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श्रम मंत्रालय: ग्रेच्युटी, न्यूनतम मजदूरी, नियोक्ता, ट्रेड यूनियन को लेकर हैं परेशान तो समाधान पोर्टल पर आइए…

श्रम मंत्रालय: ग्रेच्युटी, न्यूनतम मजदूरी, नियोक्ता, ट्रेड यूनियन को लेकर हैं परेशान तो समाधान पोर्टल पर आइए…
  • केंद्रीय श्रम और रोजगार राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने राज्यसभा में दिया जवाब।

सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। देश के कर्मचारियों के लिए खास खबर है। भारत सरकार श्रमिकों के लिए क्या सुविधा दे रही है। इसकी जानकारी केंद्रीय श्रम और रोजगार राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे (Union Minister of State for Labour and Employment Shobha ) ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दिया है।

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समाधान पोर्टल (Samadhan Portal) को औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 के तहत श्रमिकों, नियोक्ताओं और ट्रेड यूनियनों द्वारा औद्योगिक विवादों को दाखिल करने की सुविधा के लिए लॉन्च किया गया था।

इसमें ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम, 1972, न्यूनतम मजदूरी अधिनियम, 1948, मजदूरी भुगतान अधिनियम, 1936, समान पारिश्रमिक अधिनियम, 1976 और मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961 के तहत श्रमिकों द्वारा दावा मामले दाखिल करने की भी सुविधा है।

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पोर्टल में उपयोगकर्ता-अनुकूल इंटरफ़ेस (Interface) है और इसने निम्नलिखित तरीके से सभी हितधारकों के लिए शिकायत समाधान की पारदर्शिता और दक्षता को बढ़ाया है।

ऑनलाइन फाइलिंग: श्रमिक/ट्रेड यूनियन/प्रबंधन कंप्यूटर (Workers/Trade Union/Management Computer), उमंग ऐप के माध्यम से चौबीसों घंटे पोर्टल में लॉग इन करके और निकटतम सामान्य सेवा केंद्र पर जाकर अपने विवाद और दावे दाखिल कर सकते हैं।

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निगरानी: श्रमिक पोर्टल (Worker Portal) पर ही अपने विवादों/दावों की स्थिति की निगरानी कर सकते हैं।

पारदर्शिता: शिकायत निवारण प्रक्रिया के दौरान जारी किए गए सभी नोटिस और अन्य ऐसे दस्तावेज एसएमएस और ईमेल के माध्यम से ऑनलाइन भेजे जाते हैं।

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तेज़ निपटान: ऑनलाइन व्यवस्था ने मामलों के तेज़ निपटान में मदद की है।

निगरानी: पोर्टल शिकायतों की आंतरिक निगरानी के लिए उपकरण प्रदान करके दक्षता बढ़ाने में भी मदद करता है। शिकायतों में औद्योगिक विवाद, दावे और शिकायतें शामिल हैं।

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