बोकारो स्टील प्लांट में गैस रिसाव का मॉकड्रिल, जख्मी कर्मियों को उठाकर ले गए, पहुंचे DC-SP, भावी DIC

Mock Drill of Gas Leak in Bokaro Steel Plant Treatment of Injured Workers DC-SP Future DIC Arrived
  • एनडीआरएफ समय समय पर यहां सीबीआरएन मॉकड्रिल अभियान चलाती है।
  • वर्ष 2023 के बाद लगभग 2 वर्षों के अंतराल के पश्चात आज पुनः मॉकड्रिल का आयोजन हुआ।
  • बीएसएल में आपात स्थितियों से निपटने के लिए वृहद पैमाने पर मॉक-ड्रिल आयोजित। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सीआईएसएफ शामिल।

सूचनाजी न्यूज, बोकारो। सेल के बोकारो स्टील प्लांट-बीएसएल में गैस रिसाव को लेकर वृहद पैमाने पर मॉकड्रिल आयोजित किया गया, जिसमे बीएसएल के कई विभागों जैसे गैस सेफ्टी (इएमडी), सेफ्टी, ब्लास्ट फर्नेस, प्लांट कंट्रोल, चिकित्सा सेवाएं, बीएसएल सिक्योरिटी इत्यादि के अलावा सीआईएसएफ, जिला-प्रशासन और एनडीआरएफ ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

गैस स्राव के किसी आपदा में तैयारियों का जायजा लेने के लिए किए गए इस मॉकड्रिल में ऐसी आपदा से निपटने के लिए परिचालनीय तैयारी, त्वरित प्रक्रिया का समय, सम्बंधित एजेंसियों को दुर्घटना सम्बन्धी सूचना की सम्प्रेषणीयता, चिकित्सीय व्यवस्था की मुस्तैदी और एकाधिक एजेंसियों के शामिल रहने की स्थिति में उनके बीच के समन्वय और कमान-श्रृंखला जैसे कई पहलुओं की परख हुई, ताकि समय आने पर बचाव अभियान सुचारु रूप से सफल हो सके।

प्रातः लगभग 11 बजे से शुरू हुई ये मॉकड्रिल डेढ़ घंटे तक चली। मॉकड्रिल में इस तरह के आपात स्थिति को निपटने के लिए रही तैयारी के सभी प्रमुख बिंदु संतोषजनक पाए गए। मॉकड्रिल के दौरान चिन्हित स्थानों पर नियुक्त पर्यवेक्षकों ने मॉकड्रिल के परिणामों की चर्चा के लिए बुलाई बैठक में अपने अवलोकनों को एक दूसरे के साथ साझा किया।

इस मॉकड्रिल के दौरान बोकारो इस्पात संयंत्र तथा जिला प्रशासन के सभी वरीय अधिकारी यथा जिला उपायुक्त अजय नाथ झा, पुलिस अधीक्षक हरविंदर सिंह, अधिशासी निदेशक (वर्क्स) प्रिय रंजन, अधिशासी निदेशक (ऑपरेशन) अनूप कुमार दत्त, डीडीसी शताब्दी मजूमदार, एसडीएम चास प्रांजल ढाडा सहित बोकारो इस्पात संयंत्र एवं जिला प्रशासन के अन्य वरीय अधिकारी घटना की तैयारी के लिए बने इंसिडेंट पोस्ट पर मौजूद रहें।

मॉकड्रिल के सफल संचालन के पश्चात जिला आपदा पदाधिकारी शक्ति कुमार, सीआईएसएफ और एनडीआरएफ के 9वीं बटालियन के वरीय अधिकारीयों ने भी अपने प्रेक्षणों से सबों को अवगत कराया।

ज्ञातव्य हो कि बोकारो इस्पात संयंत्र झारखण्ड ही नहीं बल्कि पुरे पूर्वी भारत की एक प्रमुख औद्योगिक इकाई है। इस्पात संयंत्र होने के नाते ये एक थर्मो-सेंसिटिव इकाई है जहाँ रासायनिक खतरों के तत्व विद्यमान होते है।

इसी के मद्देनज़र एनडीआरएफ समय समय पर यहां सीबीआरएन मॉकड्रिल अभियान चलाती है। वर्ष 2023 के बाद लगभग 2 वर्षों के अंतराल के पश्चात आज पुनः इस सीबीआरएन मॉकड्रिल का आयोजन आज जिला प्रशासन के सहयोग से किया गया।