शायद मान्यता चुनाव नहीं चाहती हैं भिलाई स्टील प्लांट की अधिकांश यूनियनें

Perhaps most of the unions of Bhilai steel plant do not want recognition elections
सीटू ने 24 सितंबर को भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन को पत्र देकर मान्यता चुनाव की प्रक्रिया शुरू करने की मांग की।
  • 23 सितंबर को पिछले मान्यता यूनियन के कार्यकाल समाप्त हो चुका है।

सूचनाजी न्यूज़, भिलाई। आई डी एक्ट (ID Act) के तहत होने वाले मान्यता चुनाव में सर्वाधिक वोट प्राप्त यूनियन को 2 साल के लिए मान्यता दिया जाता है। पिछली मान्यता यूनियन का कार्यकाल 23 सितंबर 2024 को समाप्त हो चुका है, उसके बाद सामान्यतया मान्यता चुनाव के लिए यूनियनों को मांग करनी पड़ती है।

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यूनियन के मांग पर

प्रबंधन चुनाव के लिए कार्यवाही शुरू करता है। किंतु भिलाई में पिछले यूनियन की मान्यता कार्यकाल समाप्त होने के बाद सीटू को छोड़कर किसी भी यूनियन ने मान्यता चुनाव करवाने के लिए प्रबंधन को पत्र नहीं दिया है। ऐसा लगता है कि शायद भिलाई की अधिकांश यूनियनें मान्यता चुनाव नहीं करवाना चाहते हैं।

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सीटू ने दिया था 24 सितंबर को मान्यता चुनाव कराने संबंधी पत्र

सीटू के महासचिव जगन्नाथ प्रसाद त्रिवेदी ने बताया कि 23 सितंबर को पिछले मान्यता यूनियन के कार्यकाल समाप्त होने के बाद यूनियन की पदाधिकारी समिति ने 24 सितंबर को भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन को पत्र देकर मान्यता चुनाव की प्रक्रिया शुरू करने की मांग की। सीटू का मानना है कि कर्मियों के लिए हमेशा संयंत्र में मान्यता यूनियन का रहना आवश्यक है चाहे कोई भी यूनियन चुनाव जीत कर मान्यता में आए अर्थात हार जीत से ऊपर उठकर जल्द से जल्द मान्यता चुनाव करवाने के लिए सभी यूनियनों द्वारा प्रबंधन को पत्र देना चाहिए।

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क्या-क्या फायदा होता है मान्यता चुनाव से

मान्यता चुनाव में सर्वाधिक वोट पाने वाले यूनियन को 2 वर्ष के लिए मान्यता यूनियन का दर्जा मिलता है मान्यता प्राप्त यूनियन को कर्मियों के पक्ष में स्थानीय स्तर पर प्रबंधन के साथ चर्चा कर निर्णय लेने का अधिकार होता है एवं आवश्यकता अनुसार एग्रीमेंट करने का पावर मिलता है। साथ ही साथ कर्मियों के लिए संयंत्र में सेफ्टी कमेटी, कैंटीन मैनेजिंग कमेटी, सहित कई वेलफेयर कमेटियों का गठन किया जाता है, जिनका काम सुरक्षा से लेकर कैंटीन की व्यवस्था देखने एवं कर्मियों के पक्ष में ज्यादा से ज्यादा वेलफेयर गतिविधियों को संचालित करने का होता है।

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शून्य काल में क्या स्थिति रहती है पिछली मान्यता यूनियन की

मान्यता कल समाप्त होते ही शून्य काल की स्थिति शुरू हो जाती है जिसमें पिछली मान्यता प्राप्त यूनियन को प्रबंधन के साथ किसी भी नीतिगत मुद्दों पर निर्णय लेने अथवा समझौता करने का अधिकार नहीं रहता है। इस शून्य काल में पिछली मान्यता यूनियन प्रबंधन के साथ विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने का अधिकार रहता है। ऐसी चर्चा करने का अधिकार अन्य प्रतिनिधि यूनियनों को भी प्राप्त रहता है।

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खत्म हो जाती है एनजेसीएस की सदस्यता

संयंत्र में मान्यता प्राप्त यूनियन को मान्यता यूनियन के नाते कर्मियों का प्रतिनिधित्व करने के लिए एनजेसीएस में सदस्यता मिलती है, जो मान्यता कार्यकाल के समाप्ति के साथ ही समाप्त हो जाती है। अर्थात यह सदस्यता केवल मान्यता प्राप्त यूनियन के नाते दिया जाता है मान्यता यूनियन के नाते प्राप्त एनजेसीएस की सदस्यता के समाप्त होते ही संयंत्र कर्मियों का प्रतिनिधित्व भी खत्म हो जाता है। इसीलिए जल्द से जल्द मान्यता चुनाव को संपन्न कराया जाना चाहिए।

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