- भिलाई स्टील प्लांट के कर्मचारियों की जान खतरे में।
- असुरक्षित तरीके से रेलवे लाइन पार करने को मजबूर कर्मचारी।
- खड़ी मालगाड़ी के नीचे से भी गुजर रहे कर्मचारी।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भिलाई स्टील प्लांट (Bhilai Steel Plant) में बायोमेट्रिक अनिवार्य होने के बाद अचानक से यातायात व्यवस्था पटरी से उतर चुकी है। जाम लग रहा है और हादसे का डर बना हुआ है। प्लांट के अंदर मालगाड़ियों की आवाजाही ड्यूटी टाइम में होने से समय पर कार्मिक कार्यस्थल पर नहीं पहुंच पा रहे हैं। वहीं, बोरिया गेट के बाहर सड़क पर ही भारी वाहन खड़ा करने से हालात बेकाबू हो रहे हैं। सेफ्टी डिपार्टमेंट को झकझोरते हुए इंटक ने मांग किया है कि सुबह 8:30 से 9:15 बजे तक संयंत्र में माल गाड़ियों के रोड क्रॉस करने पर रोक लगाया जाए।
स्टील इंप्लाइज यूनियन (Steel Employees Union) के पदाधिकारियो की बैठक में मुद्दा उठाया गया। सुबह 8:30 से 9:15 बजे तक संयंत्र के भीतर मालगाड़ी के रोड क्रॉसिंग पर रोक लगाने की मांग की गई। साथ ही संयंत्र भवन से प्लेट मिल वर्क्स बिल्डिंग तक लाइट लगाने, खुर्सीपार हेल्थ सेंटर में भी बायोमेट्रिक मशीन लगाने, प्लांट में रेस्ट रूम एवं टॉयलेट की स्थिति सुधारने की मांग की है।
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बैठक में वरिष्ठ सचिव राजकुमार ने कहा कि ठेका कर्मियों का बायोमेट्रिक अटेंडेंस (Bio metric Attendance) शुरू किया गया, तब प्रबंधन ने कहा कि अब ठेका श्रमिकों को पूरा वेतन मिलेगा। लेकिन संयंत्र के ज्यादातर विभागों में ठेका श्रमिकों का डीपीआर से ही अटेंडेंस बन रहा है।
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यह सब ऑपरेटिंग अथारिटी एवं ठेकेदार के मिली भगत से हो रहा है। इस पर प्रबंधन का ध्यान नहीं है। सचिव ताम्रध्वज सिन्हा ने कहा कि सुबह जनरल शिफ्ट ड्यूटी आने पर संयंत्र के ऐसे विभाग जो मेन गेट एवं बोरिया गेट से बहुत दूरी पर ,है वहां जाते समय कर्मचारियों को बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि ओएचपी-बी में काम करने वाले कर्मचारियों को जोरातराई गेट भी पार करना पड़ता है। इस दौरान एसएमएस 2 के पास एवं जोरातराई गेट के पास माल गाड़ियों की क्रॉसिंग होती है, जिससे 15-20 मिनट तक कर्मचारियों को वहीं खड़ा रहना पड़ता है। इस दौरान जोरातराई गेट की तरफ से आने वाले ठेका श्रमिक खड़ी मालगाड़ी के नीचे से भी आना जाना करते हैं, जिससे कर्मचारियों की जान खतरे में रहती है।
प्रबंधन कर्मियों की समस्याओं की तरफ ध्यान नहीं दे रहा है। उन्होंने कहा कि जिस तरह बोरिया गेट के पास 8:30 से 9:15 बजे तक वन वे किया गया है। इसी तरह सुबह 8:30 से 9:15 तक संयंत्र में मालगाड़ी के सड़क क्रॉस करने पर भी रोक लगाया जाए, ताकि कर्मचारी समय पर ड्यूटी पहुंच सकें।
यूनियन के सचिव गणेश सोनी ने कहा कि संयंत्र भवन से प्लेट मिल वर्क्स बिल्डिंग तक सड़क पर अंधेरा रहता है। रात में यहां जान जोखिम में डालकर कर्मचारी आते जाते हैं। सेफ्टी विभाग इस पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रहा है।
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उपमहासचिव अनिमेश पसीने ने कहा कि खुर्सीपार हेल्थ सेंटर में ड्यूटी करने वाले कर्मचारी बायोमैट्रिक अटेंडेंस लगाने सेक्टर 1 आते हैं, उसके बाद ड्यूटी पर जाते हैं। यदि बीच में किसी भी तरह की दुर्घटना होती है तो क्या प्रबंधन उसकी जिम्मेदारी लेगा?
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महासचिव वंश बहादुर सिंह ने कहा कि कर्मचारियों की इन समस्याओं को प्रबंधन से चर्चा कर जल्द समाधान कराया जाएगा। बैठक में कार्यकारी अध्यक्ष पूरण वर्मा, अतिरिक्त महासचिव शेखर कुमार शर्मा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष पीवी राव, एस रवि, कोषाध्यक्ष दीनानाथ सिंह सार्वा, उप कोषाध्यक्ष जीआर सुमन, उप महासचिव रमाशंकर सिंह, शिव शंकर सिंह, अनिमेष पसीने, सीपी वर्मा, वरिष्ठ सचिव राजकुमार, जीके अग्रवाल, रेशम राठौर, के रमन मूर्ति, ज्ञानेंद्र पांडे, उमापति मिश्रा, सचिव ताम्रध्वज सिंहा, गणेश सोनी, डी शंकर राजकुमार (आरईडी), जितेंद्र अग्रवाल, किशोर प्रधान, आरिफ मंजर, राकेश तिवारी, अजीत मोहन सोनी आदि उपस्थित थे।