Bhilai टाउनशिप, हॉस्पिटल, HRA संग सुविधाओं का खुलेगा पिटारा
अज़मत अली, भिलाई। बीएसपी आफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेंद्र कुमार बंछोर लगातार चौथी बार अध्यक्ष बन गए हैं। साथ ही कोषाध्यक्ष अंकुर मिश्र भी निर्विरोध चुनाव जीत चुके हैं। महासचिव पद पर परविंदर सिंह आगे चल रहे हैं। ओए की आगे की प्लानिंग पर नरेंद्र कुमार बंछोर ने सूचनाजी.कॉम से बातचीत की। भिलाई टाउनशिप से लेकर प्लांट तक पर बड़ी तैयारी करके रखे हुए हैं। पढ़िए, एनके बंछोर ने क्या-क्या जानकारी साझा की है।
-टाउनशिप की प्रॉपर्टी को बचाना है। आवास, जमीन और भवन, स्कूल को लेकर प्लानिंग है। सुंदर भिलाई, स्वच्छ भिलाई और सुरक्षित भिलाई का स्लोगन है।
-खाली मकानों को लाइसेंस पर दिलाना पहली प्राथमिकता है। लीज मुश्किल है, लाइसेंस का दायरा बढ़ाने पर टार्गेट है। कर्मचारियों को साढ़े 600 और अधिकारियों को 900 स्क्वायर फीट का आवास लाइसेंस पर दिलाना है, ताकि अवैध कब्जे से बचाया जा सके।
-स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार दिलाना है। एमपी के समय भी पहचान थी, उसको वापस दिलाना है। इसके लिए कुछ डाक्टरों से टाइअप हुआ है। रिटायर डाक्टर को तीन-5 साल तक अनुबंध पर रखा जाए, ताकि डीएनबी सीट को बचाया जा सके।
-विशेषज्ञ न्यूरो, कॉडिलॉजी के एक्सपर्ट नहीं है। किसी संस्था से टाइअप कराना है। रेफरर से बचाना है। परिवार को परेशानियों से बचाना है। इंफ्रास्ट्रक्चर का सही से इस्तेमाल किया जा सकेगा।
-प्रयास होगा कि सेक्टर-9 हॉस्पिटल को मेडिकल कॉलेज का दर्जा दिलाना है। सफदरगंज और लखनऊ पीजीआई के तर्ज पर काम कराना है। बीएसपी के पास इंफ्रास्ट्रक्चर है, जिसका सही से इस्तेमाल किया जाना है। डाक्टरों के लिए भी बेहतर होगा।
-रावघाट माइंस बीएसपी की लाइफलाइन है। इसको जल्द से जल्द चालू कराने पर काम किया है। ए-ब्लॉक पर पेड़ कटना बाकी है। प्रयास होता रहा, अब इसको जल्द पूरा करेंगे। 2023 में ही पेड़ कटाई का काम कराना है। बीएसपी का प्रोडक्शन बढ़ेगा। इसके साथ ही 7 एमटी से 10 एमटी की तरफ बढ़ जाएंगे। शासन से बातचीत का दायरा बढ़ाया जाएगा।
-सार्वजनिक इस्पात उपक्रमों के विनिवेश के बजाय उनके रणनीतिक विलय पर नए सीरे से काम कराया जाएगा। मंत्रालय से लेकर पीएमओ तक बातचीत की जाएगी।
–एचआरए की पॉलिसी: बीएसपी वाले प्राइवेट कॉलोनी में रहते हैं। सेल प्रबंधन से मांग कर रहे हैं कि एचआरए की मांग कर रहे हैं। थर्ड पीआरसी के हिसाब से नए बेसिक का 16 प्रतिशत एचआरए मिलना चाहिए। 2014 के बाद वाले को एचआरए नहीं मिलता है।
–वर्क लाइफ बैलेंस: अधिकारी तनाव में रहते हैं। सेहत को लेकर तनाव की स्थिति है। प्रबंधन से चर्चा करके लाइफ को बेहतर बना है। वर्किंग ऑवर को कम करना और कांफ्रेंस और मीटिंग का टाइम बहुत होता है, इसको कम कराना है।
-सेफ्टी: इसको लेकर मीटिंग बहुत हो रही है, लेकिन वास्तव में काम नहीं हो रहा है। लगातार हादसों ने तनाव बढ़ाया है। ओए जागरुकता को लेकर अभियान चलाएगा। साइट पर मीटिंग कराने पर फोकस होगा।
-इंसीडेंटल एसपेंसेस, मोबाइल रिएम्बेसमेंट को लेकर काम कराना है।
-प्रमोशन पॉलिसी में संसोधन कराना है। ई-7 से ई-8 को वरिष्ठता का लाभ नहीं मिल रहा है। वरिष्ठता के क्रम को बढ़ाना है। सेल स्तर पर सीनियारिटी बनाने पर काम होगा।
-जूनियर आफिसर 2018 व 2022 के नोशनल सीनियारिटी पर काम कराया जाएगा।