- चिकित्सकीय जरूरतों को पूर्ण करने के लिए सम्पूर्ण वास्तुकला और कास्टिंग की गई हैं।
- जबकि रायपुर एम्स के ग्रुप ने डॉ.डीके.त्रिपाठी के लीडरशिप में प्रदर्शन किया हैं।
- AI एकीकृत क्लिनिकल डिसीजन सपोर्ट सिस्टम के द्वारा ‘एसटी एलीवेशन मायोकॉर्डिअल इन्फ्रक्शन’ (STEMI, हार्ट अटैक) के लिए नतीजा लाइव हो रहा हैं।
अंशुल तिवारी, भिलाई। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी भिलाई (IIT Bhilai) और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS Raipur) के बीच समझौता हुआ है। दोनों ही टॉप मोस्ट इंस्टीट्यूट मिलकर AI सहायता प्राप्त हाइब्रिड डिजिटल हेल्थकेयर सिस्टम डेवलप करेंगे।
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इमरजेंसी सुपरविजन सिस्टम (आपातकालीन निगरानी प्रणाली) को बढ़ाने के लिए IIT भिलाई और रायपुर एम्स द्वारा परस्पर तौर पर एक AI सहायक प्राप्त हाइब्रिड डिजिटल हेल्थकेयर सिस्टम डेवलप किए हैं। इससे दूर-दराज के इलाकों और संसाधन-सीमित सेटिंग में मरीजों को फायदा पहुंचेगा।
आज दोनों इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर्स की उपस्थिति में इसे लॉन्च कर दिया गया है। साथ ही एम्स के कार्डियोलॉजी ICU से इसका लाइव डेमोंस्ट्रेशन भी कर दिया गया हैं। इस मौके पर IIT Bhilai के डायरेक्टर प्रो.राजीव प्रकाश ने कहा कि समाधान का टेक्निकल पार्ट प्रो.संतोष विश्वास के लीडरशिप में IIT Bhilai के ग्रुप द्वारा डेवलप किया गया है।
साथ ही चिकित्सकीय जरूरतों को पूर्ण करने के लिए सम्पूर्ण वास्तुकला और कास्टिंग की गई हैं। जबकि रायपुर एम्स के ग्रुप ने डॉ.डीके.त्रिपाठी के लीडरशिप में प्रदर्शन किया हैं। AI एकीकृत क्लिनिकल डिसीजन सपोर्ट सिस्टम के द्वारा ‘एसटी एलीवेशन मायोकॉर्डिअल इन्फ्रक्शन’ (STEMI, हार्ट अटैक) के लिए नतीजा लाइव हो रहा हैं।
आयुष-टेक, IIT Bhilai और रायपुर एम्स के बीच एक सहयोग
प्रो.राजीव प्रकाश ने आगे जिक्र किया है कि आयुष-टेक, IIT Bhilai और रायपुर एम्स के बीच एक सहयोग, इन दोनों संस्थाओं की टेक्निकली और मेडिकली एक्सपर्टीज को मिक्स करने और विद्यार्थियों, फैकल्टी मेंबर्स और औद्योगिक घरानों के लिए एक संयुक्त प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराने के लिए साल 2023 के जून महीने में आरंभ किया गया था।
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अत्याधुनिक इंजीनियरिंग तकनीकी के द्वारा मेडिकली फैसिलिटी में बढ़ोत्तरी करने के नजरिए से सेन्ट्रलाइज्ड शिक्षण और प्रशिक्षण, संयुक्त अनुसंधान और विकास, उद्यमिता आदि पर केन्द्रित किया जा रहा है। संयुक्त कोशिश का उद्देश्य समाज की भलाई के लिए दोनों इंस्टीट्यूट के संसाधनों, बुनियादी ढांचे और लोगों के नॉलेज का स्पष्टत: रूप से इस्तेमाल करना हैं।
समाज के हर व्यक्ति की भलाई
रायपुर एम्स के डायरेक्टर डॉ.अशोक जिंदल ने टीम की प्रशंसा करते हुए कहा कि एक वर्ष से भी कम वक्त में इस कोशिश से पहला समाधान सामने आने काफी प्रसन्नता करने वाली बात है।
उन्होंने आगे जिक्र किया है कि यह लॉन्चिंग समाज के हर व्यक्ति की भलाई के लिए प्रौद्योगिकी और चिकित्सकीय प्रयास को आगे बढ़ाने की चल रही हमारी कोशिश में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।