सूचनाजी न्यूज, दुर्ग। दुर्ग की कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी (Durg Collector Richa Prakash Chaudhary) के निर्देश अनुसार और दुर्ग के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (Public Health Engineering Department) के कार्यपालन अभियंता उत्कर्ष उमेश पाण्डेय के मार्गदर्शन में विभाग द्वारा बारिश के वक्त में होने वाली जल जनित बीमारियों के रोकथाम के लिए दुर्ग जिले के सभी ग्रामों में क्लोरीनेशन का महत्वपूर्ण काम किया गया। हैंडपंप तकनीशियनों (Handpump technicians) के द्वारा क्लोरीनेशन किया जा रहा हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक दुर्ग जिले के तीन ब्लॉक के करीब दो सौ 20 ग्रामों में तकनीशियनों के द्वारा सोडियम ह्यपोक्लोराइड (Sodium Hypochlorite) नाम की दवा से गांव के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में हैंडपंपों का क्लोरीनेशन का महत्वपूर्ण कार्य किया गया।
क्लोरीनेशन का इस्तेमाल जल में बैक्टीरिया, वायरस और अन्य रोगाणुओं को नष्ट करने और पेचिस, टाइफाइड, डायरिया जैसी जल जनित बीमारियों के फैलाव को नियंत्रित करने के लिए किया जाता हैं। क्लोरीनेशन के बाद पानी का सैंपल लोक स्वास्थ यांत्रिकी विभाग को भेजा जाता हैं। डिपार्टमेंट की लेबोरेटरी में 13 पैरामीटर में पानी की जांच की जाती हैं। परीक्षण कर आगे का प्रोसेस किया जाता हैं।
दुर्ग डिस्ट्रिक्ट में स्टॉप डायरिया कैंपेन एक जुलाई 2024 से 31 अगस्त 2024 तक जल जीवन मिशन के तहत आयोजित किया गया। इसमें करीब समस्य ग्रामों के जल स्त्रोत की साफ-सफाई करवाई गई थी।
ये खबर भी पढ़ें: MLA और नेताओं की गिरफ्तारी का विरोध, हाथों में मशाल लेकर निकले युवा कांग्रेसी
गौरतलब है कि डेंगू, मलेरिया, स्वाइन फ्लू, पेचिस, टाइफाइड, डायरियान जैसी जल जनित बीमारियों का प्रकोप बारिश में बढ़ जाता है। ऐसे महमारी वाली बैक्टीरिया, वायरस और अन्य रोगाणुओं के रोकथाम और फैलाव की कड़ी को रोकने कई कवायदें की जाती है।