तालपुरी इंटरनेशनल कॉलोनी की बदबू करें दूर, जनता अब हो रही मजबूर

Remove the stench of Talpuri International Colony, the public is now being forced
  • तालपुरी कॉलोनी एवं कॉलोनी से लगे क्षेत्र में निगम द्वारा कराये जा रहे विकास कार्यों में लेटलतीफी, गुणवत्ता आदि मे आ रही शिकायतों को देखते इन कार्यों में पारदर्शिता लाने की जरूरत है।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। तालपुरी इंटरनेशनल कॉलोनी बी-ब्लॉक के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) की समस्या समाधान के लिए एक बार फिर रहवासी रिसाली नगर निगम पहुंचे। एक प्रतिनिधि सुनील चौरसिया के नेतृत्व में रिसाली नगर पालिक निगम के आयुक्त आशीष देवांगन से मिलकर कॉलोनी में स्थित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के बदबू की समस्या एवं इसके निराकरण की दिशा निगम की ओर से अब तक की गई कार्यवाही के संबंध में चर्चा की गई।

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इस संबंध में आयुक्त ने बताया कि वे निरंतर सुडा मुख्यालय रायपुर के संपर्क में हैं। पुनः स्मरण पत्र भेजा जाएगा। इस पर सुनील चौरसिया ने कुछ दिनों बाद पुनः आकर चर्चा की बात कही, जिसमें एसटीपी पीड़ित अन्य रहवासी भी शामिल रहेंगे।

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सुनील चौरसिया ने आयुक्त को अन्य विषय पर ज्ञापन पत्र सौंपते हुए मांग किया कि तालपुरी कॉलोनी एवं कॉलोनी से लगे क्षेत्र में निगम द्वारा कराये जा रहे विकास कार्यों में लेटलतीफी, गुणवत्ता आदि मे आ रही शिकायतों को देखते इन कार्यों में पारदर्शिता लाने की जरूरत है।

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उदाहरण के लिए तालपुरी बी ब्लॉक के मुख्य द्वार पर केटल गार्ड का कई बार निर्माण व सुधार किया गया। महीनों लोग हलाकान रहे। फिर भी यह उपयोगी नहीं है। गाय आसानी से पार कर कॉलोनी में आती-जाती रहती हैं। तालपुरी ए-ब्लॉक के पीछे सड़क के कलवर्ट निर्माण व बीटी रोड संधारण कार्य में बार-बार सुधार व पुनर्निर्माण कार्य किया गया, जिससे लगभग 2 वर्षों तक जनता हलाकान रही।

आवागमन में भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। ऐसे अन्य कई कार्य हैं, जिससे गंभीरता व जवाब देही पर प्रश्न चिन्ह लगाती है। इसके लिए सुनील चौरसिया का सुझाव था कि ठेका कार्यों की विस्तृत जानकारी की तख्ती कार्य स्थल पर लगाई जानी चाहिए।

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इसके अलावा निगम कार्यालय में भी जनता के निरीक्षण के लिए ठेके से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध रहना चाहिए, जिससे ठेका एजेंसी एवं संबंधित अभियंता में सामाजिक उत्तरदायित्व व जावदेही की भावना पैदा हो सके, क्योकि सरकारी फंड कहीं न कहीं जनता का ही पैसा है। प्रतिनिधि मंडल में सुनील चौरसिया के अलावा डॉ. लक्ष्यप्रद, एसआर मालवीय, चिरंजीत चौधरी, त्रिपेंद्र नाथ ठाकुर आदि शामिल थे।

निगम आयुक्त को जानकारी देने के साथ दिया सुझाव

1). मुख्य ठेकेदार एवं ठेका संस्थान का नाम (ठेका संस्थान के मालिक का नाम)।
2). ठेके का प्रकार, लागत एवं अवधि।
3). ठेके के संक्षिप्त विवरण (scope of work) आदि।

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