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घासीदास-तरण तारण जयंती 2023: 2 दिन तक मटन-चिकन की दुकानें रहेंगी बंद

घासीदास-तरण तारण जयंती 2023: 2 दिन तक मटन-चिकन की दुकानें रहेंगी बंद
  • छत्तीसगढ़ शासन के पर्यावरण एवं नगरीय विकास विभाग के आदेशानुसार इस माह को पड़ने वाले महापुरुषों की जयंती पर दुकानें बंद रखने का आदेश जारी।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भिलाई में दो दिन तक मटन-चिकन की दुकानें बंद रहेगी। आप मांसाहारी हैं तो यह खबर आपके लिए जरूरी है। पहले से इंतजाम कर लीजिए, क्योंकि भिलाईनगर निगम (Bhilai Municipal Corporation) ने दो दिन तक इसकी बिक्री पर रोक लगा दिया है। निगम क्षेत्र में दो दिवस मांस मटन बिक्री बंद रखने का आदेश जारी कर दिया गया है।

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छत्तीसगढ़ शासन (Chhattisgarh Govt) के पर्यावरण एवं नगरीय विकास विभाग के आदेशानुसार इस माह को पड़ने वाले महापुरुषों की जयंती पर निगम क्षेत्र में पशुवध, गृह जीव हत्या एवं समस्त मांस बिक्री केंद्रों को बंद रखने कहा गया है।

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पर्यावरण एवं नगरीय विकास विभाग छग शासन (Environment and Urban Development Department, Government of Chhattisgarh) द्वारा जारी परिपत्र के अनुपालन में नगर पालिक निगम भिलाई के स्वास्थ्य अधिकारी ने आदेश प्रसारित कर इस माह  पड़ने वाले गुरु घासीदस जयंती 18 दिसम्बर एवं संत तरण तारण जयंती 19 दिसम्बर को पशुवध तथा मांस मटन  बिक्री केंद्रों  में  तथा खुले में प्रतिबंधित किया गया है।

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हर साल 18 दिसंबर को गुरु घासीदास जयंती (Guru Ghasidas Jayanti) मनाई जाती है। गुरु घासीदास (Guru Ghasidas) विशेष रूप से छत्तीसगढ़ राज्य के लिए एक महत्वपूर्ण आधार हैं। उनका जन्म 18 दिसंबर 1756 को छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के रायपुर जिले में गिरौंद नामक गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम मंहगू दास और माता का नाम अमरौतिन था।

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गुरु घासीदास ने छत्तीसगढ़ के लोगों के लिए सतनाम (Satnam) का प्रचार किया। पूरे छत्तसीगढ़ में आज भी उनके योगदान और शिक्षाओं का बड़े पैमाने पर पालन किया जाता है। इतना ही नहीं उनकी जयंती को भी हर साल धूमधाम से मनाया जाता है। उन्होंने छत्तीसगढ़ में सतनामी समुदाय की स्थापना की थी, जो सतनाम (जिसका अर्थ है सत्य) और समानता पर आधारित है।

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बता दें कि श्री तारण स्वामी के माता-पिता दिगम्बर जैन आम्नाय के अनुयायी थे। मामा श्री लक्ष्मण सिंघई भी दिगम्बर जैन आम्नाय के प्रमुख व्यक्ति थे। श्री तारण स्वामी भी दिगम्बर जैन आम्नाय में पैदा हुए थे।

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