव किया जाए उस पर कार्रवाई की जानी चाहिए।

5. संयंत्र के बाहर नो एंट्री टाईम 5 बजे से 6:30 तक किया जाए, क्योंकि अभी वर्तमान में अंधेरा जल्दी होता है तथा इस्पात भवन एवं एचआरडी का ड्यूटी से लौटने का समय 5:45 कर दिया गया है। इस कारण लौटने में रोड पर देरी होती है और इसी बीच भारी वाहनों का आवागमन शुरू हो जाता है जो कभी भी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है।

6. बोरिया गेट से लेकर जेपी चौक के आगे मरौदा तक फल सब्जी वालों के ठेले सड़क तक आ जाते हैं। इस कारण जाम की स्थिति बन जाती है जो बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है इस पर तत्काल ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है।

7. बोरिया गेट शाम 5:00 बजे के बाद संयंत्र प्रवेश के लिए बंद कर दिया जाता है इससे जिन लोगों को प्लेट मिल,कोक ओवन,एस पी, एस एम एस 2 की ओर जाने के लिए मेन गेट की ओर से घूम कर जाना पड़ता है जो सुरक्षा के दृष्टि से ठीक नहीं है इसलिए इसे 6 बजे तक खोला जाना चाहिए।

8. मरोदा गेट पर सीआईएसएफ जवानों की कमी के कारण गेट लेट खोलने की शिकायत रहती है। इस पर ध्यान दिये जाने की आवश्यकता है।

9. मरोदा गेट के बाहर साइकिल, गाड़ियों को श्रमिक रोड के दोनों ओर खड़ा कर देते हैं। इस कारण वहां जाम की स्थिति बन रही है। इसके लिए उचित साइकिल स्टैंड गाड़ी स्टैंड की व्यवस्था की जानी चाहिए।

10. सुरक्षा की दृष्टि से सभी रेलवे क्रॉसिंग के लेवल को ठीक किया जाना आवश्यक है। अक्सर लेवल के पास दुर्घटनाएं होती रहती है।

11. सभी स्पीड ब्रेकर तथा डिवाइडर के शुरूआत को रेडियम पट्टी से पेंट किया जाये।

12. फाउंडेशन से लेकर एमआरडी चौक तक अंधेरा रहता है ध्यान दिया जाए और उचित लाइट की व्यवस्था की जाए।

मीटिंग में मुख्य रूप से अध्यक्ष राजेश चौहान, महामंत्री अशोक माहौर, कार्यकारी अध्यक्ष आनंद पांडेय, श्रीनिवास मिश्रा, उपाध्यक्ष तरूण सेमुअल,ओपी तीतरमारे, डीजीएस एसएस यादव, अनुराग महुलकर सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।